Posts

Showing posts from November, 2019

Featured Post

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

Image
पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

धूलिया श्री संघ में एकता हुई

पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरुष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म-सा- के शिष्य पूज्य गुरुदेव अवंति तीर्थाेद्धारक खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म-सा- की पावन प्रेरणा से धुलिया श्री संघ के राजस्थानी समाज में चल रहा 5 वर्षों का मनमुटाव समाप्त हो गया। इस मनमुटाव के चलते श्री संघ के कई कार्य अटके हुए थे। पूज्य आचार्यश्री ने चातुर्मास प्रवेश के साथ ही संघ एकता हेतु प्रयास किये थे। राजस्थानी समाज के दोनों पक्षों के साथ पूज्य आचार्यश्री ने विशद वार्तालाप किया। परिणाम स्वरूप ता- 4 नवम्बर 2019 को एकता की घोषणा की गई। पूज्य आचार्यश्री ने अपने हस्ताक्षरों से लिखकर समझौता पत्र श्री शीतलनाथ भगवान संस्थान को अर्पित किया। दोनों पक्षों ने परस्पर मिच्छामि दुक्कडं दिया--- परस्पर गले मिले। पूज्य आचार्यश्री ने ता- 5 नवम्बर को प्रवचन में ज्योंहि एकता की घोषणा की, सकल श्री संघ में परम आनंद की लहर छा गई। पूज्यश्री ने कहा- श्री संघ में मतभेद हो सकते हैं। लेकिन मनभेद कभी भी नहीं होना चाहिये। संघ की एकता ही संघ की सबसे बडी ताकत है। संघ की एकता सदा बनी रहे, यही दादा गुरुदेव से प्रार्थ...