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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

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पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म . सा . के द्वारा सूरिमंत्र की तृतीय पीठिका की साधना दि . 4 अक्टुबर से 28 अक्टुबर तक होगी। साधना के दौरान दर्शन - वार्ता आदि संभव नहीं होंगे। महामांगलिक दि . 28 अक्टुबर को होगी। महामांगलिक में सभी अवश्य पधारें।

नंदुरबार नगर में चातुर्मास निमित्त कार्यक्रम संपन्न, श्री चम्पा बालिका मंडल द्वारा ‘माँ की ममता हमें पुकारे’ नाटिका प्रस्तुत की गयी

नंदुरबार 12 अगस्त। महत्तरा पदविभूषिता पू . श्री चंपाश्रीजी म . एवं पू . साध्वी श्री जितेंद्रश्रीजी म . की सुशिष्या धवलयशस्वी पू . साध्वी विमलप्रभाश्रीजी म . , पू . साध्वी हेमरत्नाश्रीजी म . , पू . साध्वी जयरत्नाश्रीजी म . , पू . साध्वी रश्मिरेखाश्रीजी म . , पू . साध्वी चारुलताश्रीजी म . , पू . साध्वी नूतनप्रियाश्रीजी म . , पू . साध्वी चारित्रप्रियाश्रीजी म . ठाणा 7 की पावन निश्रा में नंदुरबार नगर में चातुर्मास बड़े हर्ष उल्लास से चल रहा है। इस निमित्त अनेक धार्मिक कार्यक्रम , अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। हाल ही में 12 अगस्त को माँ की ममता हमें पुकारे .. जिसमें सौतेली माता पर आधारित एक सुंदर नाटिका श्री चंपा बालिका मंडल की बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत की गयी। जिसमें सगी माँ के मर जाने के बाद जब सौतेली माँ घर में आती है और बच्चों के साथ सौतेलेपन के व्यवहार पर आधारित इस नाटिका को जिस - जिस ने यह नाटिका देखी वह अपने आंसुओं को छुपा नहीं पाए। अंत में सगी माँ के दि...

बाड़मेर में बह रही ज्ञानगंगा-धारा

बाड़मेर। पू. खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरिजी महाराज साहब के शिष्यरत्न पूज्य विपुल साहित्यसर्जक मुनिराज श्री मनितप्रभसागरजी म. , तपस्वी मुनि श्री समयप्रभसागरजी म. , मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म. एवं मुनि श्री श्रेयांसप्रभसागरजी म. का बाड़मेर नगर में भव्यातिभव्य चातुर्मास गतिमान है। चातुर्मासिक प्रवचनों में नित्य ही विशाल जनसमूह के रूप मंे लगभग 1300 लोग उपस्थित रहते हैं। पू. मुनि भगवंत की निश्रा में अनेकानेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिनमें पुणिया श्रावक की सामायिक , खरतरगच्छ उत्पत्ति , नेमिनाथ दीक्षा कल्याणक महोत्सव किये गये। पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक के अवसर पर पार्श्वनाथ तीर्थ भावयात्रा , 22 परिषहों की संगीतमय विवेचना इत्यादि , 18 पाप स्थानक आलोचना , अनेक विषयों पर प्रवचन चले। रविवार को होने वाले प्रवचनों में लगभग 2000 की तादाद में लोग उपस्थित हो रहे हैं। रोज सुबह 6.30 से 7.00 बजे तक जैन जीवन शैली की कक्षा भी निरंतर गतिमान है। तपस्या का अनोखा ठाठ लगा हुआ   है। सिद्धितप , श्रेणीतप , गणधर तप , सांकली , अट्ठम , सांकली एकासना इत्यादि तपस्याओं का सुन्दर ...