आवेश में आना बहुत आसान है। आवेश
में निर्णय करना भी बहुत आसान है। और आवेश में किये गये निर्णय को क्रियान्वित करने
के लिये और ज्यादा आवेश में आना भी बहुत आसान है। किन्तु यह स्थिति आदमी को बहुत नुकसान
पहुँचाती है।
क्योंकि आवेश का अर्थ होता है-
किसी एक तरफ दिमाग का जड हो जाना! वह वही देखता है.. उसे उन क्षणों में और कुछ नजर
नहीं आता। उसका दिमाग... उसके विचार.. बस! एक ही दिशा में दौडते हैं। दांये बांये,
आगे पीछे की दृष्टि को जैसे ताला लग गया हो!
वह एकांगी हो जाता है। और इस
कारण उसका निर्णय सर्वांगीण नहीं हो पाता। उसका निर्णय मात्र उस समय की घटना या परिस्थिति
पर ही आधारित होता है। वह उसके परिणाम के बारे में विचार नहीं करता। उसका निर्णय परिणामलक्षी
नहीं होता।
मुश्किल यह है कि निर्णय तो तत्काल
के आधार पर लेता है, पर उसका निर्णय उसके पूरे जीवन को प्रभावित करता है। एक बार निर्णय
होने के बाद उससे पीछा छुडाना आसान नहीं होता।
इसलिये शान्ति और आनंद का पहला
सूत्र है- आवेश में मत आओ! लेकिन बहुत मुश्किल है इस सूत्र के आधार पर चलना। क्योंकि
जीवन विभिन्न राहों से गुजरता है। बहुत मोड हैं इसमें! तब अपने आपको संभालना मुश्किल
हो जाता है।
तब दूसरे सूत्र का उपयोग करो-
आवेश में आना पडे तो आओ, मगर उन क्षणों में कोई निर्णय मत लो! उन क्षणों का निर्णय
निश्चित ही तुम्हारे जीवन रस धार में जहर भरने का काम करेगा। वह जिंदगी भर की कमाई
को पल भर में साफ कर देगा। इसलिये यदि शांति चाहते हो तो आवेश के क्षणों में निर्णय
लेना टालो। लेकिन मन को समझाना बहुत मुश्किल है। शांति की स्थिति में निर्णय लेने में
अत्यंत आलसी होता है। परन्तु आवेश के क्षणों में जल्दबाजी करता है।
तब तीसरे सूत्र का उपयोग करो-
आवेश में लिये गये निर्णय को कभी भी क्रियान्वित मत करो! उसे रोक दो। मन को थोडा सोचने
का मौका दो! थोडा उसे धीरज मिलने दो! तब निर्णय पर मन अपने आप पुनर्विचार करेगा और
तब पायेगा कि अच्छा हुआ जो निर्णय को स्वर नहीं दिया अन्यथा बहुत अनर्थ हो जाता।
हालांकि मन आवेश के क्षणों में
लिये गये निर्णय को क्रियान्वित करने के लिये बहुत उतावला हो जाता है। वह एक क्षण भी
रूकना नहीं चाहता। वह न पीछे मुडकर देखना चाहता है... न आगे की रोशनी उसे नजर आती है।
उन क्षणों में अपने चित्त को
समझाना है। जो व्यक्ति आवेश के क्षणों में कुछ पलों के लिये भी संभल जाता है, वह अपने
जीवन की तस्वीर में मोहक रंग भर लेता है।
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