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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

माता पिता का सम्मान करने के 35 तरीके...

(भगवान ... हमें इन दिशा निर्देशों का पालन करने की क्षमता व भावना दे)
1. उनकी उपस्थिति में अपने फोन को दूर रखो
2. वे क्या कह रहे हैं इस पर ध्यान दो
3. उनकी राय स्वीकारें
4. उनकी बातचीत में सम्मिलित हों
5. उन्हें सम्मान के साथ देखें
6. हमेशा उनकी प्रशंसा करें
7. उनको अच्छा समाचार जरूर बताये 

8. उनके साथ बुरा समाचार साझां करने से बचें
9. उनके दोस्तों और प्रियजनों से अच्छी तरह से बोलें
10. उनके द्वारा किये गए अच्छे काम सदैव याद रखें
11. वे यदि एक ही कहानी दोहरायें तो भी ऐसे सुनें जैसे पहली बार सुन रहे हो
12. अतीत की दर्दनाक यादों को मत दोहरायें
13. उनकी उपस्थिति में कानाफूसी न करें
14. उनके साथ तमीज से बैठे
15. उनके विचारों को न तो घटिया बताये न ही उनकी आलोचना करें
16. उनकी बात काटने से बचें
17. उनकी उम्र का सम्मान करें
18. उनके आसपास उनके पोते/पोतियों को अनुशासित करने अथवा मारने से बचें
19. उनकी सलाह और निर्देश स्वीकारें
20. उनका नेतृत्व स्वीकार करें
21. उनके साथ ऊँची आवाज में बात न करें
22. उनके आगे अथवा सामने से न चलें
23. उनसे पहले खाने से बचें
24. उन्हें घूरें नहीं
25. उन्हें तब भी गौरवान्वित प्रतीत करायें जब कि वे अपने को इसके लायक न समझें
26. उनके सामने अपने पैर करके या उनकी ओर अपनी पीठ कर के बैठने से बचें
27. न तो उनकी बुराई करें और न ही किसी अन्य द्वारा की गई उनकी बुराई का वर्णन करें
28. उन्हें अपनी प्रार्थनाओं में शामिल करें
29. उनकी उपस्थिति में ऊबने या अपनी थकान का प्रदर्शन न करें
30. उनकी गलतियों अथवा अनभिज्ञता पर हँसने से बचें
31. कहने से पहले उनके काम करें
32. नियमित रूप से  उनके पास जायें
33. उनके साथ वार्तालाप में अपने शब्दों को ध्यान से चुनें
34. उन्हें उसी सम्बोधन से सम्मानित करें जो वे पसन्द करते हैं
35. अपने किसी भी विषय की अपेक्षा उन्हें प्राथमिकता दें
माता - पिता इस दुनिया में सबसे बड़ा खजाना हैं...

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