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पालथी मारकर बैठने का यह फायदा जान लीजिए।।। विज्ञान ने भी माना पालथी मारकर बैठने के हैं चमत्कारिक लाभ।।।
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कुर्सी पर पालथी मारकर बैठना या पंजों के बल जमीन पर बैठना आधुनिक दृष्टि से भले ही हीनता का प्रतीक माना जाए पर अध्यात्मविदों के अनुसार व्यक्ति की माली हालत कैसी भी हो, उसे पालथी मार कर ही बैठना चाहिए।
यह सुविधा या स्थिति हर वक्त नहीं मिलती, पर पालथी मारकर बैठने से व्यक्ति का स्वास्थ्य, दिमाग और आत्मविश्वास मजबूत होता है।
महर्षि वेद विद्या प्रतिष्ठान के स्वामी चिदविलासानंद के मुताबिक पालथी मारकर बैठने से व्यक्ति का स्वरूप मंदिर की तरह बन जाता है और आकाश से उतरने वाली सूक्ष्म ऊर्जा सहस्त्रार चक्र के सहारे पूरे शरीर में घूम जाती है।
जबकि पैर अगर धरती पर हों तो शरीर की स्थिति तड़ितचालक जैसी हो जाती है और विद्युत ऊर्जा शरीर की यात्रा करती हुई जमीन में उतर जाती है। इस बात को वैज्ञानिक तौर पर भी करीब करीब सही पाया गया है।
पालथी मारकर भोजन करने का लाभ
कैलीफोर्निया के बर्कले इंस्टिट्यूट में हुए शोध प्रयोगों के अनुसार पालथी मारकर बैठे व्यक्ति पर आकाश से गिरी बिजली का उतना असर नहीं होता, जितना जमीन पर पैरों के तले लगाकर बैठे या खड़े व्यक्ति पर होता है।
यह बात अभी और भी अध्ययन अनुसंधान का विषय बनी हुई है। लेकिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान के मुताबिक पालथी मारकर किया गया भोजन कुर्सी मेज पर या खड़े होकर किए गए भोजन की तुलना में जल्दी पचता है। और जरूरत से ज्यादा खाया भी नहीं जा सकता।
जमीन पर बैठ कर किए गए योग और ध्यान का अभ्यास जल्दी कारगर होते हैं। महर्षि रमण की जीवनी पर पाल रिचार्ड ने लिखा है कि भारत में योगियों को ज्यादा सफलता मिलती है, इसकी एक वजह सुखासन से बैठना या मंदिर जैसी आकृति बनाकर साधना में उतरना भी एक बड़ा कारण है।
इस तरह बैठकर योग ध्यान करने से सत्तर प्रतिशत मन की एकाग्रता ज्यादा सधती है। इस सबकी क्या वजह है, इस पर खोज चल रही है।
Sent from JAHAJ MANDIR
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