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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

Bikaner Chaturmas गुरुदेव श्री मनोज्ञसागरजी म. सा. व बाल मुनि नयज्ञसागरजी म. सा. ठाणा 2 का धर्म नगरी बीकानेर नगर में 25/07/15 को ऐतिहासिक भव्य चातुर्मास प्रवेश हुवा।

खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत मज्जिन श्री कांतिसागरसूरीश्वरजी म.सा.के शिष्य एवं  वर्तमान गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. सा. के आज्ञानुवर्ती ब्रह्मसर तीर्थोद्धारक, वशीमालानी रत्न शिरोमणि,प्राचीन तीर्थ बकेला पार्श्वनाथ जिर्णोद्वारक मुनि श्री मनोज्ञसागरजी म. सा. व बाल मुनि नयज्ञसागरजी म. सा. ठाणा 2 का धर्म नगरी बीकानेर नगर में 25/07/15 को ऐतिहासिक भव्य चातुर्मास प्रवेश हुवा। गुरुदेव का बीकानेर में तीसरा चातुर्मास है।
आप श्री की प्रवेश यात्रा प्रातः 8 बजे खजांची मार्केट से शरू हुई जो कोटगेट, मरोठी सेठिया, मुकीम बोथरा, श्री चिंतामणि जैन मंदिर, श्री आदिनाथ जी का मंदिर,नाहटा मोहल्ला, खजांची रामपुरिया मोहल्ला,राखेचा मोहल्ला, आसानी चोक, बांठिया मोहल्ला, बेदौ का चोक, श्री महावीरजी मंदिर, सुराणा मोहल्ला, बड़ा बाजार, ढ़ढ़ो का चोक, बेगानी मोहल्ला, कोचर चोक, सेठिया डागा पारख मोहल्ला, कोठारी मोहल्ला होते हुवे रांगड़ी चोक स्थित सुगनजी का उपाश्रय में पहच कर धर्म सभा में परिवतर्न हो गई। यह प्रवेश यात्रा लगभग 5 किलोमीटर के क्षेत्रो से गुजरी।
विभिन रंगः बिरंगी वेषभूषाओ से सुसज्जित महिलाओ ने कलश के साथ स्वागत किया।
बेंड की मधुर धुन पर भक्ति गीतों के साथ युवा भक्त अपने आप को नाचने से रोक नहीं पाये।
इस बीच भगवान महावीर के विभिन्न जयकारो की भी उदघोषणा जय जय कारा भी होता रहा।
इस प्रवेश यात्रा में बाहर से लगभग 600 श्रदालुओ ने बीकानेर पधार कर गुरुदेव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
इस अवसर पर मुम्बई,सूरत,भिवंडी, नवसारी, बाड़मेर, रामसर,जैसलमेर, बालोतरा, जोधपुर, भादरेश, सिणधरी, डंडाली, शेरगढ़, सांचोर, चितलवाना ब्रहमसर, पाली, भायंदर, अहमदाबाद, सेतरावा, बाजुवा, फलोदी, दल्लीराजहरा छत्तीसगढ़, दूदू जबलपुर ग्वालियर, रायपूर नगरी , गुजरात के कई क्षेत्रो से श्रदालु पधारे।
पूज्य गुरुदेव ने अपने प्रवेश प्रवचन में कहा कि मैं आप सभी से भावना रखता हूँ की क्या आप अपनी आत्मा के लिए रोजाना कितना समय दे सकते हो। चार महीनो के लिए सभी साधू संत  संघ के लिए पूरा समय देते है।
चार महीनो का चातुर्मास तभी सफल होगा जब आप सभी पूरा समय दोगे।
श्रावक श्राविका पुरा समय देंगे तब जाकर मेरा चातुर्मास सफल होगा। अपनी आत्मा के कल्याण के लिए जब आप जाग जावोगे तभी आपका  चातुर्मास सफल होगा।
जिनशासन को समृद्ध करने के लिये आप सभी को जागना जोगा। चातुर्मास जीवन परिवर्तन के लिए वाणी परिवर्तन आदि के लिए होता है।
बाहर से पधारे सभी संघो का बीकानेर संघ द्वारा बहुमान किया गया।
कार्यक्रम का मंच संचालक गायककार सुनील पारख बीकानेर ने किया।
कार्यक्रम के बाद संघ स्वामिवत्सल्य सूरज भवन में रखा गया।

समाचार संकलन
चम्पालाल छाजेड़
मुम्बई

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