पालीताणा स्थित जिनहरि विहार धर्मशाला में आज दि. 1 मार्च से प्रारंभ हुये अखिल भारतीय खरतरगच्छ महासम्मेलन की सम्पूर्णता ऐतिहासिक आचार्य पदारोहण समारोह से होगी।
आज प्रात: सम्मेलन के प्रारंभ में देव गुरु को वंदन कर सम्मेलन का प्रारंभ किया गया। सभा में सभी साधु साध्वी सहित अ.भा. खरतरगच्छ महासम्मेलन के वरिष्ट पदाधिकारी, सदस्य एवं देश भर के खरतरगच्छ संघों के प्रतिनिधियों ने गणाधीश मणिप्रभसागरजी महाराज को आचार्य पद स्वीकार करने के लिए विनती अर्ज की। गणाधीश महाराज ने सभी की विनती को मान देते हुये अपनी विनम्र स्वीकृति दी।
संघ प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से आग्रह करते हुये कहा कि इतनी संख्या में साधू साध्वियों एवं श्रावक श्राविकाओं की उपस्थिति और सिद्धाचल की पावन धरा में आचार्य एवं अन्य पदों का पदारोहण एक ऐतिहासिक उपलब्धि एवं गच्छ एकता और विकास का अनूठा उदहारण पेश करेगा। गुरुदेव की इस घोषणा के साथ ही सभा मंडप में हर्ष की लहर दौड गयी एवं जयकारे की गूंज से घोषणा का स्वागत किया गया।
मुनि मनोज्ञसागरजी म. एवं मुनि मणिरत्न सागर जी म. ने अपने उद्बोधन में समुदाय की एकता की आवश्यकता पर जोर दिया।
साथ ही साध्वी दिव्यप्रभाश्रीजी म., साध्वी शशिप्रभाश्रीजी म., साध्वी सुलोचनाश्रीजी म., साध्वी सूर्यप्रभाश्रीजी म., साध्वी विमलप्रभाश्रीजी म., साध्वी कल्पलताश्रीजी म., साध्वी विद्युत्प्रभाश्रीजी म., साध्वी लक्ष्यपूर्णाश्रीजी म., साध्वी संघमित्राश्रीजी म., साध्वी स्नेहय’ााश्रीजी म. आदि सभी ने कहा कि पद की जिम्मेदारी और व्यवस्था, समुदाय की उन्नति के लक्ष्य से होनी चाहिये।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में 61 वर्ष पूर्व फलोदी में सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
मुनि मेहुलप्रभसागर ने बताया कि इस अवसर पर मोहनचंद त्र्ा, तेजराज गुलेच्छा, विजयराज डोसी, भवरलाल छाजेड, बाबुलाल लुणिया, पुखराज तातेड, मांगीलाल मालु, प्रदीप गोकलानी, प्रकाश लोढा, पदम टाटिया, सुरेश लुणिया, दीपचंद बाफना, कमल मेहता, विनोद बोथरा आदि अनेक लोग उपस्थित थे।
प्रेषक- बाबुलाल लुणिया
महामंत्री
जिन हरि विहार, पालीताणा
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