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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

Samayik Benefits

सामायिक का लाभ  
          Samayik Benefits
1. समता पूर्वक करने से 92 करोड़ 59 लाख 24 हजार 925 पल्योपम (अर्थात् असंख्य वर्ष) जितना देव आयुष्य का बंधन होता है।
2. 20 मन की एक खंड़ी होती है-ऐसी लाख लाख सोने की खंडी एक लाख वर्ष तक प्रतिदिन कोई दान दे और दूसरा कोई एक सामायिक करें तो वह दान देने का पुण्य सामायिक के बराबर नहीं आ सकता।
3. नरक गति के बंध को तोडने की ताकत सामायिक में है ।
4. सामायिक करने से चार प्रकार के धर्म का पालन होता है।

1. दान धर्मः- चौदह राजलोक के 6 कायिकजीवों को अभयदान मिलता है।
2. शील धर्मः- सामायिक में शीलव्रत का पालन होता है। बालको से बालिका या
स्त्री का एवं बालिकाओं से बालकों या पुरुष का स्पर्श नही किया जा सकता ।
3. तप धर्मः- सामायिक में चारों प्रकार के आहार का त्याग होने के कारण तप
धर्म तथा काय क्लेश रुपी तप होता है।
4. भाव धर्मः- सामायिक की क्रिया भावपूर्वक करनी होती है। इस प्रकार चारों
धर्मो की आराधना हो जाती है।
5. श्राद्ध विधि प्रकरण ग्रंथ में लिखा हुआ है कि घर के बजाय उपाश्रय में सामायिक करने से एक आयंबिल तप का लाभ प्राप्त होता है।
6. जो जीव मोक्ष में गए है, जाते है तथा जाएंगे, यह सब सामायिक का प्रभाव है।

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