Featured Post

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

Image
पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

क्यों बनू मैं सीता ???

नारी कहे
क्यों बनू मैं सीता
तुम राम बनो या न बनो
मैं अग्नि परीक्षा में झोकी जाऊँगी
तुम तो फ़िर रहोगे महलो में
और मैं वनवास को जाऊँगी
000
नारी कहे
क्यों बनू मैं द्रोपदी
तुम धर्म-राज बनो या न बनो
मैं तो जुए में फ़िर हार दी जाऊँगी
तुम करोगे महाभारत सत्ता को
इसकी दोषी मैं रख दी जाऊँगी
000
नारी कहे
क्यों बनू मैं तारा
तुम हरिश्चंद बनो या न बनो
मैं तो नीच कहलादी जाऊँगी
मेरे बच्चे को मारोगे तुम
उसे जीवित कराने को मैं बुलाई जाऊँगी
000
नारी कहे
क्यों बनू मैं मीरा
तुम कान्हा बनो या न बनो
मेरी भक्ति तो फ़िर लज्जित की जायेगी
तुम को तो कुछ न होगा
और मैं विषपान को विवश की जाऊँगी
000
नारी कहे
क्यों बनू मैं अहिल्या
मैं तो फ़िर किसी इन्द्र के द्वारा छली जाऊँगी
और जीवन पत्थर बन राम की प्रतिक्षा में
बिताओंगी
000
नारी कहे ,
कोई बताय
क्यों बनू मैं आदर्श नारी
क्या कोई आदर्श पुरूष मैं पाऊँगी .........
Vikas jain

Comments

Popular posts from this blog

Tatvarth sutra Prashna

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।