राजस्थान में
गोल-उम्मेदाबाद निवासी श्री चंदनमलजी पारसमलजी बंदा मुथा के निवास स्थान में तीसरी
मंजिल पर बने जिन मंदिर के हाँल में परमात्मा विमलनाथ की पूजनीय पंच धातु प्रतिमा
प्रतिष्ठित की गई। संगमरमर की देवकुलिका में परिकर सहित परिकर की प्रतिष्ठा पूज्य
गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी
म.सा. एवं पूजनीया साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 5 एवं पूजनीया साध्वी श्री
विराग-विश्वज्योतिश्रीजी म. आदि ठाणा 3 के पावन सानिध्य में संपन्न हुई।
jahaj mandir, maniprabh, mehulprabh, kushalvatika, JAHAJMANDIR, MEHUL PRABH, kushal vatika, mayankprabh, Pratikaman, Aaradhna, Yachna, Upvaas, Samayik, Navkar, Jap, Paryushan, MahaParv, jahajmandir, mehulprabh, maniprabh, mayankprabh, kushalvatika, gajmandir, kantisagar, harisagar, khartargacchha, jain dharma, jain, hindu, temple, jain temple, jain site, jain guru, jain sadhu, sadhu, sadhvi, guruji, tapasvi, aadinath, palitana, sammetshikhar, pawapuri, girnar, swetamber, shwetamber, JAHAJMANDIR, www.jahajmandir.com, www.jahajmandir.blogspot.in,
Comments
Post a Comment
आपके विचार हमें भी बताएं