पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य भगवंत श्री
जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य गुरुदेव वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य
भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पू.
मुनि श्री समयप्रभसागरजी म. पू. मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म. पू. मुनि श्री
श्रेयांसप्रभसागरजी म. पू. मुनि श्री मलयप्रभसागरजी म. ठाणा 6
एवं पूजनीया आगम ज्योति प्रवर्तिनी श्री प्रमोदश्रीजी म.सा. की शिष्या पूजनीया
माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. पूज्य बहिन म. डा. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म.
आदि ठाणा, पू. महत्तरा पद विभूषिता समुदायाध्यक्षा श्री
चंपाश्रीजी म. की शिष्या पू. साध्वी श्री हेमरत्नाश्रीजी म. आदि ठाणा 3
एवं पू. साध्वी श्री मुक्तांजनाश्रीजी म. आदि ठाणा 3 के पावन
सानिध्य में सिणधरी नगर से श्री नाकोडाजी तीर्थ छह री पालित पद यात्रा संघ का भव्य
आयोजन संपन्न हुआ।
1700 यात्रियों के इस संघ का भव्य आयोजन
सिणधरी निवासी श्री भीकचंदजी धनराजजी देसाई परिवार द्वारा किया गया।
ता. 23 दिसम्बर को शुभ
मुहूत्र्त में संघ का प्रयाण हुआ। ता. 28 को नाकोडाजी
तीर्थ में भव्य प्रवेश हुआ। प्रवेश समारोह में पूज्य आचार्य श्री विजयकीर्तिचन्द्रसूरिजी
म. पूज्य गच्छाधिपति आचार्यश्री प्रद्युम्नविमलसूरिजी म. यतिवर श्री वसंतविजयजी म.
आदि का पदार्पण हुआ।
ता. 29 दिसम्बर को
माला विधान हुआ। चतुर्विध संघ की साक्षी से संघपति पद प्रदान किया गया। 1700
यात्रियों का ऐसा विशाल छह री पालित संघ पहली बार नाकोडाजी आया है।
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