पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य भगवंत श्री
जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य गुरुदेव वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य
भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पू.
मुनि श्री मलयप्रभसागरजी म. ठाणा 3 एवं पूजनीया आगम ज्योति प्रवर्तिनी
श्री प्रमोदश्रीजी म.सा. की शिष्या पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. पूज्य
बहिन म. डा. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा 8 का ता. 4
जनवरी 2018 को मोकलसर नगर में भव्यातिभव्य नगर प्रवेश
हुआ।
आचार्य पद ग्रहण करने के पश्चात् प्रथम बार
पूज्यश्री का अपनी जन्मभूमि में पदार्पण हुआ। मोकलसर गांव के प्रवासी बडी संख्या
में पधारे।
दादावाडी से भव्य शोभायात्रा का आयोजन हुआ। दो
वर्षों तक भोजनशाला के लाभार्थी श्री मूलचंदजी हुण्डिया परिवार द्वारा उद्घाटन
किया गया।
महावीर भवन में अभिनंदन समारोह का आयोजन किया
गया। इस अवसर पर प्रवचन फरमाते हुए पूज्यश्री ने अपनी माताजी, गुरुदेवश्री
एवं जन्मभूमि का उपकार माना।
पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. ने विरति
धर्म की महिमा की। पूजनीया बहिन म. डा. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. ने पूज्यश्री
के जीवन को पूर्ण सफल बताते हुए जीवन को सफल बनाना या जीवन में सफलता पाना,
इन दो वाक्यों की व्याख्या की। पू. साध्वी डा. श्री नीलांजनाश्रीजी
म. ने गुरु गुण गीतिका प्रस्तुत की।
पूज्यश्री को कामली वहोराने का लाभ श्री मूलचंदजी
हुण्डिया परिवार ने तथा गुरु पूजन का लाभ पूज्यश्री के सांसारिक ननिहाल पक्ष
श्रीमती जडावीदेवी कपूरचंदजी पालरेचा परिवार ने लिया।
इस अवसर पर संघवी तेजराजजी गुलेच्छा, भंवरलालजी
गुलेच्छा, रमेश लूंकड, अशोक पालरेचा,
सौ. रेणु पालरेचा आदि ने अपने भाव प्रस्तुत किये। संचालन संतोकचंदजी
श्रीश्रीमाल ने किया।
बाद में पूज्यश्री के सांसारिक परिवार श्री
बाबुलालजी रमेशकुमारजी लूंकड एवं ननिहाल परिवार श्रीमती जडावी देवी कपूरचंदजी
पालरेचा के घर संघ सहित पगले किये गये। श्री मूलचंदजी हुण्डिया परिवार में भी पगले
किये गये।
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