Featured Post

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

Image
पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

पूजनीया महत्तरा श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म. सा. का जन्म व दीक्षा दिवस मनाया गया


पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के सानिध्य में पूजनीया महत्तरा पद विभूषिता श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म.सा. का मौन एकादशी के दिन राजस्थान के झालावाड जिले के कुंडला नामक गॉंव में 77वां जन्म दिवस एवं 67वां दीक्षा दिवस मनाया गया।
यह विशेष रूप से ज्ञातव्य है कि उनका जन्म व दीक्षा दोनों एक ही दिन हुए थे। इस अवसर पर पूज्य आचार्यश्री ने महत्तराजी को वर्धापना देते हुए कहा- निश्चित ही आप पुण्यात्मा है जो इतने बडे पर्व के दिन आपका जन्म हुआ। उन्होंने फरमाया- जन्म व मृत्यु की तारीख की कोई निश्चिन्तता नहीं होती। ये तिथियॉं अपने हाथ में नहीं होती। आपने इतने बडे पर्व के दिन जन्म लेकर अपने पूर्व जन्म के पुण्य को प्रकट किया है। पूज्यश्री ने मौन एकादशी की महिमा बताते हुए कहा- शब्द घाव का भी काम करता है और मरहम का भी! निर्णय व्यक्ति को करना होता है। मौन शक्ति का संचार करता है।
पू. साध्वी श्री विश्वज्योतिश्रीजी म. ने गीतिका के साथ उनके व्यक्तित्व का वर्णन किया। उन्होंने पूजनीया गुरुवर्याश्री के व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा की।
इस अवसर पर कुंडला, सीतामउ, नीमच, बूढा आदि काफी स्थानों का लोगों का आगमन हुआ था। पूज्याश्री ने कहा कि यह संयम का ही अभिनंदन है।

Comments

Popular posts from this blog

Tatvarth sutra Prashna

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।