दीक्षा निमित्त पूज्यश्री एवं साध्वी मंडल चेन्नई से उग्र विहार कर सिंधनूर पधारे। ता. 27 मई को पूज्यवरों का मंगल प्रवेश हुआ। ता. 28 को वर्षीदान का भव्य वरघोडा संपन्न हुआ।
कर्णाटक प्रान्त के
सिंधनूर नगर में पूज्य गुरुदेव खरतरगणाधिपति उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा.
पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री समयप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि
श्री विरक्तप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री श्रेयांसप्रभसागरजी म. पूज्य बाल मुनि
श्री मलयप्रभसागरजी म. ठाणा 6 एवं पूजनीया पाश्र्वमणि तीर्थ प्रेरिका गणरत्ना श्री
सुलोचनाश्रीजी म.
पू. प्रीतियशाश्रीजी म. पू. प्रियस्मिताश्रीजी म. पू.
प्रियलताश्रीजी म. पू. प्रियवंदनाश्रीजी म. पू. प्रियकल्पनाश्रीजी म. पू.
प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. पू. प्रियस्वर्णांजनाश्रीजी म. पू.
प्रियप्रेक्षांजनाश्रीजी म. पू. प्रियश्रेयांजनाश्रीजी म. पू.
प्रियश्रुतांजनाश्रीजी म. पू. प्रियदर्शांजनाश्रीजी म. पू.
प्रियश्रेष्ठांजनाश्रीजी म. पू. प्रियमेघांजनाश्रीजी म. पू. प्रियविनयांजनाश्रीजी
म. पू. प्रियकृतांजनाश्रीजी म. पू. प्रियचैत्यांजनाश्रीजी म. पू.
प्रियशैलांजनाश्रीजी म. पू. प्रियमुद्रांजनाश्रीजी म. पू. प्रियमंत्रांजनाश्रीजी
म. ठाणा 20 की पावन निश्रा में सिंधनूर निवासी कुमारी शिल्पा महावीरचंदजी नाहर की
भागवती दीक्षा ता. 29 मई 2015 को अत्यन्त उल्लास भरे वातावरण में संपन्न हुई। इस
अवसर पर सोने में सुहागा श्रमण संघ के उपप्रवर्तक श्री नरेश मुनिजी म. पू. शालिभद्रमुनिजी
म. उग्र विहार कर पधारे। उनका सानिध्य प्राप्त होने से सकल संघ में उल्लास का
वातावरण छा गया।
दीक्षा निमित्त पूज्यश्री
एवं साध्वी मंडल चेन्नई से उग्र विहार कर सिंधनूर पधारे। ता. 27 मई को पूज्यवरों
का मंगल प्रवेश हुआ। ता. 28 को वर्षीदान का भव्य वरघोडा संपन्न हुआ। रात्रि को
विदाई समारोह का भव्य आयोजन हुआ। जिसमें मुंबई से पधारे संजय भाई भाउ ने अपनी
प्रस्तुति दी।
दीक्षा के अवसर पर कुमारी शिल्पा ने अपने हृदय में संयम कैसे प्रकट
हुआ, का विवेचन किया। उसने अपनी मां का स्मरण किया। जब शुभ
मुहूत्र्त में पूज्यश्री ने उसके हाथों में रजोहरण सौंपा तो तालियों की गडगडाहट से
जनसमूह ने उसके त्याग को बधाया। उन्हें पूजनीया साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म.सा.
की शिष्या पूजनीया तपोरत्ना श्री सुलक्षणाश्रीजी म. की शिष्या घोषित करते हुए पू.
प्रियसूत्रांजनाश्रीजी नाम दिया। यह ज्ञातव्य है कि श्री सुलोचनाश्रीजी म. सा. के
पास इनकी सांसारिक तीन भुआजी म. पू. प्रियस्वर्णांजनाश्रीजी म. पू.
प्रियश्रेष्ठांजनाश्रीजी म. पू. प्रियकृतांजनाश्रीजी म. पूर्व में दीक्षित हैं।
दीक्षा के साथ तीन साध्वीजी म. की बडी दीक्षा भी आज संपन्न हुई। बल्लारी में
दीक्षित पू. प्रियशैलांजनाश्रीजी म. चेन्नई में दीक्षित पू. प्रिय
मुद्रांजनाश्रीजी म. व प्रिय मंत्रांजनाश्रीजी म. को बडी दीक्षा प्रदान की गई। इस
समारोह की सबसे बडी विशेषता यह रही कि समारोह में तीन बज गये पर पाण्डाल वैसा का
वैसा भरा रहा। इस अवसर पर पूज्यश्री का गुरुपूजन किया गया। जिसका लाभ चेन्नई
निवासी एक गुरु भक्त परिवार की ओर से लिया गया।
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