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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

Palitana Pravesh जैनों की आस्था स्थली विश्व प्रसिद्ध पालीताणा तीर्थ में आज दि. 14 फरवरी 2016 को गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी महाराज आदि विशाल श्रमण-श्रमणी वृंद का भारत के विभिन्न प्रांतों में विचरण करते हुये शोभायात्रा के साथ प्रवेश किया।

 प्रात: आठ बजे शत्रुंजय गेट से प्रवेश यात्रा प्रारंभ हुयी जो हरि विहार स्थित आदिनाथ मंदिर के दर्शन करते हुये तलेटी रोड पर झूमते, नाचते, गाचते, नारा लगाते गुरुभक्तों के साथ श्रमण-श्रमणी वृंद ने सिद्धाचल गिरिराज की आराधना-अर्चना की। साथ ही सम्मेलन के सफलता की कामना की। 

आज गुरुदेव के महासम्मेलन हेतु प्रवेश समारोह में भाग लेने अहमदाबाद, वडोदरा, मुंबई, रायपुर, सुरत, बाडमेर, बेंगलोर सहित अखिल भारत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

लगभग 6 दशक बाद तीर्थाधिराज पालिताना में देश भर के खरतरगच्छ के साधू साध्वी एव श्रावक श्राविका का समेलन हो रहा है।

गिरिराज आराधना के पश्चात हरि विहार के प्रांगण में स्वागत सभा का आयोजन हुआ। जिसमें खरतरगच्छ महिला मंडल, अहमदाबाद ने ‘स्वागत सो सो बार, गुरुवर तुम्हारा’ गीत गाया। पाश्र्व महिला मंडल ने अभिनंदन गीत गाकर गुरुजनों को बधाया। मांगीलाल श्रीश्रीश्रीमाल ने पधारे हुये सभी अतिथियों का स्वागत कर प्रवेश की शुभकामनायें दी।

इस पावन अवसर पर मुनि मुक्तिप्रभसागर, मुनि मनीषप्रभसागर, मुनि मयंकप्रभसागर एवं साध्वी दिव्यप्रभाश्री, साध्वी शशिप्रभाश्री, साध्वी सुलक्षणाश्री, कल्पलताश्री, साध्वी विद्युतप्रभाश्री, साध्वी हेमरत्नाश्री, साध्वी श्रद्धांजनाश्री आदि विशाल साधु - साध्वी मंडल उपस्थित था।

उपाध्याय मणिप्रभसागरजी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुये कहा कि ढाई महिनों से चल रही विहार यात्रा आज यहां सिद्धाचल गिरिराज के दर्शन के साथ पूर्ण हुयी। यहां के आदिनाथ परमात्मा के दर्शन के साथ हमें अपने मन में भी उनका मंदिर बनाना है। मंदिर बनाने से पूर्व उनका आंतरिक और बाहरी परिचय प्राप्त करना होगा। तभी हमारी आराधना फलवती बनेगी।

मुनि मेहुलप्रभसागर ने बताया कि सिद्धाचल की तीर्थ भूमि पर खरतरगच्छ के साधु साध्वी एवं श्रावक सम्मेलन की भव्य तैयारियां की जा रही है। 

इस अवसर पर केवलचंद बोहरा, दीपचंद बाफना, महावीर गुलेच्छा, बाडमेर संघ के अध्यक्ष रतनलाल संकलेचा, भेरु लुणिया, बाबुलाल मालु, नरपत लुणिया, मनीष गुलच्छा, कनकराज पालरेचा, भागीरथ शर्मा, महावीर छाजेड, राजु भारती सहित अनेक गुरुभक्त उपस्थित रहे।

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