पूज्य गुरुदेव गणाधीश श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पू. मुनि श्री श्रेयांसप्रभसागरजी म. के साथ सूरत संघ की भावभरी विनंती को स्वीकार कर शहादा से तलोदा, वाण्याविहिर, अक्कलकुआ, खापर, सेलंबा, उमरपाडा, मांडवी, कडोद होते हुए ता. 26 जनवरी 2016 को सूरत माँडल टाउन पधारे, जहाँ पूज्यश्री का भव्यातिभव्य स्वागत किया गया।
श्री बाडमेर जैन संघ, सूरत एवं श्री कुशल कान्ति खरतरगच्छ संघ, सूरत के तत्वावधान में पूज्यश्री का भव्य सामैया संपन्न हुआ। ऐसा ऐतिहासिक प्रवेश लोगों ने प्रथम बार देखा। बाहर से बडी संख्या में श्रद्धालुओं का पदार्पण हुआ।
ता. 27 जनवरी को पूज्यश्री का दर्शन रेजिडेन्सी में पदार्पण हुआ। जहाँ पूज्यश्री की पावन निश्रा में श्री शीतलनाथ जिन मंदिर का खात मुहूत्र्त संपन्न हुआ। इस जिन मंदिर का निर्माण पूज्य मुनिराज ब्रह्मसर तीर्थोद्धारक श्री मनोज्ञसागरजी म.सा. की पावन प्रेरणा से हो रहा है।
भूमिपूजन का लाभ श्री मेवारामजी घीया परिवार ने लिया। जबकि खात मुहूत्र्त का लाभ श्री धारीवाल परिवार ने लिया।
पूज्यश्री ने रात्रि प्रवास हरिपूरा स्थित दादावाडी में किया।
ता. 28 जनवरी को प्रात: पूज्यश्री सहसफणा पाश्र्वनाथ मंदिर के दर्शन करते हुए मकनजी पार्क पधारे, जहाँ से पूज्यश्री का भव्य सामैया श्री कुशल कान्ति खरतरगच्छ संघ द्वारा आयोजित किया गया।
पूज्यश्री के प्रवचन के पश्चात् संघ की बैठक हुई। जिसमें अतिशीघ्र भूखण्ड संपादित करने का संकल्प किया गया। उस हेतु धन राशि का संग्रह भी किया गया।
ता. 29 जनवरी को कुशल वाटिका में पूज्यश्री का प्रवचन आयोजित हुआ। कुशल वाटिका परिसर में पूज्यश्री की पावन निश्रा में निर्माणाधीन श्री जिन मंदिर एवं दादावाडी के कार्य का अवलोकन किया।
श्री कुशल कान्ति खरतरगच्छ संघ द्वारा पूज्यश्री की पावन प्रेरणा से पाल में ही विशाल भूखण्ड क्रय किया गया। जिससे पूरे श्री संघ में हर्ष छा गया।
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