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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

महावीर को नमन करें हम -मुनि मणिप्रभसागर (वर्तमान आचार्य)

महावीर को नमन करें हम।
ज्ञान रोशनी दूर करें भ्रम।।
दीपावली की घड़ियां आई।
भीतर आनंद की लहरें छाई।
बन्द करो ईष्या की खाई।
प्रेम धार बहे मिटे गम।
महावीर को नमन करें हम।।

पावापुरी पुर आनन्द छाया।
वीर वाणी सिन्धु लहराया।
भविजन गण ने उत्सव पाया।
बरसी वाणी अमृत रस सम।
महावीर को नमन करें हम।।

वीर प्रभु की वाणी बहती।
जन मन गावे कृपाकर महती।
धन्य बनी पावा की धरती।
सब बोले ये दिन हैं अनुपम।
महावीर को नमन करें हम।।

अपने दीये स्वयं बनो सब।
दिखलाता अंधेरा पथ कब!
संयम को आराधे हम तब।
आत्मा ही है ज्ञान का उद्गम।
महावीर को नमन करें हम।।

मत उलझो दुनिया में बाहर।
वह है राख लगी ज्यों साकर।
धन्य बनो संयम को पाकर।
बोलो गाओ संयम संयम।
महावीर को नमन करें हम।।

दीपावली की पावन महिमा।
खोजो खुद को पाओ गरिमा।
साकर बनाओ प्रेम की प्रतिमा।
दीप रश्मियां नाश करे तम।
महावीर को नमन करें हम।।

अखण्ड देशना धार बहाई।
मोक्ष गमन की घड़ियां आई।
दूर करी कर्मों की कांई।
पधारे महाधीर मोक्षपुरम्।
महावीर को नमन करें हम।।

हे प्रभो अब अर्ज हमारी।
सुनलो महावीर दुनिया सारी।
भटक रही राहें अंधियारी।
मणिप्रभ मुनि बरसो सूरज सम।
महावीर को नमन करें हम।।


महावीर को नमन करें हम
-मुनि मणिप्रभसागर (वर्तमान आचार्य)

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