बीकानेर
नगर में पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा.
आदि ठाणा 8 एवं पूजनीया साध्वी डॉ. श्री
प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. आदि ठाणा 6 का ऐतिहासिक चातुर्मास
संपन्नता की ओर है। चार महिनों में पूज्यश्री के निरन्तर अमृत प्रवचन रहे। प्रवचनों
में इतनी भीड पहली बार देखी गई। एक दिन भी प्रवचन बन्द नहीं रहा। रविवार के
प्रवचनों का विशेष आयोजन रहा।
चातुर्मास
परिवर्तन हेतु परम भक्त सुश्रावक श्री नेमचंदजी खजांची की धर्मपत्नी श्रीमती आशा
देवी खजांची ने अपने निवास स्थान पर पदार्पण की विनंती की। जिसे पूज्य गुरुदेव
श्री ने स्वीकार किया। पूज्यश्री ने फरमाया- बीकानेर में हमें दो विशिष्ट
व्यक्तित्व सदा सदा याद आते हैं। एक हमारे प्रिय भाईजी श्री हरखचंदजी नाहटा और
दूसरे श्री नेमचंदजी खजांची। आज से 28 वर्ष पहले
बीकानेर में हमारा आना नेमचंदजी के कारण ही हुआ था। उस समय साध्वी श्री
हेमप्रभाश्रीजी म.सा. की प्रेरणा से उन्होंने उपधान तप का आयोजन करवाया था। वह
उपधान गुरुदेवश्री के बाद पहला उपधान था।
कार्तिक
पूर्णिमा के दिन पूज्यश्री महावीर भवन से एवं साध्वी मंडल सुगनजी म. के उपासरे से
विहार कर नेमचंदजी खजांची के घर पधारेंगे। वहीं पर प्रवचन आदि का आयोजन होगा।
पूज्यश्री की निश्रा में पू. साध्वीजी म. की प्रेरणा से मेगा एक्जिबिशन लगा जो पूरे बीकानेर शहर द्वारा सराहा गया। तीन दिवसीय बच्चों का शिविर तो एक कीर्तिमान हो गया। नववर्ष के गौतम रास का आयोजन अपने आप में अनूठा रहा।
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