Featured Post

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

Image
पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

UJJAIN अवंती तीर्थ उज्जैन की प्रतिष्ठा 18 फरवरी 2019 को

उज्जैन मुहूर्त घोषणा
अतिप्राचीन चमत्कारी सुप्रसिद्ध महान् तीर्थ श्री अवन्ति पार्श्वनाथ तीर्थ, उज्जैन की प्रतिष्ठा आगामी चातुर्मास के पश्चात् वि. सं. 2075 माघ सुदि 14 ता. 18 फरवरी 2019 को संपन्न होगी।
उज्जैन में पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. पूजनीया बहिन म. डॉ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा का भव्य चातुर्मास चल रहा है। उनकी पावन निश्रा में उज्जैन के समस्त श्री संघों की मीटींग हुई, जिसमें प्रतिष्ठा महोत्सव की विनंती करने के लिये बीकानेर जाने का तय किया गया। साथ ही प्रतिष्ठा महोत्सव समिति का गठन किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश सरकार के उर्जा मंत्री श्री पारसजी जैन को चेयरमेन व संघवी कुशलजी गुलेच्छा बैंगलोर को संयोजक नियुक्त किया गया।
उज्जैन से प्रतिष्ठा महोत्सव की विनंती करने हेतु लगभग सवा सौ प्रतिनिधियों का संघ बीकानेर पहुँचा। इस प्रतिनिधि मंडल की विशेषता थी कि इसमें उज्जैन के मंदिरमार्गी, स्थानकवासी, तेरापंथी आदि समस्त संप्रदायों के आगेवान श्रावक सम्मिलित हुए।

उज्जैन श्री संघ की ओर से प्रतिष्ठा कराने की विनंती लेकर उज्जैन संघ बाजते गाजते पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के सानिध्य में पहुँचा। श्री संघ की ओर से मुहूर्त्त उद्घोषणा के लाभार्थी श्री बाबूलालजी संजयजी, सुनील, पार्थ, निखिल नाहर परिवार ने पूज्यश्री से मुहूर्त्त प्रदान करने की विनंती की।
पूज्यश्री ने उनकी विनंती को द्रव्य क्षेत्र काल भाव के आधार स्वीकार करते हुए मुहूर्त्त-पत्र श्री संजयजी नाहर को अर्पण किया। उन्होंने ज्योंहि मुहूर्त्त की उद्घोषणा की, सकल श्री संघ में परम आनंद व हर्ष की लहर उमड पडी।
यह ज्ञातव्य है कि अवंती पार्श्वनाथ तीर्थ की पूर्व में आचार्य भगवंत श्री सिद्धसेन दिवाकर सूरि ने प्रतिष्ठा की थी। उन्होंने कल्याण मंदिर स्तोत्र की रचना के द्वारा शिवलिंग में छिपी अवंती पार्श्वनाथ परमात्मा की प्राचीन चमत्कारी प्रतिमा प्रकट की थी। इस तीर्थ का जीर्णोद्धार पूज्य आचार्यश्री जिन मणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की पावन प्रेरणा से चल रहा है। शास्त्र शुद्ध संपन्न हुए इस जीर्णोद्धार की यह विशेषता रही कि मूलनायक परमात्मा का उत्थापन नहीं किया गया। एक दिन भी पूजा अभिषेक बंद नहीं हुए। पिछले 11 वर्षों से चल रहे जीर्णोद्धार का यह कार्य अब पूर्णाहुति पर है। जो भी देखता है, देखता ही रह जाता है, ऐसा भव्य जिन मंदिर निर्मित हुआ है।

jahaj mandir, maniprabh, mehulprabh, kushalvatika, JAHAJMANDIR, MEHUL PRABH, kushal vatika, mayankprabh, Pratikaman, Aaradhna, Yachna, Upvaas, Samayik, Navkar, Jap, Paryushan, MahaParv, jahajmandir, mehulprabh, maniprabh, mayankprabh, kushalvatika, gajmandir, kantisagar, harisagar, khartargacchha, jain dharma, jain, hindu, temple, jain temple, jain site, jain guru, jain sadhu, sadhu, sadhvi, guruji, tapasvi, aadinath, palitana, sammetshikhar, pawapuri, girnar, swetamber, shwetamber, JAHAJMANDIR, www.jahajmandir.com, www.jahajmandir.blogspot.in,

Comments

Popular posts from this blog

Tatvarth sutra Prashna

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।