अंतराष्ट्रीय जैन तीर्थ पालीताणा में आनंद, आरोग्य, उत्साह, आत्मविश्वास एवं प्राण ऊर्जा के जागरण के लिए 11 मई से 18 मई 2016 तक आठदिवसीय ‘जीवन जीने की कला’ शिविर का आयोजन हुआ। साध्वी डाँ. प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. की प्रेरणा से अखिल भारतीय सदा कुशल सेवा समिति द्वारा इस शिविर का आयोजन किया गया। पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य देव श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी महाराज के आशीर्वाद से मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. की निश्रा में एवं गच्छगणिनी साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म. की शिष्या साध्वी प्रियरंजनाश्रीजी म. व साध्वी डाँ. प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में यह कन्या शिविर संपन्न हुआ। इस शिविर में 14 से 28 वर्षीया बालिकाओं ने भाग लिया। जिसमें अहमदाबाद, सुरत, बडौदा, मुंबई, पुना, हैद्राबाद, बाडमेर, जोधपुर, बेंगलोर, मैसुर, सिंधनूर, रायचूर, होस्पेट, बल्लारी, गदग, हुबली, तिरुपात्तुर, चैन्नई, बालोतरा, रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव आदि विविध स्थानों से तीन सौ से अधिक बालिकाएं शामिल हुई। शिविर में बालिकाओं को जीवन जीने की कला, माता पिता के उपकार, मानवता के कार्य, परिवार में ...