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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

उपधान तप की माला का भव्य वरघोडा संपन्न पालीताणा,



पालीताना श्री जिन हरि विहार धर्मशाला में चल रहे महामंगलकारी उपधान तप की माला का 7 नवम्बर 2013 को भव्य वरघोडा आयोजन संपन्न हुआ सुबह 10 बजे प्रारंभ हुआ वरघोडा तलेटी दर्शन कर श्री जिन हरि विहार स्थित समवशरण पाण्डाल में पहुँचा, जहाँ पूज्य गुरुदेव श्री का मांगलिक प्रवचन हुआ।

            उन्होंने कहा- उपधान तप करना, श्रावक जीवन की सर्वोत्कृष्ट साधना है। यह तप करके ही व्यक्ति को श्रावकत्व का अधिकार प्राप्त होता है।
            उपधान तप के आयोजक बाबुलाल लूणिया एवं रायचंद दायमा ने बताया कि इस तपस्या में लगभग 150 भाई बहिनों ने भाग लिया। इस तपस्या में 51 दिन तक साधु वृत्ति में रहना होता है। एक दिन उपवास दूसरे दिन एकासणा करना होता है। अर्थात् 48 घंटों में मात्र एक समय भोजन ग्रहण किया जाता है।
            पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी . सा. ने कायोत्सर्ग की व्याख्या करते हुए कहा- शरीर पर से अपना ममत्व हटाना, यही कायोत्सर्ग है। काया का विसर्जन करना.. काया के उपर से अपना राग भाव हटाकर आत्म भावों में डूबना, यही ध्यान है।
            आयोजक परिवार ने बताया कि 8 नवम्बर को प्रात: मोक्ष माला का मंगल विधान होगा। इस विधान के साथ ही उपधान तप की पूर्णाहुति होगी।
प्रेषक
दिलीप दायमा

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