Featured Post

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

Image
पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

धुलिया में सूरिमंत्र साधना प्रारंभ


maniprabhsagar
धुलिया में आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरि जी म.सा. द्वारा सूरिमंत्र साधना प्रारंभ
धुलिया 26 सितंबर। पूज्य गुरुदेव अवंति तीर्थोद्धारक खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के सूरिमंत्र की साधना का प्रारंभ ता. 26 सितम्बर 2019 से हुआ है। चौथी व पांचवीं दोनों पीठिकाओं की साधना एक साथ संपन्न होगी। चौथी पीठिका में गणिपिटक यक्षराज एवं पांचवीं पीठिका में गणधर श्री गौतमस्वामी की आराधना की जायेगी।
इससे पूर्व सन् 2016 के दुर्ग चातुर्मास में प्रथम सरस्वती पीठिका की, सन् 2017 बीकानेर चातुर्मास में त्रिभुवन स्वामिनी देवी की एवं सन् 2018 इन्दौर चातुर्मास में महालक्ष्मी देवी की साधना पूर्ण की थी। इन दोनों पीठिकाओं की साधना के साथ पूज्यश्री की पांचों पीठिकाओं/पंच प्रस्थान की साधना संपन्न हो जायेगी।
ता. 26 सितम्बर 2019 को श्री गौतमस्वामी एवं श्री गणिपिटक यक्षराज की प्रतिमाऐं पूज्यश्री को अर्पण की गई। श्री गौतमस्वामी की प्रतिमा अर्पण करने का लाभ धुलिया श्री संघ के अध्यक्ष श्री प्रेमचंदजी स्वप्निलजी नाहर परिवार ने लिया।
मुनि मंडल, साध्वी मंडल एवं सकल श्री संघ ने पूज्यश्री को साधना के लिये शुभकामनाऐं अर्पण की। जब तक पूज्यश्री की साधना चलेगी, तब तक धुलिया श्री संघ में प्रतिदिन आयंबिल तप की आराधना व विशेष जाप का आयोजन किया गया है।
ता. 20 अक्टूबर 2019 को प्रातः 5 बजे सूरिमंत्र महापूजन होगा। तत्पश्चात् प्रातः ठीक 9 बजे पूज्यश्री साधना कक्ष से बाहर पधार कर महामांगलिक प्रदान करेंगे।

Comments

Popular posts from this blog

RANKA VANKA SETH SETHIYA रांका/वांका/सेठ/सेठिया/काला/गोरा/दक गोत्र का इतिहास

GADVANI BHADGATIYA BADGATYA GOTRA HISTORY गडवाणी व भडगतिया गोत्र का इतिहास

GANG PALAVAT DUDHERIYA GIDIYA MOHIVAL VIRAVAT GOTRA HISTORY गांग, पालावत, दुधेरिया, गिडिया, मोहिवाल, टोडरवाल, वीरावत आदि गोत्रें का इतिहास