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अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद् का चतुर्थ राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न |
धुलिया 21-22 सितंबर। अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद् एवं अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद् का दो दिवसीय चतुर्थ राष्ट्रीय अधिवेशन खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवन्त श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी महाराज आदि ठाणा एवं साध्वीवर्या विमलप्रभाश्रीजी म. एवं साध्वीवर्या आज्ञांजनाश्रीजी म. आदि ठाना की निश्रा में महाराष्ट्र के धुलिया नगरी में आयोजित किया गया।
खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवन्त ने अधिवेशन में युवाओं को वफादारी, समझदारी, जिम्मेदारी एवं इमानदारी के मूल मन्त्र प्रदान करते हुए जीवन में समर्पण को अपनाने का संदेश दिया एवं मुनि मनितप्रभसागरजी ने अनुशासन को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।
साध्वीवर्या विमलप्रभाश्रीजी ने साधु-साध्वी भगवन्तों के विहार वैयावच्च में युवा परिषद् के सहयोग की मुक्त कण्ठ से सराहना की। अधिवेशन में पधारे हुए समस्त सदस्यों का हार्दिक स्वागत करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश कुमार लूणिया ने परिषद् के भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा बताई, राष्ट्रीय चेयरमेन पदमचन्द बरडिया द्वारा अधिवेशन की औपचारिक शुरूआत की गई। मुख्य अतिथियों एवं केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्यों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन, ध्वजारोहण किया गया एवं युवा परिषद् गीत द्वारा सलामी प्रदान की गई।
परिषद् के राष्ट्रीय महामन्त्री रमेश कुमार लुंकड़ ने विगत वर्ष के कार्यक्रमों की जानकारी गुरुदेव को एवं सदस्यों को प्रदान की। राष्ट्रीय सहमन्त्री ललित डाकलिया ने परिषद् की वर्तमान सदस्य संख्या को बढ़ाने के साथ ही आज के डिजीटल युग में संसाधनों के उपयोग की बात कही। अधिवेशन के प्रथम दिवस के मुख्य अतिथि श्री जिनदत्त-कुशलसूरि खरतरगच्छ पेढ़ी के अध्यक्ष बैंगलोर से श्रीमान संघवी तेजराजजी गुलेच्छा ने अपने सम्बोधन में युवा सदस्यों को टाइम मेनेजमेन्ट कैसे किया जाए इस बारे में समझाया। द्वितीय दिवस के मुख्य अतिथि मुंबई से जीतो एपेक्स के अध्यक्ष श्रीमान गणपतराजजी चौधरी ने युवाओं को अपने व्यापार में आगे बढने के गुर सिखाए।
समारोह में इन्कम टैक्स कमिश्नर श्री के. एल. माहेश्वरी ने भी अपने परिवार सहित पधारकर गुरुदेव से आशीर्वाद लिया और युवाओं को समाज सेवा के साथ धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। कोषाध्यक्ष राजीव खजांची ने परिषद् के कार्यकलापों की जानकारी सदस्यों को दी। अधिवेशन में पूरे देश भर की करीब 80 शाखाओं से करीब 750 सदस्यों ने अपनी उपस्थिती दर्ज करवाई।
महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष एवं आगामी जनवरी में खरतरगच्छ के नामकरण के 1000 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में युवा परिषद् द्वारा एक वृहद् छःरी पालित संघ यात्र के संयोजक प्रदीप श्रीश्रीश्रीमाल ने इस संघ यात्र की रूपरेखा के बारे में बताया एवं सभी सदस्यों के सहयोग की अपेक्षा की। साथ ही युवा परिषद् के स्वाध्याय प्रकोष्ठ द्वारा इस वर्ष भारत भर के 25 संघों में 60 स्वाध्यायियों के द्वारा पर्युषण पर्व की आराधना करवाने की जानकारी प्रदान की एवं आगामी वर्ष में देश के 50 संघों में पर्युषण पर्व की आराधना का लक्ष्य रखा गया। गत वर्ष के स्वाध्यायियों एवं युवा परिषद् तथा महिला परिषद् द्वारा संचालित ज्ञान वाटिकाओं के बच्चों को दो प्रतिक्रमण एवं पंच प्रतिक्रमण सीखने पर युवा परिषद् द्वारा संघवी तेजराजजी गुलेच्छा के सौजन्य से बहुमान किया गया। साथ ही मुंबई शाखा द्वारा चांदी के मेडल द्वारा समस्त बच्चों का सम्मान किया गया।
गुरुदेव द्वारा युवा परिषद् के अन्तर्गत ज्ञान वाटिका प्रकोष्ठ एवं गच्छ की सुविहित क्रिया हेतु विधी विधान प्रकोष्ठ एवं उनके संयोजकों की घोषणा की गई। सम्पूर्ण कार्यक्रम के आयोजक श्री शीतलनाथ संस्थान धूलिया, धुलिया श्री संघ एवं केयुप धूलिया शाखा व शाखा अध्यक्ष श्री जितेन्द्रजी टांटिया एवं उनकी टीम के साथ खानदेश की सभी शाखाओं के सहयोग के साथ इस सफलतम अधिवेशन हेतु इतने विशाल स्तर पर आवास, भोजन आदि समस्त व्यवस्थाएं सुंदरतम रूप से की। इस हेतु विशेष बहुमान केयुप की केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा किया गया। इस अधिवेशन को सफल बनाने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देने वाले समस्त महानुभावों का हृदय की गहराईयों से महामन्त्री रमेश लुंकड़ द्वारा हार्दिक आभार प्रकट किया गया। आगामी वर्ष पुनः नए जोश के साथ पंचम अधिवेशन में मिलने के वादे के साथ ही गुरुदेव श्री द्वारा अधिवेशन के समापन की घोषणा की गई। अधिवेशन में सम्पूर्ण भारत के अनेक श्रीसंघों, प्रदेशाध्यक्षों, समस्त प्रकोष्ठों के संयोजक एवं युवा परिषद् शाखाओं के सदस्यों की उल्लेखनीय उपस्थिती रही।
छह री पालित संघ के बैनर, एवं फार्म का विमोचन गुरुदेव श्री की निश्रा में मुख्य अतिथियों के द्वारा किया, अधिवेशन में सुरक्षा प्रकोष्ठ के संयोजक चम्पालाल वाघेला, स्वाध्याय प्रकोष्ठ के सह संयोजक ललित कवाड, वैयावच्च विभाग के संयोजक भेरूलाल लूनिया, सह संयोजक मनीष मेहता, प्रचार प्रसार संयोजक धनपत कानुंगो, सह संयोजक अंकित बोहरा, व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के सह संयोजक कल्पेश अरणाईया ने भी अपने विचार प्रस्तुत करते हुए अपने क्षेत्र की गतिविधियों से अवगत कराया। अधिवेशन में संघवी श्री वंशराजजी भंसाली, पूर्व चेयरमेन श्री अशोककुमारजी भंसाली, पूर्व अध्यक्ष श्री रतनलालजी बोथरा, श्री बाबुलालजी लूणिया की भी उपस्थिती रही।
इसी के साथ केयुप की सौ के करीब शाखाओं में से प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कारों की घोषणा की गई जिसमें प्रथम पुरस्कार बीकानेर, द्वितीय मुंबई एवं इचलकरंजी शाखा को एवं तृतीय अक्कलकुआ, सूरत पाल एवं अहमदाबाद शाखाओं को प्रदान किए गए।
-ललित डाकलिया, सहमंत्री केयुप
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