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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

GURU VANI गुरु वाणी

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DIKSHA DAY पूज्य गुरुदेव गणाधीश महोदय उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. को 43वें संयमवर्ष प्रवेश पर हार्दिक वंदन.... अभिनंदन...

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पूज्य गुरुदेव गणाधीश महोदय उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. को  43वें संयमवर्ष प्रवेश पर हार्दिक वंदन.... अभिनंदन... 9 जून 2015 आपके कुशल नेतृत्व में खरतरगच्छ संघ प्रगति करता रहें... आपकी कृपादृष्टि हम पर बनी रहें... जहाज मंदिर परिवार गुरुभक्त परिवार

khartar gachchh खरतरगच्छ के 82वें गणाधीश पद का चादर समारोह संपन्न पूज्यश्री द्वारा साधु सम्मेलन की घोषणा

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पूज्य प्रज्ञापुरूष आचार्य देव श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के प्रधान शिष्य रत्न पूज्य गुरुदेव मरूधर मणि उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. को सिंधनूर नगर की पावन धरा पर वीर संवत् 2541 ज्येष्ठ शुक्ल 11 शुक्रवार 29 मई 2015 को खरतरगच्छ के 82वें गणाधीश के रूप में प्रतिष्ठित किया गया। इस समारोह में सम्मिलित होने के लिये विशेष रूप से उग्र विहार कर श्रमण संघीय उपप्रवर्तक श्री नरेशमुनिजी म.सा. श्री शालिभद्रमुनिजी म. पधारे।   इस अवसर पर पूज्यश्री ने गणाधीश के रूप में अपने प्रथम संबोधन में गच्छ के इतिहास की चर्चा करते हुए इसके सुनहरे अतीत का वर्णन किया। तथा बताया कि हमें बहुत जल्दी तैयारियां करनी है कि हम गच्छ का सहस्राब्दी समारोह रचनात्मक कार्यों के साथ मना सके। इसके लिये हमें पारस्परिक मतभेदों को भुलाना होगा। मेरा सभी साधु साध्वीजी म. एवं श्रावक श्राविकाओं से नम्र अनुरोध है कि हम सभी संपूर्ण रूप से एक होकर गच्छ व समुदाय को प्रगति के मार्ग पर ले जाने का पुरूषार्थ करें। इसके लिये मैं चाहता हूँ कि हमारे सुखसागरजी महाराज के समुदाय के समस्त साधु साध्वीजी म. का सम्मेलन शीघ्...

Nakoda पूज्य आचार्यश्री का नाकोडाजी में स्वर्गवास

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पूज्य खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनकैलाशसागरसूरिजी म. का 82 वर्ष की उम्र में श्री नाकोडाजी तीर्थ पर ता. 23 मई 2015 ज्येष्ठ सुदि दूसरी पंचमी को स्वर्गवास हो गया। पूज्यश्री का जन्म नागोर जिले के रूण गांव में वि. सं. 1990 वैशाख सुदि 3 को श्री चतुर्भुजजी - सौ. श्रीमती दाखीबाई कटारिया के घर हुआ था। आपके पिताश्री चतुर्भुजजी ने पूज्य आचार्य श्री जिनहरिसागरसूरिजी म. के पास संयम ग्रहण कर तीर्थसागरजी म. नाम प्राप्त किया था। पिताजी के ही पदचिह्नों पर चलते हुए 25 वर्ष की युवा उम्र में वि. 2015 आषाढ सुदि 2 को संयम ग्रहण कर पूज्य आचार्य श्री जिनकवीन्द्रसागरसूरिजी म. का शिष्यत्व प्राप्त किया। मुख्यत: राजस्थान में आपका विचरण रहा। नागोर दादावाडी के निर्माण में आपकी प्रेरणा रही।

Sindhanur सिंधनूर में भागवती दीक्षा संपन्न

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दीक्षा निमित्त पूज्यश्री एवं साध्वी मंडल चेन्नई से उग्र विहार कर सिंधनूर पधारे। ता. 27 मई को पूज्यवरों का मंगल प्रवेश हुआ। ता. 28 को वर्षीदान का भव्य वरघोडा संपन्न हुआ।  कर्णाटक प्रान्त के सिंधनूर नगर में पूज्य गुरुदेव खरतरगणाधिपति उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री समयप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री श्रेयांसप्रभसागरजी म. पूज्य बाल मुनि श्री मलयप्रभसागरजी म. ठाणा 6 एवं पूजनीया पाश्र्वमणि तीर्थ प्रेरिका गणरत्ना श्री सुलोचनाश्रीजी म.  पू. प्रीतियशाश्रीजी म. पू. प्रियस्मिताश्रीजी म. पू. प्रियलताश्रीजी म. पू. प्रियवंदनाश्रीजी म. पू. प्रियकल्पनाश्रीजी म. पू. प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. पू. प्रियस्वर्णांजनाश्रीजी म. पू. प्रियप्रेक्षांजनाश्रीजी म. पू. प्रियश्रेयांजनाश्रीजी म. पू. प्रियश्रुतांजनाश्रीजी म. पू. प्रियदर्शांजनाश्रीजी म. पू. प्रियश्रेष्ठांजनाश्रीजी म. पू. प्रियमेघांजनाश्रीजी म. पू. प्रियविनयांजनाश्रीजी म. पू. प्रियकृतांजनाश्रीजी म. पू. प्रियचैत्यांजनाश्रीजी म. पू. प्रियशैलांजनाश्रीजी म. प...

Sindhanur सिंधनूर में अंजनशलाका प्रतिष्ठा संपन्न

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सिंधनूर नगर के चौमुख मंदिर की पुन: प्रतिष्ठा अंजनशलाका पूज्य गुरुदेव उपाध्याय गणाधीश श्री मणिप्रभसागरजी म. सा. आदि विशाल साधु साध्वी मंडल की पावन निश्रा में ता. 31 मई 2015 रविवार को संपन्न हुई। कारणवश समस्त प्रतिमाओं का उत्थापन किया गया था। जिसकी पुन: प्रतिष्ठा 31 मई को संपन्न हुई। विधिविधान कराने संगीतकार व विधिकारक श्री अरविन्दभाई चौरडिया का आगमन हुआ था। jahaj mandir, maniprabh, mehulprabh, kushalvatika, JAHAJMANDIR, MEHUL PRABH, kushal vatika, mayankprabh, Pratikaman, Aaradhna, Yachna, Upvaas, Samayik, Navkar, Jap, Paryushan, MahaParv, jahajmandir, mehulprabh, maniprabh, mayankprabh, kushalvatika, gajmandir, kantisagar, harisagar, khartargacchha, jain dharma, jain, hindu, temple, jain temple, jain site, jain guru, jain sadhu, sadhu, sadhvi, guruji, tapasvi, aadinath, palitana, sammetshikhar, pawapuri, girnar, swetamber, shwetamber, JAHAJMANDIR, www.jahajmandir.com, www.jahajmandir.blogspot.in,

BHAVSAR भावसार परिवार द्वारा पालीताणा यात्रा संघ का आयोजन

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  पालीताणा स्थित श्री जिन हरि विहार धर्मशाला में पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के शिष्य मुनि श्री मयंकप्रभसागरजी म. मुनि श्री मेहुलप्रभसागरजी म. आदि ठाणा की निश्रा में एवं पूज्या खानदेश शिरोमणि साध्वी दिव्यप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा व साध्वी प्रियदर्शनाश्रीजी म. आदि ठाणा के सान्निध्य में दि. 17 मई को बडौदा निवासी श्रीमति गुणवंताबेन बालुभाई भावसार परिवार का बडौदा से श्री सिद्धाचल महातीर्थ का यात्रा संघ आयोजन करने पर श्री बाबुलालजी लुणिया द्वारा अभिनंदन किया गया।     इस पावन अवसर पर मुनि मेहुलप्रभसागरजी म. एवं पूज्या खानदेश शिरोमणि साध्वी दिव्यप्रभाश्रीजी म. आशीर्वचन फरमायें। पूज्या साध्वी दक्षगुणाश्रीजी म. ने तीर्थ-भक्ति गीतिका गायी।

Shankheswar Diksha शंखेश्वर में दीक्षा संपन्न

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 श्री शंखेश्वर महातीर्थ की पुण्यधरा पर श्री आदिनाथ जिनालय एवं जिनकुशल सूरि दादावाड़ी परिसर में बाड़मेर निवासी मुमुक्षु कु. मीना छाजेड़ , मुमुक्षु श्रीमती गीता बोथरा की दिक्षा पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म. के शिष्य प्रशिष्य एवं प.पू. गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के निश्रावर्ती पूज्य मुनि श्री मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. पू. मुनि श्री मनीषप्रभसागरजी म.सा. के वरदहस्त से 28 मई को सानंद संपन्न हुई।       पूज्या साध्वी श्री कल्पलताश्रीजी म. आदि ठाणा एवं पूज्या साध्वी श्री संघमित्राश्रीजी म.सा आदि ठाणा की सानिध्यता प्राप्त हुयी।

Shilpa Nahar Ki Diksha 29 May 2015 ko Sindhnur (KNTK) me

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दीक्षार्थी की जय-जयकार

पूज्य मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. एवं पूज्य मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म.सा. का आगामी चातुर्मास जोधपुर जिले के फलोदी नगर में निश्चित किया गया है। चातुर्मास प्रवेश दि. 22 जुुलाई 2015 को होगा। आप सभी को सादर आमन्त्रण

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पूज्य गुरुदेव आचार्य देव श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य प्रशिष्य पूज्य मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. एवं पूज्य मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म.सा. का आगामी चातुर्मास जोधपुर जिले के फलोदी नगर में निश्चित किया गया है।  श्री संघ फलोदी ने चैन्नाई के धर्मनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा समारोह में बिराजमान पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. से फलोदी नगर में चातुर्मास कराने की भावभरी विनंती की, जिसे स्वीकार कर चातुर्मास की जय बोलाई गई। श्री संघ, फलोदी में चातुर्मास निर्णय से अत्यन्त आनंद व उल्लास छा गया है तथा चातुर्मास को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियों में जुट गया है। चातुर्मास प्रवेश दि. 22 जुुलाई 2015 को होगा। ज्ञातव्य है कि पूज्य मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का उनके सांसारिक गृह-नगर में दीक्षा के बाद यह प्रथम चातुर्मास हो रहा है।

हुबली दादावाडी में वर्षीतप पारणा संपन्न

श्री आदिनाथ जिन मंदिर एवं श्री जिनकुशलसूरि दादावाडी हुबली के तत्वावधन में वर्षीतप पारणा के उपलक्ष में रत्नत्रयी महोत्सव का आयोजन किया गया। दादावाडी प्रेरिका मारवाड ज्योति श्री सूर्यप्रभाश्रीजी म. सा. एवं स्नेह सुरभि श्री पूर्णप्रभाश्रीजी म. सा. आदि ठाणा की निश्रा में शिष्या साध्वी श्री मनोरमा श्रीजी एवं श्रेयनंदिता श्री के लगातार दूसरे वर्षीतप के पारणे के उपलक्ष में दि 19.4.15 से 21.4.15 तीन दिवस का महोत्सव आयोजित किया गया। तपस्वी साध्वी के साथ साथ अन्य 13 तपस्वियों का भी पारणा दादावाडी में हुआ।

चातुर्मास निर्णय

चातुर्मास निर्णय पू. उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. ठाणा 6     रायपुर पू. मुनि श्री मनोज्ञसागरजी म. ठाणा 2    बीकानेर पू. मुनि श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. मनीषप्रभसागरजी म. 2 फलोदी पू. प्रवर्तिनी श्री कीर्तिप्रभाश्रीजी म. ठाणा 4 बडौदा पू. साध्वी श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म. ठाणा 4   पालीताना पू. साध्वी श्री तरूणप्रभाश्रीजी म. ठाणा 4   तिरूच्चिरापल्ली पू. साध्वी श्री मनोरंजनाश्रीजी म. शुभंकराश्रीजी म. 8     शिवपुरी पू. साध्वी श्री सूर्यप्रभाश्रीजी म. पूर्णप्रभाश्रीजी म. आदि    हाँस्पेट पू. साध्वी श्री मणिप्रभाश्रीजी म. आदि     रतलाम पू. साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म. ठाणा 11  सोलापुर पू. साध्वी श्री सुलक्षणाश्रीजी म. ठाणा 4    बाडमेर पू. माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. पू. बहिन म. डाँ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. आदि    रायपुर पू. साध्वी श्री सम्यक्दर्शनाश्रीजी म. आदि   बैंगलोर पू. साध्वी श्री मंजुलाश्रीजी म. आदि...

वडपलनी Chennai T.N. में परिकर प्रतिष्ठा संपन्न

परम पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. आदि ठाणा 6 की पावन निश्रा एवं पू. साध्वी श्री सुमित्राश्रीजी म. , पू. साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म. , पू. साध्वी श्री सम्यक्दर्शनाश्रीजी म. , पू. साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म. , पू. साध्वी श्री विराग-विश्वज्योतिश्रीजी म. आदि ठाणा की पावन निश्रा में वडपलनी श्री संभवनाथ मंदिर में उफपर तल पर शिखर में बने मंदिर में परिकर की प्रतिष्ठा संपन्न हुई प्रतिष्ठा का लाभ श्री पदमकुमारजी प्रवीणकुमारजी टाटिया परिवार तिवरी वालों ने लिया। नौकारसी का लाभ श्री वीरेन्द्रमलजी आशिषकुमारजी कोचर मेहता परिवार जैतारण वालों ने लिया। प्रतिष्ठा के लिये पूज्यश्री ने चूले से विहार कर दादावाडी होते हुए ता. 4 को प्रात: वडपलनी पधारे। पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म.सा. का प्रभावशाली प्रवचन हुआ। तत्पश्चात् विधि विधान के साथ प्रतिष्ठा संपन्न हुई।

चेन्नई महानगर के शूले उपनगर में कुमारी ममता बरडिया की भागवती दीक्षा ता. 2 मई 2015 को पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. आदि मुनि मंडल एवं पूजनीया साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म.सा. की पावन निश्रा में अत्यन्त उत्साह व उल्लास के साथ संपन्न हुई।

ता.  1  मई को वर्षीदान का वरघोडा निकाला गया। वरघोडे के बाद अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें सभी साधु साध्वीजी महाराज के प्रवचन हुए। पू. साध्वी श्री सुमित्राश्रीजी म. ,  पू. साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म. ,  पू. साध्वी श्री सम्यक्दर्शनाश्रीजी म. ,  पू. साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म. ,  पू. साध्वी श्री विराग-विश्वज्योतिश्रीजी म. आदि ने अपने भाव व्यक्त करते हुए मुमुक्षु ममता को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।

‘दादावाडी दर्शनम्’ ग्रन्थ का विमोचन हुआ... इस ग्रन्थ में तमिलनाडु, कर्णाटक, केरल, आन्ध्र प्रदेश व महाराष्ट्र प्रान्त की समस्त दादावाडियों का पूरा सचित्र इतिहास प्रकाशित किया गया है। यह प्रोजेक्ट श्री जिनकान्तिसागरसूरि स्मारक ट्रस्ट जहाज मंदिर द्वारा सन् 2007 में प्रारंभ किया गया था। इस कार्य में श्री कान्तिलालजी रांका, श्री भंवरलालजी संखलेचा का बहुत योगदान रहा। कैलाश बी. संखलेचा ने इस प्रकाशन के लिये पूरी मेहनत की।

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 ता. 25 अप्रेल को भागवती दीक्षा समारोह में पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. आदि विशाल साध्ु साध्वी समुदाय की पावन सानिध्यता में दादावाडी दर्शनम् ग्रन्थ का विमोचन संपन्न हुआ। विमोचन का लाभ श्री समरथमलजी सोनाजी रांका परिवार के भागचंदजी उत्तमचंदजी भूपेश रांका परिवार गोल उम्मेदाबाद वालों ने लिया। इस ग्रन्थ में तमिलनाडु , कर्णाटक , केरल , आन्ध्र प्रदेश व महाराष्ट्र प्रान्त की समस्त दादावाडियों का पूरा सचित्र इतिहास प्रकाशित किया गया है। यह प्रोजेक्ट श्री जिनकान्तिसागरसूरि स्मारक ट्रस्ट जहाज मंदिर द्वारा सन् 2007 में प्रारंभ किया गया था। इस कार्य में श्री कान्तिलालजी रांका , श्री भंवरलालजी संखलेचा का बहुत योगदान रहा। कैलाश बी. संखलेचा ने इस प्रकाशन के लिये पूरी मेहनत की। इस ग्रन्थ का लेखन पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. व साध्वी डाँ. श्री नीलांजनाश्रीजी म. द्वारा किया गया है। इसकी इतिहास सामग्री एकत्र करने में नवकार प्रिण्टर्स के श्री नीलेशजी जैन , भूपतजी चौपडा पचपदरा वालों ने मेहनत की थी। jahaj mandir

चेन्नई में भागवती दीक्षा का कीर्तिमान स्थापित हुआ

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   मूल नागोर निवासी श्री योगेशकुमारजी सेठिया की धर्मपत्नी श्रीमती जयादेवी सेठिया एवं उनके सुपुत्र श्री संयमकुमार सेठिया की भागवती दीक्षा ता. 25 अप्रेल 2015 को ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुई। ऐसी दीक्षा चेन्नई में पहली बार हुई। दीक्षा समारोह का प्रारंभ प्रात: 9 बजे से हुआ जो मध्याह्न 3.30 बजे तक चला। लगभग 15 से 20 हजार लोगों की विशाल उपस्थिति दीक्षा विधान के अंतिम समय तक बनी रही। यह अपने आप में एक कीर्तिमान था। ता. 23 अप्रेल को मुमुक्षु संयम व जया देवी का डोराबंधन हुआ। धर्मनाथ मंदिर उपाश्रय पूरा ठसाठस भरा हुआ था। पूरा चेन्नई संघ मुमुक्षु संयम व जयादेवी का अभिनंदन कर रहा था। ता. 23 की रात को विदाई समारोह का संवेदना भरा कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुंबई से पधारे संजय भाउ ने संवेदना से परिपूर्ण सुन्दर कार्यक्रम प्रस्तुत किया। ता. 24 को भव्य शोभायात्रा का आयोजन हुआ। ऐसी विशाल शोभायात्रा... हजारों लोगों की उपस्थिति... अनुशासित वातावरण... संभवत: चेन्नई नगर में पहली बार देखा गया , ऐसा बडे बूढे लोगों का कहना रहा।

गांधीधाम में श्री सीमंधरस्वामी जिनालय व दादावाडी का ध्वजा महोत्सव

गांधीधाम । प.पू. उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के निश्रावर्ती प.पू. मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. एवं प.पू. मनीषप्रभसागरजी म.सा. तथा पाश्र्वमणि तीर्थ उद्धारिका प.पू. सुलोचनाश्रीजी म.सा. की सुशिष्या प.पू. प्रियसौम्यांजनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में श्री सीमंधरस्वामी जिनालय एवं जिनकुशलसूरि दादावाडी का 12 वां ध्वजा महोत्सव चतुर्विध संघ द्वारा बडे धूमधाम से वैशाख सुद 4 ता. 22.4.2015 को मनाया गया।

श्री धर्मनाथ जिन मंदिर प्रतिष्ठा समारोह की भव्यता

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 हमारा संघ प्रतिष्ठा की विनंती लेकर पूज्यश्री की सेवा में इचलकरंजी पहुँचा। पूज्यश्री से 26 अप्रेल का मुहूत्र्त प्राप्त कर संघ में खुशियों का वातावरण छा गया। कार्यकत्र्ता तैयारी में जुट गये। पूज्यश्री इचलकरंजी से विहार कर हुबली में प्रतिष्ठा व दीक्षा , बल्लारी में दीक्षा , ईरोड , तिरूपुर , कोयम्बतूर , कन्याकुमारी आदि प्रतिष्ठाऐं संपन्न करवाकर चेन्नई महानगर पधारे। ता. 11 अप्रेल को वडपलनी में पूज्यश्री का महानगर प्रवेश संपन्न हुआ। जहाँ उनकी निश्रा में मुमुक्षु जया सेठिया एवं संयम सेठिया का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। वर्षीदान का वरघोडा निकाला गया।

चेन्नई में प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव : हुआ इतिहास का निर्माण,,,, श्री धर्मनाथ जिन मंदिर का इतिहास

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चेन्नई में प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव : हुआ इतिहास का निर्माण परम पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य देव श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य गुरुदेव उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. आदि मुनि मण्डल एवं पू. छत्तीसगढ रत्ना महत्तरा श्री मनोहरश्रीजी म. की शिष्या पू. साध्वी श्री तरूणप्रभाश्रीजी म. ठाणा 4, पू. प्रवर्तिनी श्री प्रेमश्रीजी म. तेजश्रीजी म. की शिष्या पू. साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म. ठाणा 8, पू. प्रवर्तिनी श्री सज्जनश्रीजी म. की शिष्या पू. साध्वी श्री सम्यक्दर्शनाश्रीजी म. ठाणा 4, पू. महत्तरा श्री चंपाश्रीजी म.सा. की शिष्या पू. साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म. ठाणा 8, पू. खान्देश शिरोमणि साध्वी श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म. की शिष्या पू. साध्वी श्री विरागज्योतिश्रीजी म. ठाणा 3 आदि विशाल साधु साध्वी समुदाय की पावन सानिध्यता में चेन्नई महानगर में समदांगी बाजार स्थित श्री धर्मनाथ मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा एवं दीक्षा समारोह अत्यन्त आनंद व उल्लास के साथ संपन्न हुआ। श्री धर्मनाथ जिन मंदिर का इतिहास प्रवर्तिनी श्री विचक्षणश्रीजी म. की प्रेरणा से स्थापित श्री ज...

कांकरिया गोत्र का इतिहास... चांदी के एक थाल को कंकरों से भर दिया गया। पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की चांदनी में गुरुदेव ने उन कंकरों का अभिमंत्रण करना प्रारंभ किया।...

लेखक- पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. कांकरिया गोत्र का उद्भव नवांगी वृत्तिकार खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री अभयदेवसूरीश्वरजी म. के पट्टधर आचार्य जिनवल्लभसूरि के उपदेश से हुआ है। वि. सं. 1142 का यह घटनाक्रम है। चित्तौड नगर के महाराणा के राजदरबार में भीमसिंह नामक सामंत पदवीधारी था। वह पडिहार राजपूत खेमटराव का पुत्र था। वह कांकरावत का निवासी था। उसे महाराणा की चाकरी करना पसंद न था। एक बार राजदरबार में किसी कारणवश सामंत भीमसिंह आक्रोश में आ गये। उनका स्वाभिमान जागा और वे अपने गांव चले गये। महाराणा को यह उचित नहीं लगा। तुरंत सेवा में चले आने का हुकम जारी किया। पर सामंत भीमसिंह ने वहाँ जाना स्वीकार नहीं किया।