बीकानेर से 13 कि.मी. पर स्थित
उदयरामसर में अतिप्राचीन चमत्कारी दादावाडी है। इस दादावाडी का निर्माण बाफना परिवार
जैसलमेर वालों द्वारा कराया गया था। इस विशाल दादावाडी में श्री चिंतामणि जैन मंदिर
प्रन्यास द्वारा पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की
प्रेरणा से जिन मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया।
इस जिन मंदिर का संपूर्ण लाभ
श्री भीखमचंदजी पूनमचंदजी प्रेमचंदजी श्रीपालजी नाहटा परिवार द्वारा लिया गया। मंदिर
का शिलान्यास ता. 6 नवम्बर 2017 को किया गया। ता. 3 दिसम्बर 2017 को इसकी प्रतिष्ठा
पूज्य आचार्यश्री की पावन निश्रा में संपन्न हुई।
संपूर्ण प्रतिष्ठा का लाभ जिन
मंदिर के लाभार्थी परिवार श्री भीखमचंदजी पूनमचंदजी प्रेमचंदजी श्रीपालजी नाहटा परिवार
ने लिया।
अत्यन्त आनंद व उल्लास के साथ
अपार भीड के मध्य परमात्मा वासुपूज्य भगवान, गौतमस्वामी एवं श्री नाकोडा भैरव की प्रतिमा संपन्न हुई। इस अवसर पर पूज्य
आचार्यश्री, मुनि श्री मलयप्रभसागरजी म.एवं पूज्य पंन्यास श्री
पुण्डरीकरत्नविजयजी म., पू. प्रवर्तिनी श्री शशिप्रभाश्रीजी म.
आदि ठाणा, पू. साध्वी श्री कल्पलताश्रीजी म. आदि ठाणा,
पू. साध्वी श्री प्रियस्वर्णांजनाश्रीजी म. आदि ठाणा का पावन सानिध्य
प्राप्त हुआ। श्री नाहटा परिवार ने इस मंदिर के संचालन हेतु विशाल राशि प्रन्यास को
अर्पण की।
प्रन्यास की ओर से अध्यक्ष श्री
निर्मलजी धारीवाल ने नाहटा परिवार का बहुमान किया। इस अवसर पर मात्र 25 दिनों में जिन
मंदिर का निर्माण करने वाले सोमपुरा श्री विनोद शर्मा का बहुमान किया गया।
श्री चिंतामणि आदिनाथ मंदिर भूगर्भ
स्थित प्राचीन 1116 जिन बिम्बों के प्राकट्य महोत्सव में श्री अखिल भारतीय खरतरगच्छ
युवा परिषद् का सराहनीय पुरूषार्थ रहा। उन्होंने सारी व्यवस्था सम्हाली। प्रन्यास की
ओर से युवा परिषद् का बहुमान अभिनंदन किया गया।
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