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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

PALITANA PARYUSHAN FESTIVAL 2015

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PALITANA PARYUSHAN FESTIVAL 2015 

4th Dada Gurudev Achary Jinchandrasuri... चौथे दादा गुरुदेव अकबर प्रतिबोधक श्री जिन चंद्रसूरिजी म. की जयंती पर विशेष आलेख

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BILADA DADAWADI चौथे दादा गुरुदेव अकबर प्रतिबोधक श्री जिन चंद्रसूरिजी म. की जयंती पर विशेष आलेख जन-जन के ह्रदय में बसी हुई अहिंसा, करुणा और मैत्रीभाव को मानव ही नहीं पशु-पक्षीयो तक साकार रूप देने वाले, शिथीलाचार से व्यथित होकर शास्त्रविहित साध्वाचार परंपरा को क्रियोद्धार के द्वारा विकसित करने वाले, सम्राट अकबर को प्रतिबोध देकर धार्मिक दिवसों में सर्वत्र हिंसा निषेध के आदेश प्राप्त करने वाले गच्छनायक युगप्रधान श्री जिनचंद्रसुरीजी म. जैन धर्म के आकाश में भानु के समान हुए है। दादा गुरुदेवो में ये चौथे दादागुरु है। 

Purpose of Paryushan Parva

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    Paryushan Parva is a spiritual-oriented festival and not a material-oriented one. It is an opportunity to fulfilling oneself with higher spiritual feelings to create global peace and harmony. The very idea of this festival is that if in any part of our life we feel a lack of any quality this is the good time to re-cultivate that quality in our life. We can say this is the time to shape our life in the direction of peace and harmony besides comfortable and fulfilling relationships. The required changing area of your life may be such as…

Meaning of Paryushan

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The word “Paryushan” has several different meanings:      Pari + ushan = all kinds + to burn = to burn (shed) our all types of karmas. To shed our karmas, we do twelve different types of austerities including fasting.      Another meaning of “ushan” is to stay closer. To stay closer to our own soul from all directions and to stay absorbed in our own-self (soul), we do Svadhyaya5 (self-study), meditation, austerities, etc. Pari + upshamana = upshamana means to suppress, to suppress our passions (kashayas – anger, ego, deceit and greed) from all directions.

Phalodi फलोदी में धर्म गंगा

परम पूज्य गणाधीश उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. व मनीषप्रभसागरजी म.सा. का फलौदी में चातुर्मास धूम-धाम से चल रहा है। चातुर्मासिक आराधना का दौर व जिनवाणी की साधना सानन्द चल रही है। आराधना के दौरान तपस्या की धारा अविरल बह रही है। तपस्या में नौ उपवास, तेले, शासन चक्र तप एवं प्रत्येक रविवार को एकासनें, अक्षयनिधि तप आदि तपस्याएं हो रही है। पूज्यश्री की निश्रा में प्रत्येक रविवार को शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में बालकों को प्रभु पुजा, नव तत्त्व, कर्म मीमांसा आदि का ज्ञान देकर संस्कारित किया जा रहा है। पूज्य श्री मनीषप्रभसागर जी म.सा. द्वारा सशक्त उदाहरणों के माध्यम से जीवन जीने की कला के आदर्श प्रस्तुत किये जाते है जिनकी अनुपालना से बालकों का जीवन ज्ञान की खुश्बु से सुंगधित हो ही रहा है।

Mumbai मुम्बई में ‘अमावस को चांद उगायो’ नाटिका का आयोजन

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श्री शांतिनाथ मंदिर, विल्सन गली, मुम्बई स्थित श्री खरतरगच्छ संघ सांचोर के तत्वावधान में पूज्या साध्वीवर्या हेमरत्नाश्रीजी म. व जयरत्नाश्रीजी म. के सानिध्य एवं पूज्या साध्वी नूतनप्रियाश्रीजी म. के निर्देशन में दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरीश्वरजी म. एवं दादा गुरुदेव श्री जिनचंद्रसूरीश्वरजी म. के जीवन पर आधारित भव्य नाटिका का आयोजन दि. 6 सितम्बर 2015 को किया गया है। ‘अमावस को चांद उगायो’ नाटिका में हृदय की गहराइयों तक स्पर्श करने वाले कई भावुक दृश्यों का संयोजन व संचालन सौ. प्रेमलता ललवाणी अथक प्रयासों से कर रही है। यह नाटिका दि. 6 सितम्बर 2015 को दोपहर दो बजे माननीय विधायक श्री मंगलप्रभातजी लोढा एवं नगर सेवक श्री शांतिलालजी दोशी के आतिथ्य में मुम्बई गिरगांव के प्रसिद्ध मुम्बई मरा़ठी साहित्य संघ सभागार में आयोजित होगी। नाटिका का सम्पूर्ण लाभ लिया है दादा गुरु भक्त बोथरा बाबुलालजी धर्माजी कानुंगो, सांचोर-मुम्बई ने। श्री संघ की ओर से सभी को पधारने का हार्दिक निवेदन है। संपर्क- 66109406

Rakhi आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म.सा. का राखडी पूनम विषय पर दिया गया अनमोल प्रवचन

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Raksha Bandhan आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म.सा. का राखडी पूनम विषय पर दिया गया अनमोल प्रवचन

पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म. सा. का राखडी पूनम विषय पर दिया गया अनमोल प्रवचन   बहुत से जैनी यह समझते हैं कि जैन धर्म की दृष्टि से रक्षाबंधन का कोई महत्व ...

Raipur (C.G.) सूचना ~ श्री जिनकुशल सूरि जैन दादावाडी, एम.जी. रोड, रायपुर (छ.ग.) के प्रांगण में खरतरगच्छाधिपति पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. की निश्रा में - उपधान तप की भव्य आराधना 9 अक्टूबर से उपधान प्रारम्भ होकर माला महोत्सव 29 नवम्बर 2015

सूचना ~~~~~~~~~ श्री जिनकुशल सूरि जैन दादावाडी एम.जी. रोड रायपुर (छ.ग.) के प्रांगण में --------------------------- खरतरगच्छाधिपति पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागर जी म . सा . की निश्रा में ----- उपधान त...

Tirthankar or Lanchhan

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1. श्री ऋषभनाथ- बैल, वृषभ 2. श्री अजितनाथ- हाथी,गज 3. श्री संभवनाथ- अश्व (घोड़ा), 4. श्री अभिनंदननाथ- बंदर,कपि 5. श्री सुमतिनाथ- क्रोंच, 6. श्री पद्मप्रभ- कमल, 7. श्री सुपार्श्वनाथ-साथिया (स्वस...

श्री खरतरगच्छ चातुर्मास सूची 2015

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FOR DOWNLOAD CLICK HERE  श्री खरतरगच्छ चातुर्मास सूची   श्री खरतरगच्छ चातुर्मास सूची-1 \

Raipur (C.G.) छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर नगर में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. का चातुर्मास हेतु नगर प्रवेश ता. 25 जुलाई को अत्यन्त आनंद व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।

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GURU MANIPRABH  छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर नगर में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि समयप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि विरक्तप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्रेयांसप्रभसागरजी म. पूज्य बालमुनि मलयप्रभसागरजी म. ठाणा 6 एवं पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. पूजनीया बहिन म. डाँ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. पू. प्रज्ञांजनाश्रीजी म. पू. विज्ञांजनाश्रीजी म. पू. निष्ठांजनाश्रीजी म. पू. आज्ञांजनाश्रीजी म. ठाणा 6 का चातुर्मास हेतु नगर प्रवेश ता. 25 जुलाई को अत्यन्त आनंद व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।  

Malpura खरतरगच्छ सहस्राब्दी समारोह तीन साल बाद मालपुरा में

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malpura पूज्य गच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने रायपुर चातुर्मास प्रवेश के अवसर पर घोषणा करते हुए कहा- आगामी तीन साल बाद वि. संवत् 2075-76 में खरतरगच्छ के उद्भव को एक हजार साल पूरे हो रहे हैं। वि. 1075-76 में आचार्य श्री जिनेश्वरसूरि महाराज को पाटण नरेश दुर्लभ राजा ने खरतर बिरूद प्रदान किया था , तब से चन्द्र गच्छ का नाम खरतरगच्छ हुआ। उस परम्परा को निर्बाध रूप से चलते एक हजार वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस उपलक्ष्य में सहस्राब्दी का आयोजन करना है। यह आयोजन दादा गुरुदेव श्री जिनकुशलसूरि की प्रत्यक्ष दर्शन स्थली मालपुरा में किया जायेगा। इस आयोजन की रूपरेखा सम्मेलन में निश्चित की जायेगी।

पूज्य गच्छाधिपतिजी ने की घोषणा... खरतरगच्छ महासम्मेलन पालीताना में 1 मार्च से 12 मार्च 2016 तक... लम्बे समय के बाद खरतरगच्छ श्रमण महासम्मेलन पालीताना में होने जा रहा है। यह सम्मेलन 1 मार्च से प्रारंभ होगा, जो 12 मार्च तक चलेगा।....

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sammelam palitana me इस प्रकार की घोषणा पूज्य गणनायक श्री सुखसागरजी म.सा. के समुदाय के खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने रायपुर प्रवेश के दिन ता. 25 जुलाई को की। पूज्यश्री द्वारा सम्मेलन के स्थान व तिथियों की की गई घोषणा पर उपस्थित विशाल जनसमूह ने जय जयकार के नादों से बधाया। पूज्यश्री ने कहा- समस्त साधु साध्वियों से विचार विमर्श कर इस क्षेत्र का चुनाव किया गया है। हाँलाकि सम्मेलन आयोजित करने के लिये जयपुर , मालपुरा , रायपुर , भद्रावती , जालना , नगपुरा आदि स्थानों की विनंतियाँ चल रही थी। पर अधिकतर साधु साध्वियों की सुविधा , विहार , व्यवस्थाऐं आदि के आधार पर पालीताना का चुनाव किया गया है। इस सम्मेलन में 1 मार्च से 9 मार्च तक केवल साधु साध्वियों का सम्मेलन होगा , जिसमें गच्छ विकास , व्यवस्थाऐं , समाचारी आदि विविध विषयों पर विचार विमर्श कर निर्णय किया जायेगा। ता. 10 से 12 मार्च तक श्रावक सम्मेलन का आयोजन होगा।

PHALODI RAJ. मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. व मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का फलोदी में चातुर्मास प्रवेश उल्लास के साथ हुआ

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परम पूज्य गणाधीश उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी के आज्ञानुवर्ती सरल स्वभावी मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. व प्रवचनकार मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का फलोदी में चातुर्मास हेतु 22 जुलाई 2015 को भव्य प्रवेश हुआ। प्रवेश जुलुस स्थानीय हायर सैकण्डरी स्कूल के पास से बैंड बाजों के साथ धूम धाम से पाश्र्वनाथ जिनालय मार्ग होते हुए कन्हैयालालजी भंसाली (मुनि मनीषप्रभसागरजी म. के सांसारिक पिताजी) के निवास के आगे से निकला। वहां पर भंसाली परिवार ने संघ का स्वागत कर संघ पूजन किया। त्रिपोलिया बाजार से होते हुए जुलूस चुडीगरों के मोहल्ले स्थित बड़ी धर्मशाला में पहुँचा।

DURG C.G. दुर्ग में खरतगच्छाधिपतिजी का पदार्पण हुआ

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खरतरगच्छाधिपति उपाध्याय गुरुदेव श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. आदि ठाणा एवं पूजनीया साध्वी विद्युतप्रभाश्रीजी म.सा. अपनी शिष्या मंडली के साथ दुर्ग (छ.ग) स्थित रिषभदेव परिसर में 21 जुलाई को पदार्पण हुआ। प.पू. गुरुदेव श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने अपने हृदय स्पर्शी प्रवचन में धर्मसभा के समक्ष खरतरगच्छ को चार साधु भगवंत देने वाले दुर्ग श्रीसंघ एवं परिवार के प्रति मंगल भावना व्यक्त करते हुए छ.ग. में दुर्ग श्रीसंघ का प्रथम अधिकार निरूपित किया।  

JAY GURUDEV... GURU PRARTHNA

Raipur CG में चतुर्मास प्रवेश समारोह

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पूज्य गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. आदि ठाणा का Raipur CG में चतुर्मास प्रवेश समारोह का विवरण

Bikaner Chaturmas गुरुदेव श्री मनोज्ञसागरजी म. सा. व बाल मुनि नयज्ञसागरजी म. सा. ठाणा 2 का धर्म नगरी बीकानेर नगर में 25/07/15 को ऐतिहासिक भव्य चातुर्मास प्रवेश हुवा।

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खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत मज्जिन श्री कांतिसागरसूरीश्वरजी म.सा.के शिष्य एवं  वर्तमान गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. सा. के आज्ञानुवर्ती ब्रह्मसर तीर्थोद्...

Welcome Chaturmas

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आराधना का महापर्व तपस्या का स्वर्णिम पर्व प्राणी मात्र के प्रति करुणा भाव जगाने वाले अनुपम पर्व को भव्य नमन... 🙏🙏🙏🙏 अभिनन्दन पावन पर्व का उल्लास मन का आराधन आत्मा का