सूरत नगर में पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरुष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य ब्रह्मसर तीर्थोद्धारक उपाध्याय भगवंत श्री मनोज्ञसागरजी म. एवं पू. मुनि श्री नयज्ञसागरजी म. तथा पू. साध्वी अनंतदर्शनाश्रीजी म. ठाणा 3 का
चातुर्मास श्री बाडमेर जैन संघ, सूरत के तत्वावधान में कुशल दर्शन दादावाड़ी प्रांगण में ऐतिहासिक रूप से चल रहा है।
पूज्यश्री के प्रवचनों में भीड लगी रहती है। पूज्यश्री की प्रेरणा से मासक्षमण आदि विविध तप बडी संख्या में जारी है। पूज्यश्री की निश्रा में तपस्या की लहर चल रही है। जिसकी घोषणा दि. 31 अगस्त को गुरुदेव ने की। जिसमें श्री भरतकुमारजी पारसमलजी गोलेछा हाथीतला बाड़मेर के 33वां (51 की भावना), श्रीमती पिंकीदेवी अशोककुमारजी संकलेचा के 13 वां (31 की
भावना) और साध्वी विश्वदर्शनाश्रीजी म. के 13वां उपवास (31 की भावना) हैं। तीनों तपस्वी एक ही परिवार के हैं।
इसके अलावा 50दिवसीय पंच परमेष्ठी श्रेणि तप, आयम्बिल, उपवास, एकासना, सांकलिया तेला, रोजाना 5 बहनों को एक उपवास की शृंखला के अलावा और भी कई श्रद्धालुओं की बड़ी तपस्या चल रही हैं।
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