संघपति मोहनलाल मरडिया ने बताया कि उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. की पावन निश्रा में ता.21 जनवरी को प्रात: शुभ मुहूत्र्त में विधि विधान के साथ चतुर्विध संघ का प्रयाण हुआ।
संघपति शांतिलाल मरडिया ने बताया कि चितलवाना से हाडेचा, कारोला, सांचोर होते हुए ता. 27 जनवरी को भोरोल तीर्थ पहुँचा। ता.28 को वाव पहुचा। वाव में श्री अजितनाथ व श्री गौडी पाश्र्वनाथ भगवान के दर्शन कर सभी आराधक हर्षित हुये।
परम पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष
आचार्य देव श्री
जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा.
के शिष्य पूज्य
गुरुदेव उपाध्याय प्रवर श्री
मणिप्रभसागरजी म.सा.,
पूज्य मुनिराज श्री
मुक्तिप्रभसागरजी म., पूज्य
मुनि श्री मनीषप्रभसागरजी
म., पूज्य मुनि
श्री मेहुलप्रभसागरजी म.
आदि की पावन
निश्रा एवं पूजनीया
माताजी म. श्री
रतनमालाश्रीजी म.सा.,
पू. साध्वी श्री
नीतिप्रज्ञाश्रीजी म., पू.
साध्वी श्री विभांजनाश्रीजी
म. एवं पूजनीया
साध्वी श्री प्रियरंजनाश्रीजी
म., पू. साध्वी
श्री प्रियदिव्यांजनाश्रीजी म.,
पू. साध्वी श्री
प्रियशुभांजनाश्रीजी म. आदि
की पावन सानिध्यता
में श्री चितलवाना
से श्री शंखेश्वर
महातीर्थ के लिये
छह री पालित
संघ ता. 21 जनवरी
को रवाना हुआ।
संघ का आयोजन
शा. दलीचंदजी मिश्रीमलजी
मावाजी मरडिया परिवार कर
रहा है।
संघ प्रयाण से पूर्व
ता. 17 जनवरी को पूज्य
उपाध्याय श्री एवं
पू. माताजी म.
पू. बहिन म.
डाँ. विद्युत्प्रभाश्रीजी म.
आदि साधु साध्वी
मंडल का नगर
प्रवेश संपन्न हुआ। ता.
18 से संघपति परिवार
द्वारा त्रिदिवसीय जीवित महोत्सव
का आयोजन किया
गया। जिसके अन्तर्गत
ता. 18 को पंचकल्याणक
पूजा पढाई गई।
ता. 19 को दादा
गुरुदेव की पूजा
के साथ साथ
मातृ पितृ वंदना
का अनूठा भावनात्मक
कार्यक्रम रखा गया।
जिसे आबूरोड की
भावना आचार्य ने
संचालित किया।
ता. 19 को पूजा
के साथ रात्रि
में सुप्रसिद्ध लोक
संगीतकार श्री प्रकाश
माली द्वारा कुल
देवी श्री सच्चिया
माता का रात्रि
जागरण रखा गया।
ता. 20 को शान्तिस्नात्र
महापूजन का आयोजन
किया गया। रात्रि
में भक्ति भावना
का आयोजन हुआ। हाडेचा निवासी श्री मावजी टोमाजी घोडा परिवार द्वारा विजय तिलक का विधान किया गया।
पूज्यश्री ने प्रवचन
फरमाते हुए कहा-
एक व्यक्ति गाडी
में बैठकर तीर्थ
यात्रा करता है।
और एक व्यक्ति
पैदल चल कर
वीतराग परमात्मा की आज्ञा
के अनुसार एकासणा
आदि छह री
का पालन करता
हुआ तीर्थ यात्रा
करता है। इन
दोनों यात्राओं में
बहुत अन्तर है।
छह
री का पालन
करते हुए यात्री
के मन में
पल-पल तीर्थ
की महिमा गुंजती
है। मरडिया परिवार
भाग्यशाली है, जो
ऐसे विशाल संघ
के आयोजन का
लाभ प्राप्त हो
रहा है।
यह पैदल संघ
राधनपुर, समी आदि
होते हुए ता.
4 फरवरी को शंखेश्वर
महातीर्थ पहुँचेगा। ता. 5 को
संघ माला का
विधान होगा।
इस अवसर पर
संघवी बाबुलाल मरडिया,
प्रकाश घोडा, घेवरचंद घोडा,
छबीलकुमार घोडा, मदनलाल मरडिया,
रमणलाल गांधी आदि गणमान्य
नागरिक मौजूद थे, जिन्होंने
संघपति परिवार की अनुमोदना
की। संगीतकार कमलेश
जैन ने परमात्म
भक्ति में रंग
जमाया।
प्रेषक
मुकेश प्रजापत
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