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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823
"प" की महीमा
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‘प’ शब्द हमको बहुत प्रिय है। हम जिंदगी भर ‘प’ के पीछे भागते रहते है। जो मिलता है वह भी ‘प’ और जो नहीं मिलता वह भी ‘प’।
पति- पत्नी- पुत्र -पुत्री -परिवार-
पैसा -पद-प्रतिष्ठा -प्रशंसा।
ये सब ‘प’ के पीछे पड़ते-पड़ते हम पाप करते
है यह भी ‘प’ है। फिर हमारा ‘प’ से पतन
होता है और अंत मे बचता है सिर्फ ‘प’ से पछतावा।
पाप के ‘प’ के पीछे पड़ने से अच्छा है 'प' से पुण्य करके "प" के परमात्मा की ‘प’ से प्राप्ति करले..।''
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