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Showing posts from December, 2013

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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

1st DADA GURUDEV SHREE JINDUTTSURIJI MS

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1st DADA GURUDEV SHREE JINDUTTSURIJI MS

SHREE GOUTAM SWAMIJI

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GOUTAM SWAMI अंगुठे अमृत वसे, लब्धि तणा भंडार।   श्री गुरु गौतम समरिये, वांछित फल दातार।।

FIRST DADA GURUDEV SHREE JINDUTTSURIJI MS

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jinduttsuriji दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरिजी म.सा.

Samayik Benefits

सामायिक का लाभ             Samayik Benefits 1. समता पूर्वक करने से 92 करोड़ 59 लाख 24 हजार 925 पल्योपम (अर्थात् असंख्य वर्ष) जितना देव आयुष्य का बंधन होता है। 2. 20 मन की एक खंड़ी होती है-ऐसी लाख लाख सोने की खंडी एक लाख वर्ष तक प्रतिदिन कोई दान दे और दूसरा कोई एक सामायिक करें तो वह दान देने का पुण्य सामायिक के बराबर नहीं आ सकता। 3. नरक गति के बंध को तोडने की ताकत सामायिक में है । 4. सामायिक करने से चार प्रकार के धर्म का पालन होता है। 1. दान धर्मः- चौदह राजलोक के 6 कायिकजीवों को अभयदान मिलता है। 2. शील धर्मः- सामायिक में शीलव्रत का पालन होता है। बालको से बालिका या स्त्री का एवं बालिकाओं से बालकों या पुरुष का स्पर्श नही किया जा सकता । 3. तप धर्मः- सामायिक में चारों प्रकार के आहार का त्याग होने के कारण तप धर्म तथा काय क्लेश रुपी तप होता है। 4. भाव धर्मः- सामायिक की क्रिया भावपूर्वक करनी होती है। इस प्रकार चारों धर्मो की आराधना हो जाती है। 5. श्राद्ध विधि प्रकरण ग्रंथ में लिखा हुआ है कि घर के बजाय उपाश्रय में सामायिक करने से एक आयंबिल तप का लाभ प्राप्त होता है।

DADA GURUDEV MANIDHARI SHREE JINCHANDRASURIJI MS

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DADA GURUDEV MANIDHARI  SHREE JINCHANDRASURIJI MS DADA GURUDEV MANIDHARI SHREE JINCHANDRASURIJI MS

DADA GURUDEV SHREE JINKUSHALSURIJI MS

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DADA GURUDEV SHREE JINKUSHALSURIJI MS DADA GURUDEV SHREE JINKUSHALSURIJI MS

DIKSHARTHI AMR RHO...

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BILADA JINCHANDRASURIJI MS

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BILADA JINCHANDRASURIJI MS

lATEST nEWS lINK uPDATE aLL lINKS aRE iMPORTANT

पालीताणा में सुश्री सीमा छाजेड व श्रीमती कमलादेवी की दीक्षा संपन्न पालीताना में प्रतिष्ठा संपन्न चितलवाना से श्री शंखेश्वर महातीर्थ छ:री पालित संघ साधू समाचार साध्वीजी समाचार NEW NAME NUTAN MUNI... NUTAN SADHVIJI Babulalji Luniya Dancing in Palitana

पालीताना में प्रतिष्ठा संपन्न

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विश्व विख्यात तीर्थ पालीताना में श्री कुंथनाथ जिन मंदिर व दादावाडी की प्रतिष्ठा आज पूज्य आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब के शिष्य पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी महाराज साहब आदि साधु साध्वी मंडल की परम पावन निश्रा में अत्यन्त उल्लास एवं आनन्द के साथ संपन्न हुई। यह मंदिर पूज्या साध्वी श्री शशिप्रभाश्रीजी म. की पावन प्रेरणा से जिनेश्वरसूरि खरतरगच्छ भवन में निर्मित हुआ है।

JAHAJ MANDIR MONTHLY MAGAZINE DECEMBER 2013

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चितलवाना से श्री शंखेश्वर महातीर्थ छ:री पालित संघ

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पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. की पावन निश्रा में चितलवाना से श्री शंखेश्वर महातीर्थ का छह री पालित संघ आयोजित होगा। चितलवाना निवासी शा. दलीचंदजी मिश्रीमलजी मावाजी मरडि या परिवार ने पालीताना में ता. 20 नवम्बर 2013 को अपने सगे संबंधियों लगभग 300 लोगों के साथ उपस्थित होकर पूज्यश्री से अपनी निश्रा प्रदान करने व संघ प्रस्थान व माला का शुभ मुहूर्त्त प्रदान करने की भावभीनी विनंती की। जिसे पूज्यश्री ने स्वीकार करते हुए ता. 21 जनवरी 2014 का संघ प्रस्थान का शुभ मुहूर्त्त प्रदान किया।

साधू समाचार

0 पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म . सा . आदि ठाणा पालीताना बिराज रहे हैं। उनकी पावन निश्रा में नवाणुं यात्राा का आयोजन चल रहा है। ता . 30 दिसम्बर को संघवी माला विधन के पश्चात् 31 दिसम्बर को अहमदाबाद होते हुए चितलवाना की ओर विहार करेंगे। 0 पूज्य मुनिराज श्री मनोज्ञसागरजी म . सा . आदि ठाणा 2 महासमुन्द चातुर्मास की संपन्नता के पश्चात् रायपुर , कैवल्यधम होते हुए पुन : महासमुन्द पधर गये हैं। उनकी निश्रा में श्री सम्मेतशिखरजी तीर्थ के लिये छह री पालित संघ का आयोजन हो रहा है। 13 दिसम्बर को संघ का प्रस्थान होगा।

साध्वीजी समाचार

0  पूजनीया   प्रवर्तिनी   श्री   कीर्तिप्रभाश्रीजी   म . सा .   आदि   ठाणा   इन्दौर   नगर   में   बिराज   रहे   हैं।   वहाँ   से   जावरा   अष्टापद   तीर्थ   की   होने   वाली   प्रतिष्ठा   में   पधरेंगे। 0  पूजनीया   प्रवर्तिनी   श्री   चन्द्रप्रभाश्रीजी   म . सा .  आदि   ठाणा   सूरत   शीतलवाडी   उपाश्रय   से  13  दिसम्बर   को   विहार   कर   माँडल   टाउन   पधरेंगे ,  मौन   एकादशी   के   बाद   कोलकाता   की   ओर   विहार   करेंगे। 0  पूजनीया   साध्वी   श्री   सुलोचनाश्रीजी   म . सा .  श्री   सुलक्षणाश्रीजी   म . सा .  आदि   का   कोलकाता   में   चातुर्मास   की   संपन्नता   के   पश्चात्   उपनगरों   में   भ्रमण   कर   रहे   हैं।  1  दिसम्बर   को   सम्मेतशिखर   तीर्थ   की   ओर   विहार   किया   है।

JAHAJ MANDIR MAGAZINE DEC-2013

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