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Showing posts from November, 2015

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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

Mayur Temple Palitana... श्री जिन हरि विहार स्थित श्री आदिनाथ जैन मयूर मंदिर की वार्षिक ध्वजा का भव्य आयोजन

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Mayur Temple Palitana पालीताणा ,  आज   श्री   जिन   हरि   विहार    स्थित   श्री   आदिनाथ   जैन   मयूर   मंदिर   की   वार्षिक   ध्वजा   का   भव्य   आयोजन   संपन्न  होगा  । यह आयोजन मुनिवर मयंकप्रभसागरजी म. आदि ठाणा के निर्देशन में होगा।   इस   अवसर   पर   सतरह   भेदी   पूजा   व   अठारह   अभिषेक   का   आयोजन   किया   गया है। परमात्मा के चरणों में विनम्र वन्दनाए...

प्रतिकमण किसे कहते हैं ?

प्रश्न 1: प्रतिकमण किसे कहते हैं ? उत्तर 1: हम अपनी मर्यादाओं का अतिक्रमण करके अपनी स्वभाव दशा में से निकलकर विभाव दशा में चले गए थे तो पुनः स्वभाव रूप सीमाओं में प्रत्यागमन करना प्रतिकमण है। जो पापकर्म मन, वचन, और काया से स्वयं किये जाते हैं, दूसरों से करवाएं जाते हैं और दूसरों के द्वारा किये हुए पापों का अनुमोदन किया जाता है, उन सभी पापों की निवृति हेतु कृत पापों की आलोचना करना, निंदा करना प्रतिकमण कहलाता है। प्रश्न 2: प्रतिकमण का शाब्दिक अर्थ क्या है ? उत्तर 2: प्रतिकमण का शाब्दिक अर्थ है - पापों से पीछे हटना।

Gautam Swami Aaradhna

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Roop 14

🔹 आज रूप चौदस है।       वीर प्रभु का अंतिम दर्शन हुआ था आज । 🔸 सचमुच देखने योग्य, जिनमुद्रा ही है । 🔹 जिन रूप अर्थात सुखी जीव का रूप । 🔸 जिन दर्शन अर्थात् आत्म दर्शन । 🔹 अंतिम दर्शन अर्थात् लें लों दर्शन का जितना लाभ लेना हो ले लों,अब फिर नहीं मिलेगा। 🔸 जिन किसका दर्शन कर रहें हैं,       उसके दर्शन का नाम है जिनदर्शन । 🔹 जिनरूप अर्थात चिद्रूप । 🔸 ऐसा दर्शन करों कि अब       अनंत काल दर्शन की जरुरत ही न पड़े । 🔹 जिन मुद्रा से अलौकिक,       इस विश्व मे कोई मुद्रा नहीं है । 🔸 ये रूप ही सच्चा रूप है,       बाकी तो सब कुरूप है ।

Deepavali SHARDA or LAKSHMI Pujan Vidhi

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  Deepavali SHARDA or LAKSHMI Pujan Vidhi

Deepawali Pujan

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Phalodi Raj. फलोदी में दादा गुरुदेव का महापूजन आयोजित

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Phalodi Dada gurudev                   फलोदी मारवाड़ में परम पूज्य गुरूदेव गणाधीश उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ति पू. मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. पू. मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म.सा. की शुभ निश्रा में विभिन्न आराधनाओं के साथ चातुर्मास सानंद गतिमान है। अनेक धार्मिक अनुष्ठानों के अन्तर्गत दिनांक 30-10-2015 शुक्रवार को फलोदी नगर के जैन धर्मशाला भवन में श्री दादा गुरूदेव महापूजन का आयोजन किया गया। जिसमें श्रावक-श्राविकाओं एवं बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।                   प्रवचनकार मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. ने पूजन के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुये परमात्मा महावीर, नाकोड़ा, कापरडा, लौद्रवा, पाटन आदि तीर्थो के इतिहास पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही दादा गुरूदेवों के उपकारों को याद कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रगट करते हुए श्रद्धा-समर्पण के भावों से भाव-कुसुम चढ़ाते हुए प्रार्थना की।                    यह विशिष्ट महापूजन श्री खरतरगच्छ श्रीसंघ के तत्त्वावधान में स्व. रतनचन्द्रजी बच्छावत की स्मृति में आयोजित किया गया। संघ की ओर से बच्छावत परिवार की अनुमोदन