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Showing posts from November, 2018

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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

मुमुक्षु शुभम् कुमार लूंकड की दीक्षा 18 फरवरी को

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इन्दौर 28 अक्टूबर। जोधपुर निवासी श्रीमान् मोतीलालजी सौ. उमादेवी के सुपुत्र परम वैरागी मुमुक्षु श्री शुभम्कुमार लूंकड की भागवती दीक्षा उज्जैन नगर में अवन्ति पाश्र्वनाथ तीर्थ की प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर 18 फरवरी 2019 को संपन्न होगी। पूज्यश्री के सूरिमंत्र की तीसरी पीठिका साधना समारोह के महामांगलिक अवसर पर इस शुभ मुहूर्त्त की घोषणा की गई। मुमुक्षु शुभम् लूंकड का पूरा परिवार दीक्षा का शुभ मुहूर्त्त प्राप्त करने के लिये इन्दौर पूज्यश्री की सेवा में पहुँचा। श्रावक प्रवर श्री मोतीलालजी लूंकड ने कहा- शुभम् की तीव्र भावना को देखते हुए इसे चारित्र ग्रहण की अनुमति दी है। आपश्री इसकी दीक्षा का मुहूर्त्त प्रदान करें।

इन्दौर नगर में सूरि मंत्र की तीसरी पीठिका संपन्न... एक ऐतिहासिक उत्सव बना 25 दिवसीय सूरिमंत्र साधना का महामांगलिक

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इन्दौर 28 अक्टुंबर। परम पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरुष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य गुरुदेव मरुधर मणि खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. ने सूरिमंत्र की तृतीय पीठिका की 25 दिवसीय साधना के पश्चात् प्रथम साक्षात्कार एवं महामांगलिक में अखिल भारत वर्ष से सैंकडों गुरुभक्तों ने सम्मिलित होकर जिनशासन का जयघोष किया। पूज्यश्री ने 4 अक्टूबर को 25 दिवसीय पीठिका साधना का प्रारंभ किया था। ता. 28 को प्रात: विशिष्ट पूजन के साथ साधना संपन्न हुई। पूज्यश्री ने पूरा समय मौन , एकान्त व आयंबिल उपवास आदि तप के साथ साधना की। ता. 28 को साधना की पूर्णाहुति के अवसर पर प्रात:काल से प्रारंभ पूजन विधि में उपस्थित गुरुभक्तों ने अनुशासनपूर्वक विधि-विधान करते हुए आराधना के शिखर की स्पर्शना की। विधि पूर्ण होते-होते गुरुभक्तों ने गुरुवर के प्रति श्रद्धा का अपूर्व अहोभाव प्रकट कर बधाईयों की श्रेणियां समर्पित की। इस अवसर पर पूज्य आचार्यश्री के साथ शिष्य मंडल एवं साधना विधान के लाभार्थी श्री विजयजी रोहनजी रोहितजी रेयांसजी मेहता परिवार इन्दौर निवासी ने स

महावीर को नमन करें हम -मुनि मणिप्रभसागर (वर्तमान आचार्य)

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महावीर को नमन करें हम। ज्ञान रोशनी दूर करें भ्रम।। दीपावली की घड़ियां आई। भीतर आनंद की लहरें छाई। बन्द करो ईष्या की खाई। प्रेम धार बहे मिटे गम। महावीर को नमन करें हम।। पावापुरी पुर आनन्द छाया। वीर वाणी सिन्धु लहराया। भविजन गण ने उत्सव पाया। बरसी वाणी अमृत रस सम। महावीर को नमन करें हम।। वीर प्रभु की वाणी बहती। जन मन गावे कृपाकर महती। धन्य बनी पावा की धरती। सब बोले ये दिन हैं अनुपम। महावीर को नमन करें हम।। अपने दीये स्वयं बनो सब। दिखलाता अंधेरा पथ कब! संयम को आराधे हम तब। आत्मा ही है ज्ञान का उद्गम। महावीर को नमन करें हम।। मत उलझो दुनिया में बाहर। वह है राख लगी ज्यों साकर। धन्य बनो संयम को पाकर। बोलो गाओ संयम संयम। महावीर को नमन करें हम।। दीपावली की पावन महिमा। खोजो खुद को पाओ गरिमा। साकर बनाओ प्रेम की प्रतिमा। दीप रश्मियां नाश करे तम। महावीर को नमन करें हम।। अखण्ड देशना धार बहाई। मोक्ष गमन की घड़ियां आई। दूर करी कर्मों की कांई। पधारे महाधीर मोक्षपुरम्। महावीर को नमन करें हम।। हे प्रभो अब अर्ज हमारी। सुनलो महावीर दुनिया सारी। भटक रही राहें अ