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Showing posts from March, 2015

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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

Vikram Samvat 2072 की पावन वेला पर

Vikaram samavat 2072     नव वर्ष की हर्षित बेला पर, खुशियां  मिले  अपार | यश,कीर्ति, सम्मान   मिले, और बढे  सत्कार ||        शुभ-शुभ रहे हर दिन हर पल, शुभ-शुभ रहे   विचार | उत्साह.   बढे  चित चेतन में, निर्मल   रहे  आचार || सफलतायें नित  नयी मिले, बधाई    बारम्बार | मंगलमय हो काज  आपके, सुखी  रहे  परिवार ||     "नव वर्ष 2072 की हार्दिक शुभकामनाएं"

KANYAKUMARI कन्याकुमारी जिनमन्दिर निर्माण का इतिहास

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श्री जैन तीर्थ संस्थान  ( रामदेवरा) , चेन्नई के तत्वावधान में इस मंदिर का निर्माण हुआ है।। मंदिर का निर्माण मात्र 6-7 महिने में संपन्न हुआ। यहाँ जिन मंदिर बने , ऐसा भाव वर्षों से कई संघ , साधु साध्वीजी भगवंतों का था। श्री कन्याकुमारी जैन चेरिटेबल ट्रस्ट , मदुरै के मेनेजिंग ट्रस्टी श्री बगदावरमलजी हरण के माध्यम से यह विशाल भूखण्ड ट्रस्ट को प्राप्त हुआ। भूखण्ड प्राप्ति के प्रयास में मोकलसर निवासी श्री सुरेशकुमारजी श्रीमाल मदुरै वालों का पूर्ण सहयोग रहा। सरकारी समस्याओं के निराकरण में चेन्नई माइनोरिटी कमीशन के माननीय सदस्य , उदीयमान युवा व्यक्तित्व श्री सुधीरकुमारजी लोढा के अथक प्रयास रहे। इस भूखण्ड पर आराधना भवन , धर्मशाला , भोजनशाला आदि का प्रारंभ 10 जुलाई 2013 को किया गया। जिन मंदिर का शिलान्यास ता . 14 मार्च 2014 को किया गया। शिलान्यास के बाद परिस्थितियों के कारण कुछ समय   कार्य   नहीं हो पाया। उसके बाद लगातार कार्य चला। चेन्नई निवासी श्री राजे

कन्याकुमारी में ऐतिहासिक प्रतिष्ठा संपन्न भारत के दक्षिणी अन्तिम छोर पर स्थित पर्यटन स्थल श्री कन्याकुमारी नगर में परमात्मा श्री महावीर स्वामी का जिन मंदिर, श्री जिनकुशलसूरि दादावाडी एवं श्री राजेन्द्रसूरि गुरु मंदिर का अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव पूज्य गुरुदेव मरूधर मणि उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. की निश्रा में अत्यन्त हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।

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कन्याकुमारी में ऐतिहासिक प्रतिष्ठा संपन्न भारत के दक्षिणी अन्तिम छोर पर स्थित पर्यटन स्थल श्री कन्याकुमारी नगर में परमात्मा श्री महावीर स्वामी का जिन मंदिर , श्री जिनकुशलसूरि दादावाडी एवं श्री राजेन्द्रसूरि गुरु मंदिर का अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म . सा . के शिष्य पूज्य गुरुदेव मरूधर मणि उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म . सा . पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म . पूज्य मुनि श्री अध्यात्मप्रभसागरजी म . ठाणा 3    एवं पूजनीया महत्तरा श्री चंपाश्रीजी म . सा . जितेन्द्रश्रीजी म . की शिष्या पूजनीया धवलयशस्वी साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म . सा . पू . श्री विश्वरत्नाश्रीजी म . पू . श्री रश्मिरेखाश्रीजी म . पू . श्री चारूलताश्रीजी म . पू . श्री चारित्रप्रियाश्रीजी म . ठाणा 5 एवं पूजनीया खान्देश शिरोमणि साध्वी श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म . सा . की शिष्या पूजनीया सााध्वी श्री विरागज्योतिश्रीजी म . पू . श्री विश्वज्योतिश्रीजी म

कोयम्बतूर में मंदिर दादावाडी की प्रतिष्ठा संपन्न...ता. 2 फरवरी को मंगल मुहूत्र्त में परमात्मा स्तंभन पाश्र्वनाथ, दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरि, नाकोडा भैरव, घंटाकर्ण महावीर, श्री अंबिका देवी, श्री सरस्वती देवी, श्री काला गोरा भैरव, श्री पाश्र्व यक्ष एवं श्री पद्मावती देवी की प्रतिष्ठा की गई।

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कोयम्बतूर में मंदिर दादावाडी की प्रतिष्ठा संपन्न........  तमिलनाडु के कोयम्बतूर नगर में श्री विजयराजजी सौ . पारसमणि देवी पुत्र कुशलराज झाबक परिवार द्वारा स्वद्रव्य से निर्मित श्री स्तंभन पाश्र्वनाथ जिन मंदिर एवं श्री जिनदत्तसूरि दादावाडी की अंजनशलाका प्रतिष्ठा पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म . सा . पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म . सा . एवं पूजनीया महत्तरा साध्वी श्री मनोहरश्रीजी म . सा . की शिष्या पूजनीया साध्वी श्री तरूणप्रभाश्रीजी म . सुमित्राश्रीजी म . प्रियमित्राश्रीजी म . मधुस्मिताश्रीजी म .  एवं पूजनीया महत्तरा श्री चंपाश्रीजी म . जितेन्द्रश्रीजी म . की शिष्या पूजनीया साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म . विश्वरत्नाश्रीजी म . रश्मिरेखाश्रीजी म . चारूलताश्रीजी म . मयूरप्रियाश्रीजी म . चारित्रप्रियाश्रीजी म . तत्वज्ञलताश्रीजी म . संयमलताश्रीजी म . आदि के पावन सानिध्य में परम भक्ति भावना के वातावरण में संपन्न हुई। प्रतिष्ठा महोत्सव का प्रारंभ ता . 29 जनवरी को कुंभ स्थापना