Posts

Showing posts from 2015

Featured Post

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

Image
पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

Moun Egyaras, Moun Ekadashi Vidhi, मौन ग्यारस की विधि।

तारीख़ 21/12/2015 मार्गशीर्ष सुदी ११  मौन इग्यारस मौन इग्यारस  के दिन ➡श्री अरनाथ दीक्षा कल्याणक ➡श्री मल्लिनाथ =जन्म-दीक्षा-केवलज्ञान ➡श्री नमिनाथ केवलज्ञान हुआ था। 👉5 कल्याणको का एक मात्र दिन है। साथ ही तीन काल की अपेक्षा से ➡5 भरत क्षेत्र के 75कल्याणक ➡5 ऐरावत क्षेत्र के 75कल्याणक 👉इस प्रकार 150 कल्याणक एक ही दिन होते है। 👉 इस दिन जो भी धर्म क्रिया करो तो उसका 150 गुना लाभ मिलता है। 👉1 नवकारशी/ चौविहार करने वाले के 15000 वर्ष का नरक का आयुष्य कट जाता है। ✔ शक्य हो तो मौन पूर्वक चौविहार उपवास करके पौषधादि क्रियाओ द्वारा 150 कल्याणको की 150 माला गिने। 🙏🏻 अपने पाप कर्म खपाने का सुनहरा अवसर नही गवाये🙏 इस दिन करने योग्य तप - उपवास, आयम्बिल, एकसना। 🔹जाप मंत्र :- 1) ॐ ह्रीं श्री अरनाथ नाथाय नमः 2) ॐ ह्रीं श्री मल्लिनाथ अर्हते नमः 3) ॐ ह्रीं श्री मल्लिनाथ नाथाय नमः 4) ॐ ह्रीं श्री मल्लिनाथ सर्वज्ञाय नमः 5) ॐ ह्रीं श्री नमिनाथ  सर्वज्ञाय नमः ये 5 मन्त्र की 20 / 20 माला गिनना है। 🔹विधि :- 12 लोगस का काउस्सग् , 12 साथिया उसके ऊपर 12 फल और नैवेद्य रखना और 12 ख

Palitana Sammelan 2016 imp information. पालीताना में खरतरगच्छ का साधू साध्वी श्रावक श्राविका सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन ता. 1 मार्च 2016 से 12 मार्च 2016 तक होगा। इसमें त्रिदिवसीय खरतरगच्छ श्रावक श्राविका सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें कुल मिलाकर 7 सत्र होंगे।

सम्मेलन के संबंध में सूचना पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के आदेशानुसार पालीताना में खरतरगच्छ का साधू साध्वी श्रावक श्राविका सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन ता. 1 मार्च 2016 से 12 मार्च 2016 तक होगा। इसमें त्रिदिवसीय खरतरगच्छ श्रावक श्राविका सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें कुल मिलाकर 7 सत्र होंगे। श्रावक उद्बोधन सत्र में अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिये सकल श्री संघ को सादर आमंत्रण है। निर्णय किया गया है कि जिसे भी अपने विचार सम्मेलन में प्रस्तुत करने हों, उनका नाम स्थानीय संघ द्वारा प्रस्तावित होना अनिवार्य है। आयोजन समिति के पास श्री संघ के लेटर पेड पर अधिकृत पदाधिकारी के हस्ताक्षर युक्त लिखित पत्र प्राप्त होने पर वक्तव्य हेतु उनका नाम वक्ताओं की सूची में अंकित किया जायेगा। इस पत्र के आने के साथ वक्ता द्वारा दिये जाने वाले वक्तव्य का सार स्वरूप भी लिखित में आना अनिवार्य होगा। सकल खरतरगच्छ संघों से निवेदन है कि वे अवश्य ही अपनी ओर से विचार व्यक्त करने हेतु वक्ता का नाम प्रस्तावित करें। सकल श्री संघ से निवेदन है कि आप सभी सम्मेलन में अवश्

Bikaner बीकानेर में पूज्य गुरुदेव मुनि श्री मनोज्ञसागरजी म. आदि की निश्रा में उपधान तप संपन्न

Image
बीकानेर नगर में पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य गुरुदेव मुनि श्री मनोज्ञसागरजी म. पूज्य नयज्ञसागरजी म. आदि की निश्रा में महामंगलकारी उपधान तप की भव्य आराधना चल रही है। ता. 3 दिसम्बर को माल महोत्सव का भव्य वरघोडा आयोजित किया गया। ता. 4 दिसम्बर को मोक्ष माला का विधान संपन्न हुआ। इस अवसर पर पूज्य मुनिश्री ने मोक्ष माला का माहात्म्य समझाया। माला महोत्सव में पूरा बीकानेर जैसे उमड पडा था।

Solapur सोलापुर में पूजनीया मारवाड ज्योति श्री सूर्यप्रभाश्रीजी म.सा. के 50 वर्षीय संयम जीवन की पूर्णाहुति के उपलक्ष्य में स्वर्ण महोत्सव

पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के आज्ञानुयायी पूजनीया शतायुसंपन्ना समुदायाध्यक्षा महत्तरा श्री चंपाश्रीजी म.सा. की शिष्या पूजनीया मारवाड ज्योति श्री सूर्यप्रभाश्रीजी म.सा. के 50 वर्षीय संयम जीवन की पूर्णाहुति के उपलक्ष्य में त्रि दिवसीय प्रभु भक्ति महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव पूजनीया पाश्र्व मणि तीर्थ प्रेरिका श्री सुलोचनाश्रीजी म. आदि ठाणा, पू. श्री सूर्यप्रभाश्रीजी म.सा. पूर्णप्रभाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावन निश्रा में संपन्न होगा। इस महोत्सव का शुभारंभ 18 दिसम्बर को पाश्र्वनाथ पंच कल्याणक पूजा से होगा। ता. 19 को जयतिहुअण महापूजन पढाया जायेगा। तथा ता. 20 को मुख्य कार्यक्रम गुणानुवाद सभा के साथ चारित्र वंदनावली का कार्यक्रम होगा। चारित्र वंदनावली कराने के लिये चेन्नई से शासन रत्न श्री मोहनजी मनोजजी गुलेच्छा पधारेंगे। दोपहर में दादा गुरुदेव की पूजा पढाई जायेगी।

Mahasamund महासमुन्द में आचार्य श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. की 30वीं पुण्यतिथि पुण्यतिथि मनाई गई

Image
Jinkantisagarsuri परम पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. की 30वीं पुण्यतिथि का आयोजन छत्तीसगढ के महासमुन्द नगर में पूज्य गुरुदेवश्री के शिष्य रत्न पूज्य खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री श्रेयांसप्रभसागरजी म. की निश्रा में मिगसर वदि 7 ता. 2 दिसम्बर 2016 को मनाई गई। मंदिर दादावाडी के दर्शन उपरान्त गुणानुवाद सभा प्रारंभ हुई। गुणानुवाद सभा में पू. साध्वी श्री मोक्षरत्नाश्रीजी म., पूर्व अध्यक्ष श्री भीखमचंदजी मालू, विधायक श्री विमलजी चौपडा ने पूज्यश्री के व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा करते हुए संस्मरण सुनाये। इस अवसर पर प्रसिद्ध संगीतकार श्री देवराजजी लूणिया, सौ. श्रीमती प्रियंकादेवी चौपडा ने गीत के माध्यम से अपनी श्रद्धांजली अर्पित की।

Palitana Hari Vihar पालीताना - हरिविहार में ध्वजारोहण संपन्न

Image
विश्व विख्यात श्री पालीताणा तीर्थ स्थित श्री जिन हरि विहार धर्मशाला के श्री आदिनाथ परमात्मा से सुशोभित मयूर मंदिर का 13वां वार्षिक ध्वजारोहण का कार्यक्रम दि. 24 नवंबर 2015 को आनन्द व उल्लास के साथ संपन्न हुआ।  कायमी ध्वजा के लाभार्थी श्रीमती पुष्पाजी अशोकजी जैन परिवार द्वारा जिन मंदिर पर ध्वजा चढाई गई। प्रात: अठारह अभिषेक का आयोजन किया गया। सतरह भेदी पूजा पढाई गई।  यह समारोह पूज्य मुनिवर श्री मयंकप्रभसागरजी म., पू. मुनि श्री मेहुलप्रभसागरजी म., पू. मुनि श्री मौनप्रभसागरजी म., पू. मुनि श्री मोक्षप्रभसागरजी म., पू. मुनि श्री मननप्रभसागरजी म., पू. मुनि श्री कल्पज्ञसागरजी म. आदि ठाणा एवं पूजनीया खान्देश शिरोमणि श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म.सा. प्रियदर्शनाश्रीजी म. आदि साध्वी मंडल की पावन निश्रा में संपन्न हुआ। 

Watch "Achary Jinkantisagar suriji ms Agni Sanskar" on YouTube - https://youtu.be/mPIzotnahw4

Image

Mayur Temple Palitana... श्री जिन हरि विहार स्थित श्री आदिनाथ जैन मयूर मंदिर की वार्षिक ध्वजा का भव्य आयोजन

Image
Mayur Temple Palitana पालीताणा ,  आज   श्री   जिन   हरि   विहार    स्थित   श्री   आदिनाथ   जैन   मयूर   मंदिर   की   वार्षिक   ध्वजा   का   भव्य   आयोजन   संपन्न  होगा  । यह आयोजन मुनिवर मयंकप्रभसागरजी म. आदि ठाणा के निर्देशन में होगा।   इस   अवसर   पर   सतरह   भेदी   पूजा   व   अठारह   अभिषेक   का   आयोजन   किया   गया है। परमात्मा के चरणों में विनम्र वन्दनाए...

प्रतिकमण किसे कहते हैं ?

प्रश्न 1: प्रतिकमण किसे कहते हैं ? उत्तर 1: हम अपनी मर्यादाओं का अतिक्रमण करके अपनी स्वभाव दशा में से निकलकर विभाव दशा में चले गए थे तो पुनः स्वभाव रूप सीमाओं में प्रत्यागमन करना प्रतिकमण है। जो पापकर्म मन, वचन, और काया से स्वयं किये जाते हैं, दूसरों से करवाएं जाते हैं और दूसरों के द्वारा किये हुए पापों का अनुमोदन किया जाता है, उन सभी पापों की निवृति हेतु कृत पापों की आलोचना करना, निंदा करना प्रतिकमण कहलाता है। प्रश्न 2: प्रतिकमण का शाब्दिक अर्थ क्या है ? उत्तर 2: प्रतिकमण का शाब्दिक अर्थ है - पापों से पीछे हटना।

Gautam Swami Aaradhna

Image

Roop 14

🔹 आज रूप चौदस है।       वीर प्रभु का अंतिम दर्शन हुआ था आज । 🔸 सचमुच देखने योग्य, जिनमुद्रा ही है । 🔹 जिन रूप अर्थात सुखी जीव का रूप । 🔸 जिन दर्शन अर्थात् आत्म दर्शन । 🔹 अंतिम दर्शन अर्थात् लें लों दर्शन का जितना लाभ लेना हो ले लों,अब फिर नहीं मिलेगा। 🔸 जिन किसका दर्शन कर रहें हैं,       उसके दर्शन का नाम है जिनदर्शन । 🔹 जिनरूप अर्थात चिद्रूप । 🔸 ऐसा दर्शन करों कि अब       अनंत काल दर्शन की जरुरत ही न पड़े । 🔹 जिन मुद्रा से अलौकिक,       इस विश्व मे कोई मुद्रा नहीं है । 🔸 ये रूप ही सच्चा रूप है,       बाकी तो सब कुरूप है ।

Deepavali SHARDA or LAKSHMI Pujan Vidhi

Image
  Deepavali SHARDA or LAKSHMI Pujan Vidhi

Deepawali Pujan

Image
h

Phalodi Raj. फलोदी में दादा गुरुदेव का महापूजन आयोजित

Image
Phalodi Dada gurudev                   फलोदी मारवाड़ में परम पूज्य गुरूदेव गणाधीश उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ति पू. मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. पू. मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म.सा. की शुभ निश्रा में विभिन्न आराधनाओं के साथ चातुर्मास सानंद गतिमान है। अनेक धार्मिक अनुष्ठानों के अन्तर्गत दिनांक 30-10-2015 शुक्रवार को फलोदी नगर के जैन धर्मशाला भवन में श्री दादा गुरूदेव महापूजन का आयोजन किया गया। जिसमें श्रावक-श्राविकाओं एवं बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।                   प्रवचनकार मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. ने पूजन के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुये परमात्मा महावीर, नाकोड़ा, कापरडा, लौद्रवा, पाटन आदि तीर्थो के इतिहास पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही दादा गुरूदेवों के उपकारों को याद कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रगट करते हुए श्रद्धा-समर्पण के भावों से भाव-कुसुम चढ़ाते हुए प्रार्थना की।                    यह विशिष्ट महापूजन श्री खरतरगच्छ श्रीसंघ के तत्त्वावधान में स्व. रतनचन्द्रजी बच्छावत की स्मृति में आयोजित किया गया। संघ की ओर से बच्छावत परिवार की अनुमोदन

Phalodi फलोदी नगर में परम पूज्य गुरुदेव गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के निश्रावर्ती पूज्य मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. व फलोदी के नंदन प्रवचनकार मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का फलोदी का चातुर्मास धूम धाम से चल रहा है।

Image
phalodi manishprabh ms कन्हैयालालजी भंसाली  फलोदी में चातुर्मास में आराधना का ठाठ @  चातुर्मास में विभिन्न प्रकार के आयोजन हुए व चल रहे है। पूज्य मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. के सांसारिक पिताजी कन्हैयालालजी भंसाली के जीव राशी क्षमापना के उपलक्ष में दो दिवसीय कार्यक्रम सानंद सम्पन्न हुआ। दि. 25-9-2015 को सुबह त्रिपोलिया बाजार स्थित उनके निवास स्थान पर स्नात्र पुजा, पद्म पुष्प महिला मण्डल द्वारा पढ़ाई गई। रात्री में वैरागी जम्बुस्वामी के जीवन पर आधारित नाटिका का मंचीय कार्यक्रम हुआ। स्थानीय बालक-बालिकाओं की भाव-सभर प्रस्तुति को देखने पुरा गांव जैसे उमड़ पडा था। सभी ने नाटिका की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और साथ ही बच्चों का उत्साहवर्धन किया।  वर्षों के बाद गांव में भव्य चातुर्मास से श्रावक-श्राविका वर्ग सहित अन्य धर्मावलंबियों में भी उत्साह का वातावरण बना हुआ है।

Palitana Gujarat शाश्वत तीर्थाधिराज पालीताना स्थित श्री जिन हरि विहार धर्मशाला में पर्युषण महापर्व की आराधना आनंद मंगल व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई।

Image
 परम पूज्य गुरुदेव गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के शिष्य पूज्य मुनिराज श्री मयंकप्रभसागरजी म.सा., पूज्य मुनि श्री मेहुलप्रभसागरजी म., पूज्य मुनि श्री मौनप्रभसागरजी म., पूज्य मुनि श्री मोक्षप्रभसागरजी म., पूज्य मुनि श्री मननप्रभसागरजी म. एवं पूज्य गुरुदेव मुनिराज श्री मनोज्ञसागरजी म.सा. के शिष्य पूज्य मुनि श्री कल्पज्ञसागरजी म. की निश्रा में चातुर्मास की आराधना के अंतर्गत नित्य प्रवचन व दोपहर में स्वाध्याय का कालांश चला। जिसमें चातुर्मासिक आराधना करने हेतु पधारे सभी आराधकों ने एवं विभिन्न धर्मशालाओं में रुके श्रावक-श्राविकाओं ने पूरा भाग लिया। हरि विहार में पर्युषण पर्वाराधना का अनोखा ठाठ रहा। प्रतिदिन प्रात: 9:30 बजे प्रवचन का आयोजन हुआ। पूज्य मुनिराज श्री मयंकप्रभसागरजी म. के श्रीमुख से प्रारंभ सुधर्म सभा में मुनि मेहुलप्रभसागरजी म. व मुनि कल्पज्ञसागरजी म. के प्रवचन के प’चात् संघ पूजन और साधर्मिक वात्सल्य का भी आयोजन रहा। ता. 12.09.2015 को दादा गुरूदेव मणिधारी जिनचन्द्रसूरिजी म.सा. की स्वर्गारोहण तिथि पर गुणानुवाद और दोपहर में मयुर मंदिर में दादागुरूदेव की पूजा

Raipur छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर नगर में पर्युषण पर्व आराधना अत्यन्त आनंद व उल्लास के साथ संपन्न हुई।

Image
पूज्य गुरुदेव के प्रभावशाली धाराप्रवाह प्रवचनों को श्रवण करने के लिये जनता उमड पडी। संवत्सरी का प्रतिक्रमण पूज्यश्री ने अपने अनूठे अंदाज में अर्थ की विशिष्ट विवेचना के साथ कराया। बडे बुजुर्गों का कहना रहा कि ऐसा प्रतिक्रमण हमने अपने जीवन में प्रथम बार किया है। पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. आदि ठाणा 6 एवं पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी मपू. बहिन म. डा. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा 6 की पावन निश्रा में छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर नगर में पर्युषण पर्व आराधना अत्यन्त आनंद व उल्लास के साथ संपन्न हुई। तपस्या का रायपुर नगर में पहली बार ऐसा ठाट लगा। लगभग 12 से अधिक मासक्षमण की तपस्या हुई। 45 सिद्धितप के साथ लगभग 150 से अधिक अट्ठाईयों का ठाट लगा। 600 से अधिक अक्षय निधि व समवशरण तप हुए। 200 लगभग वीस विहरमान की तपस्या से जुडे।

Raipur मुनि श्री समयप्रभसागरजी म. के मासक्षमण की तपस्या सानन्द संपन्न

Image
पूज्य गुरुदेव गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के शिष्य पूज्य तपस्वी मुनिराज श्री समयप्रभसागरजी म. के महामृत्युंजय तप-मासक्षमण की महान् तपस्या सुख शाता के साथ संपन्न हुई। मासक्षमण तप का प्रारंभ श्रावण शुक्ल पंचमी से किया था जो संवत्सरी महापर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को पूर्ण हुआ।  इस दौरान प्रतिलेखन, प्रतिक्रमण आदि समस्त क्रियाओं में संपूर्ण रूप से जागरूक रहे।  

PALITANA PARYUSHAN FESTIVAL 2015

Image
PALITANA PARYUSHAN FESTIVAL 2015 

4th Dada Gurudev Achary Jinchandrasuri... चौथे दादा गुरुदेव अकबर प्रतिबोधक श्री जिन चंद्रसूरिजी म. की जयंती पर विशेष आलेख

Image
BILADA DADAWADI चौथे दादा गुरुदेव अकबर प्रतिबोधक श्री जिन चंद्रसूरिजी म. की जयंती पर विशेष आलेख जन-जन के ह्रदय में बसी हुई अहिंसा, करुणा और मैत्रीभाव को मानव ही नहीं पशु-पक्षीयो तक साकार रूप देने वाले, शिथीलाचार से व्यथित होकर शास्त्रविहित साध्वाचार परंपरा को क्रियोद्धार के द्वारा विकसित करने वाले, सम्राट अकबर को प्रतिबोध देकर धार्मिक दिवसों में सर्वत्र हिंसा निषेध के आदेश प्राप्त करने वाले गच्छनायक युगप्रधान श्री जिनचंद्रसुरीजी म. जैन धर्म के आकाश में भानु के समान हुए है। दादा गुरुदेवो में ये चौथे दादागुरु है। 

Purpose of Paryushan Parva

Image
    Paryushan Parva is a spiritual-oriented festival and not a material-oriented one. It is an opportunity to fulfilling oneself with higher spiritual feelings to create global peace and harmony. The very idea of this festival is that if in any part of our life we feel a lack of any quality this is the good time to re-cultivate that quality in our life. We can say this is the time to shape our life in the direction of peace and harmony besides comfortable and fulfilling relationships. The required changing area of your life may be such as…

Meaning of Paryushan

Image
The word “Paryushan” has several different meanings:      Pari + ushan = all kinds + to burn = to burn (shed) our all types of karmas. To shed our karmas, we do twelve different types of austerities including fasting.      Another meaning of “ushan” is to stay closer. To stay closer to our own soul from all directions and to stay absorbed in our own-self (soul), we do Svadhyaya5 (self-study), meditation, austerities, etc. Pari + upshamana = upshamana means to suppress, to suppress our passions (kashayas – anger, ego, deceit and greed) from all directions.

Phalodi फलोदी में धर्म गंगा

परम पूज्य गणाधीश उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. व मनीषप्रभसागरजी म.सा. का फलौदी में चातुर्मास धूम-धाम से चल रहा है। चातुर्मासिक आराधना का दौर व जिनवाणी की साधना सानन्द चल रही है। आराधना के दौरान तपस्या की धारा अविरल बह रही है। तपस्या में नौ उपवास, तेले, शासन चक्र तप एवं प्रत्येक रविवार को एकासनें, अक्षयनिधि तप आदि तपस्याएं हो रही है। पूज्यश्री की निश्रा में प्रत्येक रविवार को शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में बालकों को प्रभु पुजा, नव तत्त्व, कर्म मीमांसा आदि का ज्ञान देकर संस्कारित किया जा रहा है। पूज्य श्री मनीषप्रभसागर जी म.सा. द्वारा सशक्त उदाहरणों के माध्यम से जीवन जीने की कला के आदर्श प्रस्तुत किये जाते है जिनकी अनुपालना से बालकों का जीवन ज्ञान की खुश्बु से सुंगधित हो ही रहा है।

Mumbai मुम्बई में ‘अमावस को चांद उगायो’ नाटिका का आयोजन

Image
श्री शांतिनाथ मंदिर, विल्सन गली, मुम्बई स्थित श्री खरतरगच्छ संघ सांचोर के तत्वावधान में पूज्या साध्वीवर्या हेमरत्नाश्रीजी म. व जयरत्नाश्रीजी म. के सानिध्य एवं पूज्या साध्वी नूतनप्रियाश्रीजी म. के निर्देशन में दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरीश्वरजी म. एवं दादा गुरुदेव श्री जिनचंद्रसूरीश्वरजी म. के जीवन पर आधारित भव्य नाटिका का आयोजन दि. 6 सितम्बर 2015 को किया गया है। ‘अमावस को चांद उगायो’ नाटिका में हृदय की गहराइयों तक स्पर्श करने वाले कई भावुक दृश्यों का संयोजन व संचालन सौ. प्रेमलता ललवाणी अथक प्रयासों से कर रही है। यह नाटिका दि. 6 सितम्बर 2015 को दोपहर दो बजे माननीय विधायक श्री मंगलप्रभातजी लोढा एवं नगर सेवक श्री शांतिलालजी दोशी के आतिथ्य में मुम्बई गिरगांव के प्रसिद्ध मुम्बई मरा़ठी साहित्य संघ सभागार में आयोजित होगी। नाटिका का सम्पूर्ण लाभ लिया है दादा गुरु भक्त बोथरा बाबुलालजी धर्माजी कानुंगो, सांचोर-मुम्बई ने। श्री संघ की ओर से सभी को पधारने का हार्दिक निवेदन है। संपर्क- 66109406

Rakhi आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म.सा. का राखडी पूनम विषय पर दिया गया अनमोल प्रवचन

Image

Raksha Bandhan आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म.सा. का राखडी पूनम विषय पर दिया गया अनमोल प्रवचन

पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म. सा. का राखडी पूनम विषय पर दिया गया अनमोल प्रवचन   बहुत से जैनी यह समझते हैं कि जैन धर्म की दृष्टि से रक्षाबंधन का कोई महत्व नहीं है किन्तु वे भूल जाते हैं कि स्नात्रा पूजा में हम प्रतिदिन क्या बोलते हैं? ‘वर राखड़ी जिन पाणि बांधी दिये इम आशीष। युग कोड़ा-कोड़ी चिरंजीवो धर्मदायक ईश।।’ भगवान के भी राखड़ी बांधी जाती है- राखड़ी का अर्थ होता है- रक्षा करना। इस रक्षा-पर्व का महत्व क्या है? यह पर्व राखी के धागों का बंधन नहीं है, यह तो हृदय का बंधन है, आत्मा का बंधन है, प्राणों का बंधन है। धागा तो धागा ही है, धागे के रूप में उसका कोई मूल्य नहीं है परन्तु राखी के रूप में बंधवाने के बाद वह धागा, धागा नहीं रहा। एक स्नेहसूत्र बन गया। अर्थात् आप धागे से नहीं, स्नेह के तार से बंध गये। राखी बांधने वाले के जीवन से बंध गये। उसके जीवन का दायित्व आप पर आ जाए। राखी कौन बांधती है? बहिन! इसका अर्थ हुआ राखी बंधाने के बाद उस बहिन की जीवन रक्षा का नैतिक दायित्व भाई पर आ जाता है। दायित्व निभाने का अर्थ है आप बहिन के प्रति अपनी सद्भावना रखें। उसके दु:ख-दर्द में

Raipur (C.G.) सूचना ~ श्री जिनकुशल सूरि जैन दादावाडी, एम.जी. रोड, रायपुर (छ.ग.) के प्रांगण में खरतरगच्छाधिपति पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. की निश्रा में - उपधान तप की भव्य आराधना 9 अक्टूबर से उपधान प्रारम्भ होकर माला महोत्सव 29 नवम्बर 2015

सूचना ~~~~~~~~~ श्री जिनकुशल सूरि जैन दादावाडी एम.जी. रोड रायपुर (छ.ग.) के प्रांगण में --------------------------- खरतरगच्छाधिपति पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागर जी म . सा . की निश्रा में ----- उपधान तप की भव्य आराधना 9 अक्टूबर से उपधान प्रारम्भ होकर माला महोत्सव 29 नवम्बर 2015 ------------------------- 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Tirthankar or Lanchhan

Image
1. श्री ऋषभनाथ- बैल, वृषभ 2. श्री अजितनाथ- हाथी,गज 3. श्री संभवनाथ- अश्व (घोड़ा), 4. श्री अभिनंदननाथ- बंदर,कपि 5. श्री सुमतिनाथ- क्रोंच, 6. श्री पद्मप्रभ- कमल, 7. श्री सुपार्श्वनाथ-साथिया (स्वस्तिक), 8. श्री चन्द्रप्रभ- चन्द्रमा, 9. श्री सुविधिनाथ- मकर, 10. श्री शीतलनाथ- श्रीवत्स, 11. श्री श्रेयांसनाथ-खड्ग, 12. श्री वासुपूज्य- भैंसा,महिष 13. श्री विमलनाथ- वराह, 14. श्री अनंतनाथ- स्येन, 15. श्री धर्मनाथ- वज्र, 16. श्री शांतिनाथ- मृग(हिरण), 17. श्री कुंथुनाथ- बकरा, 18. श्री अरहनाथ- नंद्यावर्त, 19. श्री मल्लिनाथ- कलश,घट 20. श्री मुनिस्रुव्रतनाथ- कच्छप (कछुआ) ,कूर्म 21. श्री नमिनाथ- नीलकमल, 22. श्री नेमिनाथ- शंख, 23. श्री पार्श्वनाथ- सर्प 24. श्री महावीर- सिंह

श्री खरतरगच्छ चातुर्मास सूची 2015

Image
FOR DOWNLOAD CLICK HERE  श्री खरतरगच्छ चातुर्मास सूची   श्री खरतरगच्छ चातुर्मास सूची-1 \

Raipur (C.G.) छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर नगर में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. का चातुर्मास हेतु नगर प्रवेश ता. 25 जुलाई को अत्यन्त आनंद व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।

Image
GURU MANIPRABH  छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर नगर में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि समयप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि विरक्तप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्रेयांसप्रभसागरजी म. पूज्य बालमुनि मलयप्रभसागरजी म. ठाणा 6 एवं पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. पूजनीया बहिन म. डाँ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. पू. प्रज्ञांजनाश्रीजी म. पू. विज्ञांजनाश्रीजी म. पू. निष्ठांजनाश्रीजी म. पू. आज्ञांजनाश्रीजी म. ठाणा 6 का चातुर्मास हेतु नगर प्रवेश ता. 25 जुलाई को अत्यन्त आनंद व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।  

Malpura खरतरगच्छ सहस्राब्दी समारोह तीन साल बाद मालपुरा में

Image
malpura पूज्य गच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने रायपुर चातुर्मास प्रवेश के अवसर पर घोषणा करते हुए कहा- आगामी तीन साल बाद वि. संवत् 2075-76 में खरतरगच्छ के उद्भव को एक हजार साल पूरे हो रहे हैं। वि. 1075-76 में आचार्य श्री जिनेश्वरसूरि महाराज को पाटण नरेश दुर्लभ राजा ने खरतर बिरूद प्रदान किया था , तब से चन्द्र गच्छ का नाम खरतरगच्छ हुआ। उस परम्परा को निर्बाध रूप से चलते एक हजार वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस उपलक्ष्य में सहस्राब्दी का आयोजन करना है। यह आयोजन दादा गुरुदेव श्री जिनकुशलसूरि की प्रत्यक्ष दर्शन स्थली मालपुरा में किया जायेगा। इस आयोजन की रूपरेखा सम्मेलन में निश्चित की जायेगी।

पूज्य गच्छाधिपतिजी ने की घोषणा... खरतरगच्छ महासम्मेलन पालीताना में 1 मार्च से 12 मार्च 2016 तक... लम्बे समय के बाद खरतरगच्छ श्रमण महासम्मेलन पालीताना में होने जा रहा है। यह सम्मेलन 1 मार्च से प्रारंभ होगा, जो 12 मार्च तक चलेगा।....

Image
sammelam palitana me इस प्रकार की घोषणा पूज्य गणनायक श्री सुखसागरजी म.सा. के समुदाय के खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने रायपुर प्रवेश के दिन ता. 25 जुलाई को की। पूज्यश्री द्वारा सम्मेलन के स्थान व तिथियों की की गई घोषणा पर उपस्थित विशाल जनसमूह ने जय जयकार के नादों से बधाया। पूज्यश्री ने कहा- समस्त साधु साध्वियों से विचार विमर्श कर इस क्षेत्र का चुनाव किया गया है। हाँलाकि सम्मेलन आयोजित करने के लिये जयपुर , मालपुरा , रायपुर , भद्रावती , जालना , नगपुरा आदि स्थानों की विनंतियाँ चल रही थी। पर अधिकतर साधु साध्वियों की सुविधा , विहार , व्यवस्थाऐं आदि के आधार पर पालीताना का चुनाव किया गया है। इस सम्मेलन में 1 मार्च से 9 मार्च तक केवल साधु साध्वियों का सम्मेलन होगा , जिसमें गच्छ विकास , व्यवस्थाऐं , समाचारी आदि विविध विषयों पर विचार विमर्श कर निर्णय किया जायेगा। ता. 10 से 12 मार्च तक श्रावक सम्मेलन का आयोजन होगा।

PHALODI RAJ. मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. व मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का फलोदी में चातुर्मास प्रवेश उल्लास के साथ हुआ

Image
परम पूज्य गणाधीश उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी के आज्ञानुवर्ती सरल स्वभावी मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. व प्रवचनकार मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का फलोदी में चातुर्मास हेतु 22 जुलाई 2015 को भव्य प्रवेश हुआ। प्रवेश जुलुस स्थानीय हायर सैकण्डरी स्कूल के पास से बैंड बाजों के साथ धूम धाम से पाश्र्वनाथ जिनालय मार्ग होते हुए कन्हैयालालजी भंसाली (मुनि मनीषप्रभसागरजी म. के सांसारिक पिताजी) के निवास के आगे से निकला। वहां पर भंसाली परिवार ने संघ का स्वागत कर संघ पूजन किया। त्रिपोलिया बाजार से होते हुए जुलूस चुडीगरों के मोहल्ले स्थित बड़ी धर्मशाला में पहुँचा।

DURG C.G. दुर्ग में खरतगच्छाधिपतिजी का पदार्पण हुआ

Image
खरतरगच्छाधिपति उपाध्याय गुरुदेव श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. आदि ठाणा एवं पूजनीया साध्वी विद्युतप्रभाश्रीजी म.सा. अपनी शिष्या मंडली के साथ दुर्ग (छ.ग) स्थित रिषभदेव परिसर में 21 जुलाई को पदार्पण हुआ। प.पू. गुरुदेव श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने अपने हृदय स्पर्शी प्रवचन में धर्मसभा के समक्ष खरतरगच्छ को चार साधु भगवंत देने वाले दुर्ग श्रीसंघ एवं परिवार के प्रति मंगल भावना व्यक्त करते हुए छ.ग. में दुर्ग श्रीसंघ का प्रथम अधिकार निरूपित किया।  

JAY GURUDEV... GURU PRARTHNA

Raipur CG में चतुर्मास प्रवेश समारोह

Image
पूज्य गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. आदि ठाणा का Raipur CG में चतुर्मास प्रवेश समारोह का विवरण

Bikaner Chaturmas गुरुदेव श्री मनोज्ञसागरजी म. सा. व बाल मुनि नयज्ञसागरजी म. सा. ठाणा 2 का धर्म नगरी बीकानेर नगर में 25/07/15 को ऐतिहासिक भव्य चातुर्मास प्रवेश हुवा।

Image
खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत मज्जिन श्री कांतिसागरसूरीश्वरजी म.सा.के शिष्य एवं  वर्तमान गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. सा. के आज्ञानुवर्ती ब्रह्मसर तीर्थोद्धारक, वशीमालानी रत्न शिरोमणि,प्राचीन तीर्थ बकेला पार्श्वनाथ जिर्णोद्वारक मुनि श्री मनोज्ञसागरजी म. सा. व बाल मुनि नयज्ञसागरजी म. सा. ठाणा 2 का धर्म नगरी बीकानेर नगर में 25/07/15 को ऐतिहासिक भव्य चातुर्मास प्रवेश हुवा। गुरुदेव का बीकानेर में तीसरा चातुर्मास है। आप श्री की प्रवेश यात्रा प्रातः 8 बजे खजांची मार्केट से शरू हुई जो कोटगेट, मरोठी सेठिया, मुकीम बोथरा, श्री चिंतामणि जैन मंदिर, श्री आदिनाथ जी का मंदिर,नाहटा मोहल्ला, खजांची रामपुरिया मोहल्ला,राखेचा मोहल्ला, आसानी चोक, बांठिया मोहल्ला, बेदौ का चोक, श्री महावीरजी मंदिर, सुराणा मोहल्ला, बड़ा बाजार, ढ़ढ़ो का चोक, बेगानी मोहल्ला, कोचर चोक, सेठिया डागा पारख मोहल्ला, कोठारी मोहल्ला होते हुवे रांगड़ी चोक स्थित सुगनजी का उपाश्रय में पहच कर धर्म सभा में परिवतर्न हो गई। यह प्रवेश यात्रा लगभग 5 किलोमीटर के क्षेत्रो से गुजरी। विभिन रंगः बिरंगी वेषभूषाओ से सुसज्जित महिलाओ ने कलश के साथ