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Showing posts from October, 2014

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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

इचलकरंजी में दीक्षार्थी बहिनों का अभिनंदन

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पूज्य गूरूदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. आदि ठाणा की शुभ निश्रा में दि. 26-10-2014 को इचलकरंजी में वैराग्यवती सुश्री प्रेमा मांगीलाल जीरावला बेंगलोर, वैराग्यवती सुश्री शिल्पा मीठालाल बालर बल्लारी, सुश्री वैराग्यवती सुश्री सुमित्रा मांगीलाल जीरावला-बैंगलोर, वैराग्यवती सुश्री ममता तेजराज बागरेचा-गंगावती, वैराग्यवती सुश्री शिल्पा जसराज ओस्तवाल-गदग, वैराग्यवती सुश्री प्रिन्सी बाबुलाल कवाड-हुबली एवं वैराग्यवती सुश्री दर्शना वीरचंद गोलेच्छा  का स्वागत सकल जैन समाज की ओर से आयोजन किया गया है। अभिनंदन के पश्चात वरघोडा निकाला गया। इस अवसर पर सकल जैन समाज ने दीक्षार्थी बहिनों की उज्जवल भविष्य की कामना की।

इचलकरंजी से श्री कुंभोजगिरि तीर्थ के छह री पालित पद यात्रा संघ का आयोजन

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श्री मणिधा री जिनचन्द्रसूरि जैन श्वेताम्बर संघ के तत्वाव धा न में पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. की पावन निश्रा में इचलकरंजी से श्री कुंभोजगिरि तीर्थ के छह री पालित पद यात्रा संघ का आयोजन किया गया है। इस चार दिवसीय संघ का आयोजन  गढ़ सिवाना निवासी श्रीमती पिस्तादेवी छगनलालजी छाजेड परिवार द्वारा किया गया है। कार्यक्रम के अनुसार छहरी पालित संघ से पहले त्रिदिवसीय जीवित महोत्सव का आयोजन किया गया है। जिसका प्रारंभ 6 नवम्बर 2014 कार्तिक पूर्णिमा से होगा। ता. 7 को श्री सिद्धचक्र महापूजन का आयोजन होगा। रात्रि में मातृ पितृ वंदना का भाव प्रवण समारोह होगा। ता. 8 को जीवित महोत्सव क्षमायाचना समारोह होगा।

मंगल संदेश

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Mangal Sandesh Mantra Jaap

Song Gautam swami Stuti

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वंदना गुरूदेव

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वंदना गुरूदेव 

Jahaj Mandir Magazine October 2014 in pdf format

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UPADHAN TAP Q ????

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UPADHAAN

कोयम्बतूर में अंजनशलाका प्रतिष्ठा 2 फरवरी को

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पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म . सा . आदि साधु साध्वी मंडल की पावन निश्रा में कोयम्बतूर नगर में नवनिर्मित श्री स्तंभन पाश्र्वनाथ जिन मंदिर एवं श्री जिनदत्तसूरि दादावाडी की अंजनशलाका प्रतिष्ठा माघ सुदि 14 ता . 2 फरवरी 2015 को संपन्न होगी। इस मंदिर दादावाडी में परमात्मा स्तंभन पाश्र्वनाथ परमात्मा की 51 इंच की प्रतिमा के अलावा दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरि की 41 इंची तथा नाकोडा भैरव , पद्मावती , अंबिकादेवी एवं सरस्वती देवी की 31 इंची प्रतिमाऐं बिराजमान होगी।

CHOHTAN ME UPDHAAN TAP KA AAYOJAN

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CONTACT NUMBER 070739 00641                                         094614 89609

कन्याकुमारी में वर्धमान स्वामी मंदिर दादावाड़ी की अंजनशलाका प्रतिष्ठा 27 फरवरी को...... समारोह का प्रारंभ 24 फरवरी से होगा। ता. 26 फरवरी को शोभायात्रा का आयोजन होगा। प्रतिष्ठा के इस पावन अवसर पर पूरे भारत से भक्तजन पधारेंगे। सादर आमंत्रण

देश के दक्षिणी किनारे का सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल कन्याकुमारी में लम्बे समय से जिन मंदिर बनाने की चर्चा चल रही थी। यहाँ भ्रमण आदि के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 6 लाख से अधिक जैन बंधुओं का आगमन होता है। परन्तु जैन मंदिर नहीं होने के कारण वे परमात्म दर्शन से वंचित रहते थे। इस कारण यहाँ जिन मंदिर का निर्माण अत्यन्त जरूरी था। इस कार्य को हाथ में लिया चेन्नई निवासी श्री मोहनचंदजी ढड्ढा ने ! वहाँ भूखण्ड प्राप्त करने के प्रयत्न करना प्रारंभ किया। तभी पता चला कि वहाँ एक भूखण्ड मदुराई निवासी श्री बगदावरमलजी के पास उपलब्ध है। उनसे संपर्क किया गया। उन्होंने भी मदुराई संघ के साथ मिल कर जिन मंदिर आदि निर्माण के लक्ष्य से ही यह भूखण्ड कुछ वर्षों पहले खरीदा था। उन्होंने यह विशाल भूखण्ड श्री जैन तीर्थ संस्थान रामदेवरा ट्रस्ट को सुपुर्द कर दिया। संस्थान के अध्यक्ष श्री मोहनचंदजी ढड्ढा ने कडी मेहनत करके वहाँ जिनमंदिर निर्माण करने की सरकारी अनुमति प्राप्त

चेन्नई नगर की धन्य धरा पर श्री धर्मनाथ जिन मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. आदि साधु साध्वी मंडल की पावन निश्रा में ता. 26 अप्रेल 2015 को अत्यन्त उल्लास के साथ संपन्न होगी।

चेन्नई में अंजनशलाका प्रतिष्ठा 26 अप्रेल को चेन्नई में श्री धर्मनाथ परमात्मा से सुशोभित का यह मंदिर सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले मंदिरों में गिना जाता है। इसका निर्माण पूजनीया प्रवर्तिनी श्री विचक्षणश्रीजी म . द्वारा स्थापित श्री जिनदत्तसूरि मंडल द्वारा करवाया गया था। अभी उस मंदिर का पूरा जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है। मूलनायक परमात्मा का उत्थापन नहीं करवाया गया है। नीचे अभिनव गर्भगृह का निर्माण किया गया है जिसमें परमात्मा धर्मनाथ प्रभु , दादा गुरुदेव आदि की प्रतिमाऐं बिराजमान की जायेगी। प्रतिष्ठा की विनंती व मुहूर्त्त प्राप्त करने के लिये श्री जिनदत्तसूरि मंडल इचलकरंजी में बिराजमान पूज्यश्री की सेवा में पहुँचा। और अंजनशलाका प्रतिष्ठा चातुर्मास आदि की भावभरी विनंती की। अंजनशलाका प्रतिष्ठा की विनंती स्वीकार करते हुए वैशाख सुदि 8 ता . 26 अप्रेल 2015 का शुभ मुहूर्त्त प्रदान किया। सकल संघ में आनंद छा गया।

इचलकरंजी में पंचाह्निका महोत्सव .,,,.,,....,.चौथे दादा गुरुदेव को याद किया.,.,.,.,.,.,.इचलकरंजी में 45 आगम वांचना

पूज्य गुरुदेव आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म . सा . के शिष्य पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म . सा . पूज्य मुनि श्री मयंकप्रभसागरजी म . सा . पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म . सा . पूज्य मुनि श्री मेहुलप्रभसागरजी म . सा . पूज्य मुनि श्री समयप्रभसागरजी म . सा . पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म . सा . पूज्य मुनि श्री श्रेयांसप्रभसागरजी म . सा . एवं पूजनीया गुरुवर्या बहिन म . डाँ . श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म . सा . की शिष्या पूजनीया साध्वी डाँ . श्री नीलांजनाश्रीजी म . पू . साध्वी श्री विभांजनाश्रीजी म . पू . साध्वी श्री निष्ठांजनाश्रीजी म . पू . साध्वी श्री आज्ञांजनाश्रीजी म 0. ण् की परम पावन निश्रा में चातुर्मास में हुई मासक्षमण , सिद्धि तप , वीशस्थानक तप आदि विविध तपाराधना के उपलक्ष्य में पंचाि É का महोत्सव का आयोजन किया गया।