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Showing posts from June, 2015

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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

GURU VANI गुरु वाणी

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DIKSHA DAY पूज्य गुरुदेव गणाधीश महोदय उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. को 43वें संयमवर्ष प्रवेश पर हार्दिक वंदन.... अभिनंदन...

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पूज्य गुरुदेव गणाधीश महोदय उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. को  43वें संयमवर्ष प्रवेश पर हार्दिक वंदन.... अभिनंदन... 9 जून 2015 आपके कुशल नेतृत्व में खरतरगच्छ संघ प्रगति करता रहें... आपकी कृपादृष्टि हम पर बनी रहें... जहाज मंदिर परिवार गुरुभक्त परिवार

khartar gachchh खरतरगच्छ के 82वें गणाधीश पद का चादर समारोह संपन्न पूज्यश्री द्वारा साधु सम्मेलन की घोषणा

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पूज्य प्रज्ञापुरूष आचार्य देव श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के प्रधान शिष्य रत्न पूज्य गुरुदेव मरूधर मणि उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. को सिंधनूर नगर की पावन धरा पर वीर संवत् 2541 ज्येष्ठ शुक्ल 11 शुक्रवार 29 मई 2015 को खरतरगच्छ के 82वें गणाधीश के रूप में प्रतिष्ठित किया गया। इस समारोह में सम्मिलित होने के लिये विशेष रूप से उग्र विहार कर श्रमण संघीय उपप्रवर्तक श्री नरेशमुनिजी म.सा. श्री शालिभद्रमुनिजी म. पधारे।   इस अवसर पर पूज्यश्री ने गणाधीश के रूप में अपने प्रथम संबोधन में गच्छ के इतिहास की चर्चा करते हुए इसके सुनहरे अतीत का वर्णन किया। तथा बताया कि हमें बहुत जल्दी तैयारियां करनी है कि हम गच्छ का सहस्राब्दी समारोह रचनात्मक कार्यों के साथ मना सके। इसके लिये हमें पारस्परिक मतभेदों को भुलाना होगा। मेरा सभी साधु साध्वीजी म. एवं श्रावक श्राविकाओं से नम्र अनुरोध है कि हम सभी संपूर्ण रूप से एक होकर गच्छ व समुदाय को प्रगति के मार्ग पर ले जाने का पुरूषार्थ करें। इसके लिये मैं चाहता हूँ कि हमारे सुखसागरजी महाराज के समुदाय के समस्त साधु साध्वीजी म. का सम्मेलन शीघ्र आय

Nakoda पूज्य आचार्यश्री का नाकोडाजी में स्वर्गवास

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पूज्य खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनकैलाशसागरसूरिजी म. का 82 वर्ष की उम्र में श्री नाकोडाजी तीर्थ पर ता. 23 मई 2015 ज्येष्ठ सुदि दूसरी पंचमी को स्वर्गवास हो गया। पूज्यश्री का जन्म नागोर जिले के रूण गांव में वि. सं. 1990 वैशाख सुदि 3 को श्री चतुर्भुजजी - सौ. श्रीमती दाखीबाई कटारिया के घर हुआ था। आपके पिताश्री चतुर्भुजजी ने पूज्य आचार्य श्री जिनहरिसागरसूरिजी म. के पास संयम ग्रहण कर तीर्थसागरजी म. नाम प्राप्त किया था। पिताजी के ही पदचिह्नों पर चलते हुए 25 वर्ष की युवा उम्र में वि. 2015 आषाढ सुदि 2 को संयम ग्रहण कर पूज्य आचार्य श्री जिनकवीन्द्रसागरसूरिजी म. का शिष्यत्व प्राप्त किया। मुख्यत: राजस्थान में आपका विचरण रहा। नागोर दादावाडी के निर्माण में आपकी प्रेरणा रही।

Sindhanur सिंधनूर में भागवती दीक्षा संपन्न

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दीक्षा निमित्त पूज्यश्री एवं साध्वी मंडल चेन्नई से उग्र विहार कर सिंधनूर पधारे। ता. 27 मई को पूज्यवरों का मंगल प्रवेश हुआ। ता. 28 को वर्षीदान का भव्य वरघोडा संपन्न हुआ।  कर्णाटक प्रान्त के सिंधनूर नगर में पूज्य गुरुदेव खरतरगणाधिपति उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री समयप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री श्रेयांसप्रभसागरजी म. पूज्य बाल मुनि श्री मलयप्रभसागरजी म. ठाणा 6 एवं पूजनीया पाश्र्वमणि तीर्थ प्रेरिका गणरत्ना श्री सुलोचनाश्रीजी म.  पू. प्रीतियशाश्रीजी म. पू. प्रियस्मिताश्रीजी म. पू. प्रियलताश्रीजी म. पू. प्रियवंदनाश्रीजी म. पू. प्रियकल्पनाश्रीजी म. पू. प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. पू. प्रियस्वर्णांजनाश्रीजी म. पू. प्रियप्रेक्षांजनाश्रीजी म. पू. प्रियश्रेयांजनाश्रीजी म. पू. प्रियश्रुतांजनाश्रीजी म. पू. प्रियदर्शांजनाश्रीजी म. पू. प्रियश्रेष्ठांजनाश्रीजी म. पू. प्रियमेघांजनाश्रीजी म. पू. प्रियविनयांजनाश्रीजी म. पू. प्रियकृतांजनाश्रीजी म. पू. प्रियचैत्यांजनाश्रीजी म. पू. प्रियशैलांजनाश्रीजी म. पू. प्रियम

Sindhanur सिंधनूर में अंजनशलाका प्रतिष्ठा संपन्न

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सिंधनूर नगर के चौमुख मंदिर की पुन: प्रतिष्ठा अंजनशलाका पूज्य गुरुदेव उपाध्याय गणाधीश श्री मणिप्रभसागरजी म. सा. आदि विशाल साधु साध्वी मंडल की पावन निश्रा में ता. 31 मई 2015 रविवार को संपन्न हुई। कारणवश समस्त प्रतिमाओं का उत्थापन किया गया था। जिसकी पुन: प्रतिष्ठा 31 मई को संपन्न हुई। विधिविधान कराने संगीतकार व विधिकारक श्री अरविन्दभाई चौरडिया का आगमन हुआ था। jahaj mandir, maniprabh, mehulprabh, kushalvatika, JAHAJMANDIR, MEHUL PRABH, kushal vatika, mayankprabh, Pratikaman, Aaradhna, Yachna, Upvaas, Samayik, Navkar, Jap, Paryushan, MahaParv, jahajmandir, mehulprabh, maniprabh, mayankprabh, kushalvatika, gajmandir, kantisagar, harisagar, khartargacchha, jain dharma, jain, hindu, temple, jain temple, jain site, jain guru, jain sadhu, sadhu, sadhvi, guruji, tapasvi, aadinath, palitana, sammetshikhar, pawapuri, girnar, swetamber, shwetamber, JAHAJMANDIR, www.jahajmandir.com, www.jahajmandir.blogspot.in,

BHAVSAR भावसार परिवार द्वारा पालीताणा यात्रा संघ का आयोजन

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  पालीताणा स्थित श्री जिन हरि विहार धर्मशाला में पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के शिष्य मुनि श्री मयंकप्रभसागरजी म. मुनि श्री मेहुलप्रभसागरजी म. आदि ठाणा की निश्रा में एवं पूज्या खानदेश शिरोमणि साध्वी दिव्यप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा व साध्वी प्रियदर्शनाश्रीजी म. आदि ठाणा के सान्निध्य में दि. 17 मई को बडौदा निवासी श्रीमति गुणवंताबेन बालुभाई भावसार परिवार का बडौदा से श्री सिद्धाचल महातीर्थ का यात्रा संघ आयोजन करने पर श्री बाबुलालजी लुणिया द्वारा अभिनंदन किया गया।     इस पावन अवसर पर मुनि मेहुलप्रभसागरजी म. एवं पूज्या खानदेश शिरोमणि साध्वी दिव्यप्रभाश्रीजी म. आशीर्वचन फरमायें। पूज्या साध्वी दक्षगुणाश्रीजी म. ने तीर्थ-भक्ति गीतिका गायी।

Shankheswar Diksha शंखेश्वर में दीक्षा संपन्न

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 श्री शंखेश्वर महातीर्थ की पुण्यधरा पर श्री आदिनाथ जिनालय एवं जिनकुशल सूरि दादावाड़ी परिसर में बाड़मेर निवासी मुमुक्षु कु. मीना छाजेड़ , मुमुक्षु श्रीमती गीता बोथरा की दिक्षा पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म. के शिष्य प्रशिष्य एवं प.पू. गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. के निश्रावर्ती पूज्य मुनि श्री मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. पू. मुनि श्री मनीषप्रभसागरजी म.सा. के वरदहस्त से 28 मई को सानंद संपन्न हुई।       पूज्या साध्वी श्री कल्पलताश्रीजी म. आदि ठाणा एवं पूज्या साध्वी श्री संघमित्राश्रीजी म.सा आदि ठाणा की सानिध्यता प्राप्त हुयी।