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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

बिजयनगर में चढावे संपन्न

अजमेर जिले में स्थित बिजयनगर में नवनिर्मित श्री नाकोडा पाश्र्वनाथ जिन मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा के संबंध में प्रतिमाजी भराने , राजदरबार व नौकारसियों पूजाओं आदि के चढावे हेतु ता. 26 नवम्बर 2017 को जाजम का शुभ मुहूत्र्त किया गया। यह जाजम मुहूत्र्त पूजनीया प्रवर्तिनी आगम ज्योति श्री प्रमोदश्रीजी म. सा. की शिष्या पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म.सा. पूजनीया बहिन म. डा. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा. पू. साध्वी डा. श्री नीलांजनाश्रीजी म. आदि ठाणा में किया गया। पूज्याश्री का प्रवेश 26 को करवाया गया। पूज्याश्री के मंगल प्रवचन वासक्षेप के पश्चात् जाजम के चढावे प्रारंभ हुए। कल्पनातीत चढावों के वातावरण ने पूरे क्षेत्र में प्रभु भक्ति का अनूठा माहौल व्याप्त हो गया। पू. साध्वी श्री नीलांजनाश्रीजी म. उदयपुर से विहार कर चार पांच दिन पहले बिजयनगर पधार गये थे। इस मंदिर का निर्माण पूजनीया बहिन म. डा. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा. की शिष्या पूजनीया साध्वी डा. श्री नीलांजनाश्रीजी म. की प्रेरणा से श्री नाकोडा पूर्णिमा मंडल बिजयनगर की ओर से करवाया जा रहा है। इस मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा

UDAIRAMSAR उदयरामसर में प्रतिष्ठा संपन्न

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बीकानेर से 13 कि.मी. पर स्थित उदयरामसर में अतिप्राचीन चमत्कारी दादावाडी है। इस दादावाडी का निर्माण बाफना परिवार जैसलमेर वालों द्वारा कराया गया था। इस विशाल दादावाडी में श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास द्वारा पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा से जिन मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया। इस जिन मंदिर का संपूर्ण लाभ श्री भीखमचंदजी पूनमचंदजी प्रेमचंदजी श्रीपालजी नाहटा परिवार द्वारा लिया गया। मंदिर का शिलान्यास ता. 6 नवम्बर 2017 को किया गया। ता. 3 दिसम्बर 2017 को इसकी प्रतिष्ठा पूज्य आचार्यश्री की पावन निश्रा में संपन्न हुई। संपूर्ण प्रतिष्ठा का लाभ जिन मंदिर के लाभार्थी परिवार श्री भीखमचंदजी पूनमचंदजी प्रेमचंदजी श्रीपालजी नाहटा परिवार ने लिया। अत्यन्त आनंद व उल्लास के साथ अपार भीड के मध्य परमात्मा वासुपूज्य भगवान , गौतमस्वामी एवं श्री नाकोडा भैरव की प्रतिमा संपन्न हुई। इस अवसर पर पूज्य आचार्यश्री , मुनि श्री मलयप्रभसागरजी म.एवं पूज्य पंन्यास श्री पुण्डरीकरत्नविजयजी म. , पू. प्रवर्तिनी श्री शशिप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा , पू. साध्वी श्री कल्पलता

सिणधरी से श्री नाकोडाजी तीर्थ पैदल संघ

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी महाराज की पावन निश्रा में सिणधरी नगर से श्री नाकोडा तीर्थ का छह री पालित पैदल यात्रा संघ का आयोजन होगा। सिणधरी निवासी श्री भीकचंदजी धनराजजी देसाई परिवार के द्वारा होने वाला यह अनूठा अनुष्ठान ता. 23 दिसम्बर से प्रारंभ होगा। कालुडी , टापरा , असाडा , जसोल होता हुआ यह संघ ता. 28 को नाकोडाजी तीर्थ पर प्रवेश करेगा। ता. 29 को संघपति माला का महाविधान संपन्न होगा। श्री देसाई परिवार 350 श्रद्धालुओं का संघ लेकर विक्रमपुर की प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर पधारे। ता. 15 को प्रतिष्ठा के पावन अवसर पूज्यश्री के समक्ष विनंती प्रस्तुत की। उनकी विनंती को स्वीकार करते हुए पूज्यश्री ने फरमाया- श्री देसाई परिवार की सन् 2013 से विनंती चल रही है , पर हमारा विहार अन्य क्षेत्रों में होने के कारण योग नहीं बन पाया। पूज्यश्री ने ज्योंहि शुभ मुहूत्र्त प्रदान किया , पूरा संघ झूम उठा। नृत्य करते हुए अपने आनंद को अभिव्यक्त किया। पूज्यश्री ने फरमाया- विक्रमपुर तीर्थ अब आपसे जुड गया है। इस तीर्थ की प्रतिष्ठा में आपके संघ का खूब योगदान रहा है। उन्हों

BIKANER तुलसी विहार गंगाशहर में प्रतिष्ठा का अकल्पनीय आयोजन

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पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य रत्न पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मयंकप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्रीमनितप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री मेहुलप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री समयप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री श्रेयांसप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री मलयप्रभसागरजी म.  आदि मुनि मंडल ठाणा 8 एवं पूजनीया प्रवर्तिनी श्री शशिप्रभाश्रीजी म. पू. दिव्यदर्शनाश्रीजी म. आदि ठाणा 6 , पूजनीया साध्वी श्री कल्पलताश्रीजी म. पू. अमितयशाश्रीजी म. आदि ठाणा 8 , पूजनीया साध्वी श्री प्रियस्वर्णांजनाश्रीजी म. आदि ठाणा 3 की परम पावन सानिध्यता में गंगाशहर के तुलसी विहार कालोनी में बने श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ जिनमंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा अत्यन्त आनंद व अभूतपूर्व आयोजन के साथ संपन्न हुई।

Bikaner Chintamani Mandir बीकानेर में प्राचीन प्रतिमा प्राकट्य महोत्सव

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी महाराज की पावन निश्रा में व उनके निर्देशन में बीकानेर के चिंतामणि आदिनाथ जिन मंदिर के भूगर्भ में बिराजमान 1116 प्राचीन प्रतिमाओं को ता. 27 नवम्बर 2017 को मंत्रोच्चारणों के साथ प्रकट किया गया। पूर्ण सुरक्षा के साथ भूगर्भ से प्रतिमाओं को प्रकट करने का लाभ लिया श्री पुरखचंदजी धनराजजी , नेमचंदजी डागा परिवार ने लिया। ता. 26 नवम्बर को पूज्य आचार्यश्री के शिष्य पूज्य मुनि श्री मेहुलप्रभसागरजी म. ने क्षेत्रपाल आदि आह्वान की प्रक्रिया विधि विधान के साथ संपन्न करवाई। इस अवसर पर तपागच्छीय पंन्यास श्री पुंडरिकरत्नविजयजी म. आदि साधु मंडल , प्रवर्तिनी श्री शशिप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा , पू. साध्वी श्री कल्पलताश्रीजी म. आदि ठाणा , पू. साध्वी श्री प्रियस्वर्णांजनाश्रीजी म. आदि का सानिध्य प्राप्त हुआ।

Vikrampur Bikampur विक्रमपुर (बिकमपुर) में ऐतिहासिक प्रतिष्ठा महोत्सव

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी महाराज साहब , पूज्य मुनि श्री मयंकप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री मेहुलप्रभसागरजी म. ठाणा 3 की पावन निश्रा में एवं प्रवर्तिनी श्री शशिप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा 6 के सान्निध्य में दि. 15 नवंबर 2017 को बीकमपुर में मूलनायक परमात्मा महावीर स्वामी मंदिर , मणिधारी जिनचन्द्रसूरि दादाबाड़ी की प्रतिष्ठा उल्लास के साथ संपन्न हुई। इस जिन मंदिर दादावाडी का निर्माण कार्य गतवर्ष प्रारंभ हुआ था। लगभग सवा वर्ष की अल्प अवधि में शिखरबद्ध जिन मंदिर , सामरण युक्त दादावाडी , धर्मशाला , भोजनशाला , पेढी आदि का भव्य निर्माण संपन्न हुआ।

BIKANER बीकानेर के चिंतामणि मंदिर परिसर में प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन पूजन अभिषेक भक्तामर पाठ से प्रतिमाओं की पूजा हुई

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CHINTAMANI MANDIR BIKANER बीकानेर , 28 नवंबर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के गच्छाधिपति आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरिजी महाराज के निर्देशन में भुजिया बाजार के चिंतामणि जैन मंदिर में 1116 प्राचीन प्रतिमाओं के पांच दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को दर्शन , पूजन , अभिषेक , भक्तामर महापूजन व भक्ति सहित विविध आयोजन हुए। आरती आदि के साथ दो किलो सोने से निर्मित के धूपदानी से 1116 प्रतिमाओं की आरती उतारी गई। CHINTAMANI MANDIR BIKANER श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के सचिव चन्द्रसिंह पारख ने बताया कि उत्सव के दूसरे दिन भी सैंकडों श्रावक-श्राविकाओं ने सुबह से शाम तक पूजा अर्चना की तथा सैकड़ों लोगों ने मंदिर की प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन किए। बीकानेर शहर के विभिन्न जैन समुदाय के श्रावक-श्राविकाओं के साथ जैनेतर श्रद्धालुओं तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने मंदिरजी में परमात्मा के दर्शन कर धन्यता का अनुभव किया। CHINTAMANI MANDIR BIKANER आज दोपहर में संपन्न हुए श्री भक्तामर महापूजन का लाभ झंवरलालजी , कस्तुरीदेवी , मनोजकुमार सेठिया ने लिया। महोत्सव के तहत बुधवार को

BIKANER बीकानेर में सूरि मंत्र साधना महामांगलिक के साथ संपन्न

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JINMANIPRABHSURI पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की सूरि मंत्र की द्वितीय पीठिका की साधना अत्यन्त आनंद व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई। पीठिका की आराधना ता. 23 सितम्बर से प्रारंभ हुई। पीठिका की साधना श्री धनराजजी ढड्ढा के निवास पर की गई। ता. 8 को पूज्यश्री पीठिका साधना से बाहर पधारे। पीठिका की पूर्णाहुति पर महामांगलिक का भव्य आयोजन हुआ। इस महामांगलिक के अवसर पर पूरे भारत से बडी संख्या में श्रद्धालु उमड पडे। उज्जैन , इन्दौर , बिजयनगर , भीलवाडा , ब्यावर , बाडमेर , बालोतरा , सिणधरी , चितलवाना , सांचोर , पूना , मुंबई , सूरत , अहमदाबाद , भिनाय , फतेहगढ , धनोप , देवलिया , जयपुर , जोधपुर , नागोर , नीमच , निम्बाहेडा , चित्तौड , उदयपुर , फलोदी , दिल्ली , कोलकाता आदि नगरों से बडी संख्या में लोगों का आगमन हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ 9 बजे हुआ जो दोपहर ढाई बजे तक चला। इतना लम्बा कार्यक्रम होने पर भी सभी लोगों की संपूर्ण उपस्थिति पूरे समय तक रही।

UJJAIN अवंती तीर्थ उज्जैन की प्रतिष्ठा 18 फरवरी 2019 को

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उज्जैन मुहूर्त घोषणा अतिप्राचीन चमत्कारी सुप्रसिद्ध महान् तीर्थ श्री अवन्ति पार्श्वनाथ तीर्थ , उज्जैन की प्रतिष्ठा आगामी चातुर्मास के पश्चात् वि. सं. 2075 माघ सुदि 14 ता. 18 फरवरी 2019 को संपन्न होगी। उज्जैन में पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. पूजनीया बहिन म. डॉ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा का भव्य चातुर्मास चल रहा है। उनकी पावन निश्रा में उज्जैन के समस्त श्री संघों की मीटींग हुई , जिसमें प्रतिष्ठा महोत्सव की विनंती करने के लिये बीकानेर जाने का तय किया गया। साथ ही प्रतिष्ठा महोत्सव समिति का गठन किया गया , जिसमें मध्यप्रदेश सरकार के उर्जा मंत्री श्री पारसजी जैन को चेयरमेन व संघवी कुशलजी गुलेच्छा बैंगलोर को संयोजक नियुक्त किया गया। उज्जैन से प्रतिष्ठा महोत्सव की विनंती करने हेतु लगभग सवा सौ प्रतिनिधियों का संघ बीकानेर पहुँचा। इस प्रतिनिधि मंडल की विशेषता थी कि इसमें उज्जैन के मंदिरमार्गी , स्थानकवासी , तेरापंथी आदि समस्त संप्रदायों के आगेवान श्रावक सम्मिलित हुए।

CHATURMAS NIRNAY चातुर्मासों की घोषणा 12 मार्च को

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. ने घोषित किया है कि आगामी वि.सं. 2075 सन् 2018 के श्री सुखसागरजी महाराज के समुदाय के साधु साध्वियों के चातुर्मासों की घोषणा 12 मार्च 2018 चैत्र वदि 10 सोमवार को बिजयनगर में प्रतिष्ठा के अवसर पर की जायेगी। अपने अपने क्षेत्र में चातुर्मास कराने के भाव रखने वाले समस्त संघों के प्रतिनिधि बिजयनगर पधारें। व्यवस्था हेतु बिजयनगर में इस नंबर पर संपर्क करें- योगेन्द्रसिंह सिंघवी 9833433801 जीतेन्द्र मुणोत 94142 78980 jahaj mandir, maniprabh, mehulprabh, kushalvatika, JAHAJMANDIR, MEHUL PRABH, kushal vatika, mayankprabh, Pratikaman, Aaradhna, Yachna, Upvaas, Samayik, Navkar, Jap, Paryushan, MahaParv, jahajmandir, mehulprabh, maniprabh, mayankprabh, kushalvatika, gajmandir, kantisagar, harisagar, khartargacchha, jain dharma, jain, hindu, temple, jain temple, jain site, jain guru, jain sadhu, sadhu, sadhvi, guruji, tapasvi, aadinath, palitana, sammetshikhar, pawapuri, girnar, swetamber, shwetamber, JAHAJM

BIJAYNAGAR बिजयनगर मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा 12 मार्च को

अजमेर जिले के बिजयनगर नगर में श्री नाकोडा पार्श्वनाथ भैरव पूर्णिमा मंडल के तत्वावधान में चल रहे श्री नाकोडा पार्श्वनाथ जिन मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा आगामी 12 मार्च 2018 को पूज्य गुरुदेव आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा एवं पूजनीया बहिन म. डॉ. विद्युत्प्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा के पावन सानिध्य में संपन्न होगी। बीकानेर में ता.  8  अक्टूबर को महामांगलिक के अवसर पर बिजयनगर से श्री संघ ने पूज्य गुरुदेव श्री से मुहूर्त्त प्रदान करने का निवेदन किया। जिसे स्वीकार कर पूज्यश्री ने शुभ मुहूर्त्त का पत्र अर्पण किया। शुभ मुहूर्त्त को प्राप्त कर सकल श्री संघ में हर्ष व आनंद का वातावरण छा गया।

BIKANER बीकानेर में प्रतिष्ठा संपन्न

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BIKANER बीकानेर में प्रतिष्ठा संपन्न बीकानेर नगर के सुप्रसिद्ध अतिप्राचीन श्री चिंतामणि आदिनाथ जिन मंदिर , श्रेष्ठिवर्य श्री भांडाशाह द्वारा निर्मित श्री सुमतिनाथ मंदिर , श्री वासुपूज्य मंदिर एवं श्री कुंथुनाथ मंदिर में प्रतिष्ठा महोत्सव पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मयंकप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री मेहुलप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री समयप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री श्रेयांसप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री मलयप्रभसागरजी म. आदि मुनिमंडल एवं पूजनीया साध्वी डॉ. श्री प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. आदि साध्वी मंडल के पावन सानिध्य में ता. 11 अक्टूबर 2017 बुधवार कार्तिक वदि 6 को आनंद व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई।

BEAWAR ब्यावर में प्रतिष्ठा 4 मार्च को

स्टेशन रोड पर स्थित श्री चन्द्रप्रभ जिन मंदिर का प्रतिष्ठा महोत्सव चैत्र वदि 3 रविवार ता. 4 मार्च 2018 को आयोजित होगा। इस मंदिर का निर्माण शा. धूलचंदजी कालूरामजी कांकरिया ट्रस्ट द्वारा किया गया है। प्रतिष्ठा महोत्सव हेतु श्री अतुलजी कांकरिया ने ब्यावर संघ के सदस्यों के साथ पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. से विनंती की। जिसे स्वीकार कर पूज्यश्री ने 4 मार्च 2017 चैत्र वदि 3 रविवार का शुभ मुहूर्त्त प्रदान किया। वर्तमान में इस मंदिर के ट्रस्टी श्री निहालचंदजी शांतिलालजी अतुलजी कांकरिया हैं , जो पूरी तन्मयता से जिन मंदिर की सुव्यवस्था देख रहे हैं।

MANGALWAD मंगलवाड चौराहा प्रतिष्ठा 13 मई को

उदयपुर चित्तौड मुख्य मार्ग पर स्थित मंगलवाड चौराहा में नवनिर्मित जिन मंदिर की प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त्त पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. ने 13 मई प्रथम ज्येष्ठ वदि 6 रविवार का प्रदान किया। मंगलवाड संघ की ओर से श्री शांतिलालजी मांडोत ने भावभीनी विनंती की। उन्होंने पूज्यश्री के प्रति अपनी श्रद्धा अभिव्यक्त करते हुए मुहूर्त्त प्रदान करने की विनंती की। इस मंदिर का निर्माण जैन श्वेताम्बर कीकाभाई प्रेमचंद ट्रस्ट , गज मंदिर द्वारा करवाया जा रहा है। यह प्रतिष्ठा पूज्य आचार्यश्री की निश्रा में संपन्न होगी।

BALOTRA बालोतरा में अंजनशलाका महोत्सव 21 फरवरी 18 को

बालोतरा में श्री केसरियानाथ परमात्मा के जिन मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है। यह मंदिर बालोतरा के समस्त जैन अजैन समाज का श्रद्धा केन्द्र है। श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ केसरियानाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से सकल श्री संघ ने बीकानेर आकर पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. से अंजनशलाका प्रतिष्ठा की भावभीनी विनंती की। जिसे स्वीकार कर पूज्य गुरुदेव श्री ने फाल्गुन सुदि 6 ता. 21 फरवरी 2018 का शुभ मुहूर्त्त प्रदान किया। मुहूर्त्त की उद्घोषणा होने पर सकल श्री संघ में परम आनंद व उल्लास का वातावरण छा गया। पूज्यश्री की निश्रा में जाजम का मुहूर्त्त 31 दिसम्बर 2017 को संपन्न होगा।

JAIPUR जयपुर में अंजनशलाका प्रतिष्ठा 19 अप्रेल को

जयपुर नगर में पूजनीया प्रवर्तिनीवर्या श्री सज्जनश्रीजी म.सा. की शिष्या पूजनीया प्रवर्तिनी श्री शशिप्रभाश्रीजी म. की प्रेरणा से कटला स्थित श्री मुनिसुव्रतस्वामी जिन मंदिर का जीर्णोद्धार श्री सुमति कुशल सज्जन सेवा ट्रस्ट द्वारा करवाया जा रहा है। इस मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा कराने हेतु ट्रस्टी श्री फतेचंदजी बरडिया , जयपुर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष श्री प्रकाशचंदजी लोढा आदि प्रतिनिधि गण पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की सेवा में बीकानेर पधारे। उन्होंने पूज्यश्री से प्रतिष्ठा करवाने व मुहूर्त्त प्रदान करने का निवेदन किया। जिसे स्वीकार कर पूज्यश्री ने वैशाख सुदि 4 ता. 19 अप्रेल 2018 का शुभ मुहूर्त्त प्रदान किया।

BIKANER बीकानेर चातुर्मास परिवर्तन श्रीमती आशादेवी नेमचंदजी खजांची के घर

बीकानेर नगर में पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा 8 एवं पूजनीया साध्वी डॉ. श्री प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. आदि ठाणा 6 का ऐतिहासिक चातुर्मास संपन्नता की ओर है। चार महिनों में पूज्यश्री के निरन्तर अमृत प्रवचन रहे। प्रवचनों में इतनी भीड पहली बार देखी गई। एक दिन भी प्रवचन बन्द नहीं रहा। रविवार के प्रवचनों का विशेष आयोजन रहा। चातुर्मास परिवर्तन हेतु परम भक्त सुश्रावक श्री नेमचंदजी खजांची की धर्मपत्नी श्रीमती आशा देवी खजांची ने अपने निवास स्थान पर पदार्पण की विनंती की। जिसे पूज्य गुरुदेव श्री ने स्वीकार किया। पूज्यश्री ने फरमाया- बीकानेर में हमें दो विशिष्ट व्यक्तित्व सदा सदा याद आते हैं। एक हमारे प्रिय भाईजी श्री हरखचंदजी नाहटा और दूसरे श्री नेमचंदजी खजांची। आज से 28 वर्ष पहले बीकानेर में हमारा आना नेमचंदजी के कारण ही हुआ था। उस समय साध्वी श्री हेमप्रभाश्रीजी म.सा. की प्रेरणा से उन्होंने उपधान तप का आयोजन करवाया था। वह उपधान गुरुदेवश्री के बाद पहला उपधान था।

deewali pujain vidhi jain दीपावली पूजन विधि

दीपावली पूजन विधि

Palitana 99 YATRA पालीताना में नवाणुं यात्रा

पूजनीया पार्श्वमणि तीर्थ प्रेरिका गणिनी प्रवरा श्री सुलोचनाश्रीजी म.सा. की शिष्या पूजनीया तपोरत्ना श्री सुलक्षणाश्रीजी म.सा. की शिष्या पूजनीया साध्वी डॉ. प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. की पावन प्रेरणा से श्री सिद्धाचल महातीर्थ की ‘ श्री आदिनाथ कान्ति मणि सामूहिक नवाणुं यात्रा ’ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। नवाणुं यात्रा का प्रारंभ मिगसर सुदि 15 रविवार ता. 2 दिसम्बर 2017 से होगा। माला वि धा न माघ वदि 11 शुक्रवार ता. 12 जनवरी 2018 को होगा। यह नवाणुं पूज्य गुरुदेव आचार्य भगवंत खरतरगच्छाधिपति श्री जिन मणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती पूज्य मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. आदि मुनि मंडल एवं पूजनीया महत्तरा पद विभूषिता श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म.सा. , पू. प्रियदर्शनाश्रीजी म. , पू. प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. , पू. प्रियस्नेहांजनाश्रीजी म. , पू. प्रियसौम्यांजनाश्रीजी म. आदि साध्वी मंडल के पावन सानिध्य में संपन्न होगी। पू. साध्वी प्रियसौम्यांजनाश्रीजी म.सा. के संयम रजत वर्ष के अनुमोदनार्थ तिरपातूर निवासी शा. पन्नालालजी गौतमचंदजी पारसमलजी पुखराजजी

Bikaner बीकानेर में अंजनशलाका प्रतिष्ठा 26 नवम्बर को

पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरुष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य रत्न पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में बीकानेर गंगाशहर के तुलसी विहार कॉलोनी में बन रहे नूतन जिन मंदिर का अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव मिगसर सुदि 7 रविवार ता. 26 नवम्बर 2017 को संपन्न होगा। ता. 22 सितम्बर को तुलसी विहार संघ की ओर से पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री से मुहूर्त्त प्रदान करने की भावभरी विनंती की। जिसे स्वीकार कर पूज्यश्री ने यह शुभ मुहूर्त्त प्रदान किया। मुहूर्त्त उद्घोषणा का लाभ तुलसी विहार जैन श्वेताम्बर पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री बसंतजी नवलखा परिवार ने लिया था। उद्घोषणा कॉलोनी निर्माता श्री सुमेरमलजी दफ्तरी ने की। जिसे श्रवण कर सकल श्री संघ में परम आनंद व उल्लास का वातावरण छा गया। यह ज्ञातव्य है कि इस मंदिर का खातमुहूर्त्त व शिलान्यास इसी चातुर्मास में पूज्यश्री की पावन निश्रा में ता. 14 अगस्त 2017 को संपन्न हुआ था।

बीकानेर में खरतरगच्छ दिवस मनाया गया

पालीताना में संपन्न हुए खरतरगच्छ श्रमण श्रमणी सम्मेलन के निर्णय अनुसार श्रावण शुक्ल षष्ठी शनिवार को बीकानेर नगर में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में खरतरगच्छ दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पूज्य आचार्यश्री ने खरतरगच्छ की विशिष्टताओं का वर्णन किया। सभा का संचालन करते हुए पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. ने जिन शासन के विकास में गच्छ के विविध क्षेत्रों में किये गये कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा- समस्त गच्छों में प्राचीन गच्छ खरतरगच्छ के आचार्य भगवंतों ने शासन विकास व विस्तार में अभूतपूर्व योगदान अर्पण किया है। इस अवसर पर पूज्य पं. श्री पुण्डरीकरत्नविजयजी म. ने जिनशासन की महिमा का वर्णन करते हुए गच्छ के योगदान की सराहना की। पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म. ने खरतरगच्छ के अनुयायी विशिष्ट श्रावकों का वर्णन सुनाते हुए प्रेरणा दी कि हमें अपने वर्तमान को उनकी भांति संवारना है। पू. साध्वी श्री प्रियस्वर्णांजनाश्रीजी म. ने पूर्वाचार्य भगवंतों के जीवन के उदाहरण सुनाते हुए गच्छ विकास में योगदान अर्पण करने की प्रेरणा दी। बा

बीकानेर में स्वाध्याय शिविर संपन्न

बीकानेर में स्वाध्याय शिविर संपन्न बीकानेर नगर में अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद् की केन्द्रीय समिति के तत्वावधान में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में चार दिवसीय स्वाध्याय शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 25 शिविरार्थियों ने भाग लिया। पूज्यश्री ने शिविर का उद्देश्य समझाते हुए कहा- हमें अपने गच्छ के स्वाध्यायी तैयार करने हैं। ताकि वे उन स्थानों पर जाकर जहॉं साधु साध्वीजी भगवंतो का चातुर्मास नहीं है। वहॉं पर्युषण महापर्व की आराधना विधि विधान शास्त्र-शुद्धता के साथ करवा सके। अलग अलग सेशन में पूज्यश्री ने कल्पसूत्र वांचन , अष्टाह्निका प्रवचन वांचन , विधि-विधान आदि के संबंध विस्तार से समझाया। स्वाध्यायी प्रकोष्ठ के संयोजक रमेश लूंकड ने इस शिविर का संचालन किया। शिविर समापन अवसर पर केयुप चेयरमेन संघवी अशोकजी भंसाली , अध्यक्ष रतनजी बोथरा , महामंत्री प्रदीप श्रीश्रीश्रीमाल ने शिविरार्थियों का बहुमान कर उन्हें किट भेंट किया। केयुप बीकानेर के अध्यक्ष राजीव खजांची ने सभी को धन्यवाद दिया।

उज्जैन अवंती पार्श्वनाथ तीर्थ प्रतिष्ठा हेतु समिति की स्थापना

उज्जैन अवंती पार्श्वनाथ तीर्थ प्रतिष्ठा हेतु समिति की स्थापना अतिप्राचीन श्री अवंती पार्श्वनाथ तीर्थ का शास्त्र शुद्ध जीर्णोद्धार पिछले 8 वर्षों से चल रहा है। यह जीर्णोद्धार पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की पावन प्रेरणा व उनकी निश्रा में चल रहा है। जीर्णोद्धार का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। प्रतिष्ठा के लक्ष्य से ही पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. पूजनीया बहिन म. डॉ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा का चातुर्मास इस वर्ष उज्जैन नगर में हो रहा है। पूजनीया बहिन म. डॉ श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. की पावन निश्रा में श्री अवंती पार्श्वनाथ जैन श्वे. तीर्थ मूर्तिपूजक मारवाडी समाज ट्रस्ट के तत्वावधान में उज्जैन के समस्त ट्रस्टों के पदाधिकारियों की विशाल बैठक हुई। जिसमें बडी संख्या में ट्रस्टी गण पधारे। इस अवसर पर पूजनीया बहिन म. ने फरमाया- अवंती तीर्थ सकल श्री संघ का है। यह प्रतिष्ठा सकल श्री संघ की है। प्रतिष्ठा से सभी को जुडना है। इस अवसर

Bikaner बीकानेर में साध्वी श्री प्रियमुद्रांजनाश्रीजी म.सा. के मासक्षमण संपन्न

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  बीकानेर नगर में पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. ठाणा 8 एवं पूजनीया साध्वी श्री प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. ठाणा 6 की पावन निश्रा में पूजनीया पार्श्वमणि तीर्थ प्रेरिका गणिनी प्रवरा श्री सुलोचनाश्रीजी म.सा. एवं पूजनीया वर्धमान तपाराधिका श्री सुलक्षणाश्रीजी म.सा. की शिष्या पूजनीया साध्वी श्री प्रियमुद्रांजनाश्रीजी म.सा. के मासक्षमण की तपस्या शातापूर्वक  संपन्न हुई। बीकानेर चातुर्मास प्रवेश के साथ ही उन्होंने तपस्या का प्रारंभ किया था। मासक्षमण तपस्या के उपलक्ष्य में ता. 29 जुलाई 2017 शनिवार से श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ श्री संघ , बीकानेर के तत्वावधान में पंचाह्निका महोत्सव का आयोजन किया गया। प्रथम दिन पार्श्वनाथ पंचकल्याणक पूजा श्री राजेन्द्रकुमारजी रिषभकुमारजी लूणिया परिवार की ओर से पढाई गई। दूसरे दिन पंच परमेष्ठी पूजा का लाभ श्री पन्नालालजी अजयकुमारजी अर्पित हर्षित खजांची परिवार ने लिया। तीसरे दिन श्री गौतमस्वामी पूजा का लाभ श्री चांदरतनजी अशोककुमारजी अ

Navpad Oli परमात्मा ने जो कहा है, गणधर भगवन्तो ने रचना की है वही सच्चा और निःशंक ज्ञान है।

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आज नवपदजी ओली का 7वां दिन ज्ञान पद की आराधना का दिन संसार में जो भी दुःख है, वो सब हमारे अज्ञान के कारण है । ज्ञान के अभाव में हम देव गुरु और धर्म की पहचान नही कर पा रहे है। उसी कारण हमारा चार गति में भटकना जारी है । ज्ञान के अभाव में जो ग्रहण करना चाहिए उसे हम छोड़ देते है, तुच्छ चीजों को पकड़ के रखते है, सही और गलत का निर्णय भी हम अज्ञान के कारण नही कर पा रहे है । संसार छोड़ने के लिए है । संयम पालन के लिये है ।

Navpad oli श्री नवपद शाश्वत ओली आराधना... छठा दिवस : सम्यग् दर्शन गुण की आराधना..

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श्री  नवपद  शाश्वत  ओली  आराधना... छठा दिवस : सम्यग् दर्शन गुण की आराधना.. सम्यग् दर्शन पद की आराधना के लिए उसके बारे में जानना आवश्यक है। महान् दर्शन पद की आराधना का दिन पिछले 5 दिन तक हमने देव और गुरु तत्त्व की आराधना की, समझी । आज से धर्म तत्त्व की आराधना। धर्म को प्राप्त करके ही धर्मी बना जा सकता है। धर्म तत्त्व में पहला है सम्यग् दर्शन। सम्यग् दर्शन के बिना सभी प्रकार का ज्ञान मिथ्या ज्ञान कहलाता है। किसी भी प्रकार की क्रिया मिथ्या कहलाती है। इसलिए सबसे जरुरी और मुख्य तत्त्व है सम्यग् दर्शन।

Navpad Oli 5th day साधू जीवन, जगत के लिए आश्चर्य रूप है।

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sadhu pad, jain sadhu, jain muni, साधू पद की आराधना का दिन  आज नवपद ओलीजी का पांचवा दिन साधको की साधना में सदा सहायता करने वाले , अप्रमत्त गुण के धारक , लोक में रहे हुए सभी साधू भगवंतों को हमारी भाव पूर्वक वन्दना । साधू पद का वर्णन साधना करे वो साधू , मौन रखे वो मुनि स्वयं के मन पर नियंत्रण रखे वह साधू कोई भी वचन व्यर्थ का उच्चरित न हो , ऐसा ध्यान रखने वाले। कोई प्रवृत्ति विरुद्ध न हो जाये इसकी जागरूकता रखने वाले। साधू जीवन , जगत के लिए आश्चर्य रूप है। http://www.jahajmandir.org/

Navpad Oli नवपद ओलीजी का आज चौथा उपाध्याय पद की आराधना का दिन

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नवपद ओलीजी का आज चौथा दिन। उपाध्याय पद की आराधना का दिन। http://www.jahajmandir.org/ तपस्वियों के शाता हो ऐसी दादा गुरुदेव से प्रार्थना।। उपाध्याय यानि शिष्यों के पठन पाठन की जिम्मेदारी, विनय की प्रतिमूर्ति, निश्रावर्ति सभी साधुओ को संयम मार्ग में स्थिर करने का महान कार्य।। आचार्य शासन को चलाता है तो उपाध्याय संघ को।। जिस वाणी को तीर्थंकरो ने कहा है उस वाणी को उपाध्याय पदधारी हमे सुनाते है।। योग्य आत्मा को वात्सल्य, समझ, स्नेह देकर उसे धर्म में रत करना - यह उनकी जिम्मेदारी है।

Navpad Oliji 3rd day Achary pad आज नवपद ओलीजी का तीसरा दिन

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आज नवपद ओलीजी का तीसरा दिन। आचार्य पद की आराधना का दिन। 9 पदों में किसी भी व्यक्ति विशेष को वंदना नही की गयी है। जो जो आत्मा उन उन महान गुणों तक पहुँचे है उन सभी गुणीजनों को एक साथ वंदना की गयी है। @ आचार्य पद को नमन  शासन की स्थापना अरिहंत परमात्मा करते हे सिद्ध परमात्मा को नमन कर के.. अरिहंत परमात्मा की अनुपस्थिति मेँ आचार्य भगवंत जिन शासन का प्रतिनिधित्व करते हे।। साधु साध्वी श्रावक श्राविका आदि चतुर्विध संघ का निर्वहन करते हे। सिद्ध प्रभु ने हमको निगोद से बाहर निकाला। अरिहंत प्रभु ने हमको धर्म का उपदेश दिया। वीर प्रभु के निर्वाण से आज तक 2500 साल हुए हैं। और परमात्मा का शासन 18500 वर्ष तक चलेगा । इतने लंबे समय तक शासन को आचार्य भगवंत चलाएंगे।

navpad oli ओलीजी आराधना...उन पवित्र आत्माओं को सिद्ध कहा जाता है। जिन आत्माओ ने खुद के ऊपर लगे हुए सभी कर्मों का क्षय कर दिया हो। जो संसार के बंधन से मुक्त हो गए है। जो कभी जन्म नही लेंगे। जिनकी कभी मृत्यु नही होगी, जिनका कोई शरीर, मन नही है।

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navpad oli  आज नवपद ओलीजी का दूसरा दिन सिद्ध पद की आराधना का दिन 9 पदों में किसी भी व्यक्ति विशेष को वंदना नही की गयी है। जो जो आत्मा उन उन महान गुणों तक पहुँचे है उन सभी गुणीजनों को एक साथ वंदना की गयी है। नमो सिद्धाणं।।। सिद्ध प्रभु का परिचय जिन आत्माओ ने खुद के ऊपर लगे हुए सभी कर्मों का क्षय कर दिया हो। जो संसार के बंधन से मुक्त हो गए है। जो कभी जन्म नही लेंगे। जिनकी कभी मृत्यु नही होगी, जिनका कोई शरीर, मन नही है। उन पवित्र आत्माओं को सिद्ध कहा जाता है।

Navpad Oli Detail नवपद ओली आराधना... अगर अरिहंत नही होते तो करुणा का इतना प्रचार नही होता।।। धर्म का ज्ञान नही होता।।। शासन की स्थापना नही होती।।।

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Navpad Oli Detail जैन जगत में नवपद की महिमा अपरंपार है ! नवपद : 1.अरिहंत 2. सिद्ध 3. आचार्य 4. उपाध्याय 5. साधु  6.दर्शन  7. ज्ञान 8. चारित्र 9. तप !! यह आराधना वर्ष में दो बार आयंबिल तप के द्वारा की जाती है ! 1. चैत्र सुदी 7 से 15 ( पूनम ) 2. आसोज सुदी 7 से 15 तक ! http://www.jahajmandir.org/ नवपद ओली आराधना का प्रारंभ आसोज माह से किया जाता है, एवं कुल 9 ओली अर्थात् चाढ़े चार वर्ष तक कुल 81 आयंबिल के साथ यह तप पूर्ण होता है ! नवपद आराधना में आज प्रथम पद में अरिहंत पद की आराधना की जाती है अरि यानि शत्रु हंत यानि नाश करने वाले... शत्रुओ का नाश करने वाले अरिहंत कहलाते है... अरिहन्त अपने कर्म रूपी शत्रु का नाश करते है... अगर अरिहंत नही होते तो करुणा का इतना प्रचार नही होता।।। धर्म का ज्ञान नही होता।।। शासन की स्थापना नही होती।।।

Rajgir Veeraytan राजगीर वीरायतन में जन्म कल्याणक महोत्सव

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Rajgir Veeraytan  परमात्मा श्री  मुनिसुव्रत स्वामी जी भगवान के चार कल्याणक और परमात्मा महावीर स्वामीजी के 14 चातुर्मास से परम पवित्र बनी धरती स्वर्ग से भी सुन्दर राजगृही महातीर्थ खरतरगच्छ अधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी महाराजा एवं संघरत्ना माताजी म सा एवं बहिन मसा साध्वी डॉ श्री विद्युत प्रभा श्रीजी मसा आदि साधू साध्वीजी की क्षेमंकरी पावन निश्रा में राजगृही नगरी में आचार्य चंदनाजी द्वारा स्थापित वीरायतन में नव निर्मित श्री पारसनाथजी जिन मंदिरजी की भव्यातिभव्य अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव प्रारम्भ हो चुकी है। अंजनशलाका प्रतिष्ठा 17 फरवरी 2017 को होगी । 56 दिक् कुमारिकाओ सह आज परमात्मा पार्श्वनाथ जी का जन्म कल्याणक भव्यता के साथ मनाया ।   Rajgir Veeraytan