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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

जैन समाज के शिखर पुरुष ‘जैन पद्म श्री’ विभुषित श्री दीपचंदजी गार्डी आज हमारे बिच नहीं रहे

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जैन समाज के शिखर पुरुष  'जैन पद्म श्री ' विभुषित  श्री दीपचंदजी गार्डी  आज हमारे बिच नहीं रहे . ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शांति प्रदान करे . JAHAJ MANDIR उन्हें श्रद्धांजलि प्रदान करते है...

जैन एकता की अनूठी मिसाल

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महासमुन्द से श्री शिखरजी महातीर्थ पद यात्रा संघ का ऐतिहासिक आयोजन परम पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य देव श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म . सा . के शिष्य पूज्य मुनिराज ब्रह्मसर तीर्थोद्धारक वशीमालानी रत्न शिरोमणि बकेला तीर्थोद्धारक मुनिराज श्री मनोज्ञसागरजी म . सा . की परम पावन प्रेरणा से छत्तीसगढ से प्रथम बार श्री सम्मेतशिखरजी महातीर्थ का छह री पालित पद यात्रा संघ का ऐतिहासिक आयोजन प्रारंभ है।

साधु साध्वी समाचार

पूज्य   गुरुदेव   उपाध्याय   श्री   मणिप्रभसागरजी   म . सा .  पूज्य   मुनि   श्री   मेहुलप्रभसागरजी   म .  ने    पालीताना  नवाणुं   यात्रा   के   आयोजन   माला   विधान   के   पश्चात्   ता . 30  दिसम्बर   को   शुभ   मुहूत्र्त   में   विहार   किया   है।   वे धंधुका   होते   हुए   ता . 6  जनवरी  2014  अहमदाबाद   पधारें।   ता . 7  को   विहार   कर   ता . 16  जनवरी   तक हाडेचा   पधार   कर   ता . 17  जनवरी   को   चितलवाना   में   नगर   प्रवेश   करेंगे। 0 पूज्य मुनि श्री मुक्तिप्रभसागरजी म . पूज्य मुनि श्री मनीषप्रभसागरजी म . पालीताना से 20 दिसम्बर को विहार कर ता . 31 दिसम्बर को अहमदाबाद पधारे हैं। दो दिनों की स्थिरता के पश्चात् विहार कर चितलवाना पधार कर छहरी पालित संघ में सम्मिलित होंगे।

पालीताना में श्री कुंथुनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा संपन्न

तलेटी के पास बने श्री जिनेश्वरसूरि खरतरगच्छ भवन परिसर में नवनिर्मित श्री कुंथुनाथ जिन मंदिर , नवग्रह मंदिर एवं दादावाडी की अंजनशलाका प्रतिष्ठा पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म . सा . आदि की पावन निश्रा में ता . 7 दिसम्बर मिगसर सुदि 5 को अत्यन्त आनंद व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई।

जटाशंकर - उपाध्याय मणिप्रभसागरजी म.

जेल की सजा काटकर जब जटाशंकर बाहर आया तो उसके मित्र घटाशंकर ने उससे पूछा - क्या हुआ था ! जेल क्यों गये ! ऐसा क्या काम किया , जो तुम्हें जेल जाना पडा ! चोरी की थी क्या ! चोरी करते पकडे गये क्या ! - ना ना ! जुकाम के कारण पकडा गया !

नवप्रभात - उपाध्याय मणिप्रभसागरजी म.

नवप्रभात        - उपाध्याय मणिप्रभसागरजी म. हमारी जिन्दगी का समय केवल और केवल प्रतीक्षा में बीतता है। दिन में हम रात की प्रतीक्षा करते हैं। और रात होने पर दिन की प्रतीक्षा में रात गुजार देते हैं। न दिन को अच्छी तरह देख पाते हैं ... न रात को ! यह खेल मन का है। वह वहाँ रहना नहीं चाहता , जहाँ होता है। वह सदा आगे पीछे , दांयें बांयें , इधर उधर , उफपर नीचे झांकता रहता है। उसे सीधी नजर में कोई रस नहीं होता।

पूज्यश्री का कार्यक्रम

पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म . सा . पूज्य मुनि श्री मेहुलप्रभसागरजी म . ने पालीताना नवाणुं यात्रा के आयोजन माला विधान के पश्चात् ता . 30 दिसम्बर को शुभ मुहूत्र्त में विहार किया है। वे धंधुका होते हुए ता . 6 जनवरी 2014 तक अहमदाबाद पधारेंगे। ता . 7 को विहार कर ता . 16 जनवरी तक हाडेचा पधार कर ता . 17 जनवरी को चितलवाना में नगर प्रवेश करेंगे। शा . दलीचंदजी मिश्रीमलजी मावाजी मरडिया परिवार द्वारा ता . 18 से 20 जनवरी तक छह री पालक संघ यात्रा के निमित्त त्रिदिवसीय महोत्सव के पश्चात् 21 जनवरी 2014 को श्री शंखेश्वर महातीर्थ के लिये छहरी पालित संघ का प्रस्थान होगा। ता . 4 फरवरी को शंखेश्वर तीर्थ में प्रवेश कर ता . 5 फरवरी को संघपति माला का आयोजन होगा। ता . 5 को ही दोपहर में विहार कर पूज्यश्री ता . 13 फरवरी तक मांडवला जहाज मंदिर पधारेंगे। वहाँ 5-7 दिनों की स्थिरता के पश्चात् बाडमेर की ओर विहार करेंगे। बाडमेर में श्री कल्याणपुरा पाश्र्वनाथ मंदिर का 5 मार्

नवाणुं यात्रा का अनूठा एवं ऐतिहासिक आयोजन

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          नवाणुं   यात्रा   का   अनूठा   एवं   ऐतिहासिक   आयोजन           श्रीमती   सुखीदेवी   को   तीर्थमाला   पहिनाने   का   अनूठा   लाभ   चढावा   लेकर   संघवी   श्री   पारसमलजी   बाबुलालजी   प्रकाशकुमारजी   भंसाली   सिवाना   वालों   ने   लिया।   संगीत   के   दिव्य   स्वरों   एवं   मंत्रोच्चारणों   की   दिव्य   ध्वनि   के   साथ   मालारोपण   का   विधान   हुआ। उनके   बाद   क्रमश :  श्री   इन्द्रकुमारजी ,  महावीरकुमारजी ,  कान्तिलालजी ,  नरेन्द्रजी ,  ललितजी   आदि   छाजेड   परिवार   को   अभिमंत्रित   माला   धारण   करवाई   गई।   इन   सभी   को   माला   धारण   करवाने   का   लाभ   उन   उनके   ससुराल   वालों   ने   प्राप्त   किया। परम पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य देव श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म . सा . के शिष्य पूज्य गुरुदेव मरूधर मणि उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म . सा .

1st DADA GURUDEV SHREE JINDUTTSURIJI MS

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1st DADA GURUDEV SHREE JINDUTTSURIJI MS

SHREE GOUTAM SWAMIJI

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GOUTAM SWAMI अंगुठे अमृत वसे, लब्धि तणा भंडार।   श्री गुरु गौतम समरिये, वांछित फल दातार।।

FIRST DADA GURUDEV SHREE JINDUTTSURIJI MS

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jinduttsuriji दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरिजी म.सा.

Samayik Benefits

सामायिक का लाभ             Samayik Benefits 1. समता पूर्वक करने से 92 करोड़ 59 लाख 24 हजार 925 पल्योपम (अर्थात् असंख्य वर्ष) जितना देव आयुष्य का बंधन होता है। 2. 20 मन की एक खंड़ी होती है-ऐसी लाख लाख सोने की खंडी एक लाख वर्ष तक प्रतिदिन कोई दान दे और दूसरा कोई एक सामायिक करें तो वह दान देने का पुण्य सामायिक के बराबर नहीं आ सकता। 3. नरक गति के बंध को तोडने की ताकत सामायिक में है । 4. सामायिक करने से चार प्रकार के धर्म का पालन होता है। 1. दान धर्मः- चौदह राजलोक के 6 कायिकजीवों को अभयदान मिलता है। 2. शील धर्मः- सामायिक में शीलव्रत का पालन होता है। बालको से बालिका या स्त्री का एवं बालिकाओं से बालकों या पुरुष का स्पर्श नही किया जा सकता । 3. तप धर्मः- सामायिक में चारों प्रकार के आहार का त्याग होने के कारण तप धर्म तथा काय क्लेश रुपी तप होता है। 4. भाव धर्मः- सामायिक की क्रिया भावपूर्वक करनी होती है। इस प्रकार चारों धर्मो की आराधना हो जाती है। 5. श्राद्ध विधि प्रकरण ग्रंथ में लिखा हुआ है कि घर के बजाय उपाश्रय में सामायिक करने से एक आयंबिल तप का लाभ प्राप्त होता है।

DADA GURUDEV MANIDHARI SHREE JINCHANDRASURIJI MS

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DADA GURUDEV MANIDHARI  SHREE JINCHANDRASURIJI MS DADA GURUDEV MANIDHARI SHREE JINCHANDRASURIJI MS

DADA GURUDEV SHREE JINKUSHALSURIJI MS

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DADA GURUDEV SHREE JINKUSHALSURIJI MS DADA GURUDEV SHREE JINKUSHALSURIJI MS

DIKSHARTHI AMR RHO...

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BILADA JINCHANDRASURIJI MS

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BILADA JINCHANDRASURIJI MS

lATEST nEWS lINK uPDATE aLL lINKS aRE iMPORTANT

पालीताणा में सुश्री सीमा छाजेड व श्रीमती कमलादेवी की दीक्षा संपन्न पालीताना में प्रतिष्ठा संपन्न चितलवाना से श्री शंखेश्वर महातीर्थ छ:री पालित संघ साधू समाचार साध्वीजी समाचार NEW NAME NUTAN MUNI... NUTAN SADHVIJI Babulalji Luniya Dancing in Palitana

पालीताना में प्रतिष्ठा संपन्न

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विश्व विख्यात तीर्थ पालीताना में श्री कुंथनाथ जिन मंदिर व दादावाडी की प्रतिष्ठा आज पूज्य आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब के शिष्य पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी महाराज साहब आदि साधु साध्वी मंडल की परम पावन निश्रा में अत्यन्त उल्लास एवं आनन्द के साथ संपन्न हुई। यह मंदिर पूज्या साध्वी श्री शशिप्रभाश्रीजी म. की पावन प्रेरणा से जिनेश्वरसूरि खरतरगच्छ भवन में निर्मित हुआ है।

JAHAJ MANDIR MONTHLY MAGAZINE DECEMBER 2013

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चितलवाना से श्री शंखेश्वर महातीर्थ छ:री पालित संघ

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पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. की पावन निश्रा में चितलवाना से श्री शंखेश्वर महातीर्थ का छह री पालित संघ आयोजित होगा। चितलवाना निवासी शा. दलीचंदजी मिश्रीमलजी मावाजी मरडि या परिवार ने पालीताना में ता. 20 नवम्बर 2013 को अपने सगे संबंधियों लगभग 300 लोगों के साथ उपस्थित होकर पूज्यश्री से अपनी निश्रा प्रदान करने व संघ प्रस्थान व माला का शुभ मुहूर्त्त प्रदान करने की भावभीनी विनंती की। जिसे पूज्यश्री ने स्वीकार करते हुए ता. 21 जनवरी 2014 का संघ प्रस्थान का शुभ मुहूर्त्त प्रदान किया।