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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

Avanti Tirth श्री अवंति पार्श्वप्रभु को दिया अधिष्ठायक देवी देवताओं संग प्रतिष्ठा महोत्सव में पधारने का निमंत्रण

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उज्जैन 15 दिसंबर। गच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के सानिध्य में 18 फरवरी 2019 को होने वाले दानीगेट स्थित श्री अवंति पार्श्वनाथ तीर्थ के भव्यातिभव्य अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव का आगाज दि. 15 दिसंबर 2018 को पत्रिका आलेखन महोत्सव से हुआ। प्रभु की शरण में सकल श्रीसंघ को विशिष्ट निमंत्रण देते हुए श्री अवंति पार्श्वनाथ प्रभु से प्रार्थना की कि आपकी प्रतिष्ठा में आपको अधिष्ठायक देवी देवता धरणेन्द्र पद्मावती सहित पधारकर यहीं रहना है एवं सभी आयोजनों को अपनी कृपा से संपन्न कराना है। यह महोत्सव निर्विघ्न हो , आनंद मंगलपूर्वक हो , इस आयोजन में मारवाड़ी समाज , उज्जैन , मध्यप्रदेश , भारत सहित संपूर्ण विश्व में शांति , समाधि प्रसारित हो , ऐसी प्रार्थना की गई। गच्छाधिपति आचार्य श्री जिणमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य आर्य मेहुलप्रभसागरजी ने कहा कि विक्रम संवत् 1761 से पूर्व यवनों और मुगलों के आक्रमण के समय में श्री अवंति पार्श्वनाथ तीर्थ को बचाने के लिए ढंक दिया गया था और विक्रम संवत् 1761 में खरतरगच्छाचार्य श्री जिनचंद्रसूरिजी म. के समय यह मंदिर पुनः प्रकट किया गया

श्री अवंती तीर्थ उज्जैन

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 श्री अवंती अवंति तीर्थ उज्जैन जाजम महोत्सव रिपोर्ट

Avanti tirth Ujjain

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Shree avanti tirth ujjain  श्री अवन्ति तीर्थ उज्जैन मध्य प्रदेश

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

पूज्य गच्छाधिपतिश्री का मालवा प्रवास

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मयंकप्रभसागरजी म. एवं पूजनीया महत्तरा पद विभूषिता श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म. , पू. विरागज्योतिश्रीजी म. , पू. विश्वज्योतिश्रीजी म. , पू. जिनज्योतिश्रीजी म. आदि ठाणा उज्जैन से ता. 12 दिसम्बर को विहार कर ता. 14 दिसम्बर को महिदपुर पधारे। वहॉं पूज्यश्री के दो दिन प्रभावशाली प्रवचन हुए। पूज्यश्री के प्रवेश के उपलक्ष्य में श्री संघ द्वारा प्रातः नाश्ता , भव्य शोभायात्रा व प्रवचन के पश्चात् स्वामिवात्सल्य का आयोजन किया गया। महिदपुर श्रीसंघ ने पूज्यश्री से चातुर्मास की विनंती की। ता. 15 दिसम्बर की शाम को विहार कर पूज्यश्री नागेश्वर , सीतामउ होते हुए ता. 22 दिसम्बर को बूढा कवीन्द्रनगर पधारे। वहॉं पधारने पर श्रीसंघ द्वारा शोभायात्रा का आयोजन किया गया। पूज्यश्री के दो दिन प्रवचन हुए। पूज्य आचार्य भगवंत श्री जिनकवीन्द्रसागरसूरीश्वरजी म.सा. का स्वर्गवास इसी बूढा गॉंव में वि. सं. 2018 फाल्गुन सुदि 5 को हुआ था। यहॉं विशाल भूखण्ड पर कवीन्द्र स्मारक बनाया गया है जिसमें पूज्य आचार्यश्री की प्रतिमा बिराज

पूजनीया महत्तरा श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म. सा. का जन्म व दीक्षा दिवस मनाया गया

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के सानिध्य में पूजनीया महत्तरा पद विभूषिता श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म.सा. का मौन एकादशी के दिन राजस्थान के झालावाड जिले के कुंडला नामक गॉंव में 77 वां जन्म दिवस एवं 67 वां दीक्षा दिवस मनाया गया। यह विशेष रूप से ज्ञातव्य है कि उनका जन्म व दीक्षा दोनों एक ही दिन हुए थे। इस अवसर पर पूज्य आचार्यश्री ने महत्तराजी को वर्धापना देते हुए कहा- निश्चित ही आप पुण्यात्मा है जो इतने बडे पर्व के दिन आपका जन्म हुआ। उन्होंने फरमाया- जन्म व मृत्यु की तारीख की कोई निश्चिन्तता नहीं होती। ये तिथियॉं अपने हाथ में नहीं होती। आपने इतने बडे पर्व के दिन जन्म लेकर अपने पूर्व जन्म के पुण्य को प्रकट किया है। पूज्यश्री ने मौन एकादशी की महिमा बताते हुए कहा- शब्द घाव का भी काम करता है और मरहम का भी! निर्णय व्यक्ति को करना होता है। मौन शक्ति का संचार करता है। पू. साध्वी श्री विश्वज्योतिश्रीजी म. ने गीतिका के साथ उनके व्यक्तित्व का वर्णन किया। उन्होंने पूजनीया गुरुवर्याश्री के व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा की। इस अवसर पर कुंडला , सीतामउ , नीम

केयुप केलेंडर का विमोचन हुआ

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हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद् द्वारा वर्ष 2019 के सुंदर केलेंडर का प्रकाशन किया गया है जिसका विमोचन रतलाम में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में किया गया। इस अवसर पर रतलाम खरतरगच्छ श्रीसंघ के अध्यक्ष श्री मनोहरजी छाजेड , कांतिलालजी चोपड़ा , अशोकजी चोपड़ा , विक्रमजी कोठारी , सोहनलालजी चोपड़ा , सुरेशजी चोपड़ा , पूनमचंदजी धारीवाल , युवा संघ के अध्यक्ष जितेन्द्रजी चोपडा , श्रेणिकजी सराफ एवं इंदौर से पधारे कमलजी मेहता आदि महानुभावों की गरिमामय उपस्थिति रही। अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद् (केयुप) द्वारा प्रति वर्ष खरतरगच्छ के गौरवशाली इतिहास के साथ वर्तमान के तिथि , तारीख , पर्व आदि के विवरण सहित विभिन्न जानकारी का सुंदर समन्वय कर एक बेहतरीन संग्रहणीय केलेंडर का प्रकाशन किया जाता है जिसे केयुप की विभिन्न शाखाओं के माध्यम से देशभर में वितरित किया जाता है। जिन जिन संघों , शाखाओं , शहरों/गावों में कैलेंडर की आवश्यकता हो वे महानुभाव नाम , पता , पिन कोड एवं कोरियर की पूरा विवरण जल्दी से जल्दी प्रदीप जैन ( 93

नंदुरबार में कन्या संस्कार शिबिर आयोजित

नंदुरबार 15 नवंबर। खरतरगच्छाधिपति पू. आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी महत्तरा पदविभूषिता पू. चंपाश्रीजी म. एवं पू. साध्वी जितेंद्रश्रीजी म. की सुशिष्या धवलयशस्वी पू. साध्वी विमलप्रभाश्रीजी म. , पू. साध्वी हेमरत्नाश्रीजी म. , पू. साध्वी जयरत्नाश्रीजी म. , पू. साध्वी रश्मिरेखाश्रीजी म. , पू. साध्वी चारुलताश्रीजी म. , पू. साध्वी नूतनप्रियाश्रीजी म. , पू. साध्वी चारित्रप्रियाश्रीजी म. की निश्रा में खान्देश की पावन पुण्यधरा पर पहली बार न्ंादुरबार नगर में त्रिदिवसीय कन्या संस्कार शिबिर का आयोजन किया गया। जिसमें बालिकाओ ने ही नहीं अपितु श्रावक एवं श्राविकाओं ने भी संपूर्ण भाग लिया। 13 नवम्बर से 15 नवम्बर तक इस शिबिर का आयोजन किया गया। इस शिबिर का मुख्य उद्देश्य आज के इस भाग-दौड़ और डिजिटल युग में हमारे समाज की परिस्थिति , धार्मिक परंपरा , संस्कृति , भगवान महावीर के उपदेश , माँ बाप के प्रति बच्चों का व्यवहार जैसे अनेक विषयों को ध्यान में रखते हुए पू. साध्वी नूतनप्रियाश्रीजी म. के मुख्य मार्गदर्शन में इस शिबिर का आयोजन किया गया। शिबिर में मागदर्शन हेतू कल

जिनहरि विहार में ध्वजारोहण संपन्न

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विश्व विख्यात श्री पालीताणा तीर्थ स्थित श्री जिन हरि विहार धर्मशाला के श्री आदिनाथ परमात्मा से सुशोभित मयूर मंदिर का 15 वां वार्षिक ध्वजारोहण का कार्यक्रम दि. 21 नवंबर 2018 को आनन्द व उल्लास के साथ संपन्न हुआ। कायमी ध्वजा के लाभार्थी श्रीमती पुष्पाजी अशोकजी जैन परिवार द्वारा जिनमंदिर पर ध्वजा चढाई गई। प्रातः अठारह अभिषेक का आयोजन किया गया। सतरह भेदी पूजा पढाई गई। यह समारोह पूज्य मुनि श्री मौनप्रभसागरजी म. , पू. मुनि श्री मोक्षप्रभसागरजी म. , पू. मुनि श्री मननप्रभसागरजी म. , पू. मुनि श्री कल्पज्ञसागरजी म. एवं पू. साध्वी विशालप्रभाश्रीजी म. पू. साध्वी प्रियदर्शनाश्रीजी म. आदि साध्वी मंडल की पावन निश्रा में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मंत्री श्री बाबुलालजी लूणिया , कोषाध्यक्ष मेहता पुखराजजी तातेड , रतनलालजी बोथरा , भेरुभाई लूणिया , धर्मचंदजी बोहरा , धर्मचंदजी चौरडिया , विपुलभाई आदि अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे। इस मंदिर की प्रतिष्ठा वि.सं. 2059 कार्तिक सुदि 13 को पूज्य खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरिजी म. (तत्कालीन उपाध्याय) की निश्रा में संपन्न हुई थी। - भागीरथ शर्मा ,

मुमुक्षु शुभम लुंकड व अंशु देशलहरा का स्थान-स्थान पर अभिनंदन

इन्दौर 28 अक्टुंबर। मुमुक्षु शुभम लुंकड के दीक्षा मुहूर्त्त की उद्घोषणा के पश्चात् अनेक स्थानों पर अभिनंदन एवं चारित्र के भावों की अनुमोदना हो रही है। नंदुरबार , शहादा , भुज , अंजार , मुंबई , बालोतरा , बीकानेर , नागौर , बाडमेर , हालोल इत्यादि स्थानों पर वर्षीदान शोभायात्रा एवं अभिनंदन समारोह आयोजित किये गए। स्थानीय श्रीसंघ एवं केयुप शाखा एवं केएमपी शाखाओं के साथ स्थानीय मंडल अभिनंदन समारोह को यादगार बनाने के लिए अनुमोदनीय पुरुषार्थ कर रहे है। बाडमेर 19 नवंबर। बाड़मेर शहर में आज एक साथ पांच मुमुक्षु जिनमें शुभम लुंकड , सुमित मेहता , अंशु देशलहरा , स्वीटी खजांची व सुरभि खजांची का भव्य वरघोड़ा सुखसागर नगर से परम पूज्य मुनिराज श्री मनितप्रभसागरजी म.सा. आदि ठाणा 4 की पावन निश्रा में सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति में प्रस्थित हुआ जो शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ कुशल-कांति-मणि प्रवचन वाटिका पहुंचा। जहाँ धर्म सभा का आयोजन हुआ। भव्य वरघोडे़ में आचार्य श्री कवीन्द्रसागरसूरिजी म.सा. व साध्वी सुरंजनाश्रीजी म. का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। रथ में विराजित दीक्षार्थी हाथ जोड़कर सभी का