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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

कन्याकुमारी में वर्धमान स्वामी मंदिर दादावाड़ी की अंजनशलाका प्रतिष्ठा 27 फरवरी को...... समारोह का प्रारंभ 24 फरवरी से होगा। ता. 26 फरवरी को शोभायात्रा का आयोजन होगा। प्रतिष्ठा के इस पावन अवसर पर पूरे भारत से भक्तजन पधारेंगे। सादर आमंत्रण

देश के दक्षिणी किनारे का सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल कन्याकुमारी में लम्बे समय से जिन मंदिर बनाने की चर्चा चल रही थी। यहाँ भ्रमण आदि के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 6 लाख से अधिक जैन बंधुओं का आगमन होता है। परन्तु जैन मंदिर नहीं होने के कारण वे परमात्म दर्शन से वंचित रहते थे। इस कारण यहाँ जिन मंदिर का निर्माण अत्यन्त जरूरी था। इस कार्य को हाथ में लिया चेन्नई निवासी श्री मोहनचंदजी ढड्ढा ने! वहाँ भूखण्ड प्राप्त करने के प्रयत्न करना प्रारंभ किया।
तभी पता चला कि वहाँ एक भूखण्ड मदुराई निवासी श्री बगदावरमलजी के पास उपलब्ध है। उनसे संपर्क किया गया। उन्होंने भी मदुराई संघ के साथ मिल कर जिन मंदिर आदि निर्माण के लक्ष्य से ही यह भूखण्ड कुछ वर्षों पहले खरीदा था।

उन्होंने यह विशाल भूखण्ड श्री जैन तीर्थ संस्थान रामदेवरा ट्रस्ट को सुपुर्द कर दिया। संस्थान के अध्यक्ष श्री मोहनचंदजी ढड्ढा ने कडी मेहनत करके वहाँ जिनमंदिर निर्माण करने की सरकारी अनुमति प्राप्त की। ता. 14 मार्च 2014 को खात मुहूत्र्त शिलान्यास का शुभ मुहूत्र्त हुआ। सुप्रसिद्ध सोमपुरा विनोद शर्मा ने सुन्दर मानचित्र तैयार किया। बहुत ही कम समय में श्री महावीर स्वामी जिन मंदिर, श्री जिनकुशलसूरि दादावाडी एवं श्री राजेन्द्रसूरि गुरुमंदिर का निर्माण कार्य पूर्णाहुति की ओर अग्रसर है। धर्मशाला, भोजनशाला, उपाश्रय, प्याऊ आदि का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
संस्थान द्वारा इस मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा कराने हेतु पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी .सा. से भावभरी विनंती की। जिसे स्वीकार कर पूज्यश्री ने फाल्गुन सुदि 7 ता. 27 फरवरी 2015 का शुभ मुहूत्र्त प्रदान किया। समारोह का प्रारंभ 24 फरवरी से होगा। ता. 26 फरवरी को शोभायात्रा का आयोजन होगा।

प्रतिष्ठा के इस पावन अवसर पर बाहर से हजारों लोगों के पधारने की संभावना है। प्रतिष्ठा को ऐतिहासिक बनाने के लिये ट्रस्टी श्री शांतिलालजी गुलेच्छा, श्री राजेश गुलेच्छा आदि पूर्ण रूप से जुट गये हैं।

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