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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

Chittorgarh. Raj. चित्तौड़ नगर में अंजनशलाका प्रतिष्ठा संपन्न 


सुप्रसिद्ध आचार्य श्री हरिभद्रसूरि की जन्म स्थली, आचार्य जिनवल्लभसूरि की कर्मस्थली, दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरि की आचार्य पद स्थली राजस्थान की ऐतिहासिक स्थली चितौड नगर में श्री नाकोडा पार्श्वनाथ जिन मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. पूज्य बाल मुनि श्री मलयप्रभसागरजी म. एवं पूजनीया बहिन म. डॉ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा. पू साध्वी श्री प्रज्ञांजनाश्रीजी म. पू. साध्वी श्री नीतिप्रज्ञाश्रीजी म. आदि ठाणा की पावन निश्रा में प्रथम ज्येष्ठ वदि 8 रविवार, ता. 6 मई 2018 को अत्यन्त आनंद व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई। 
प्रतिष्ठा महोत्सव हेतु उग्र विहार कर पूज्यश्री ने ता. 3 मई को चित्तौड नगर में प्रवेश किया। प्रवेश के पश्चात् प्रवचन फरमाते हुए पूजनीया बहिन म. डॉ. विद्युत्प्रभाश्रीजी म. ने चित्तौड नगर के इतिहास का उल्लेख करते हुए यहाँ के निवासियों को गौरवशाली बताया। 
ता. 5 को ऐतिहासिक वरघोडे का आयोजन हुआ। स्थानीय सांसद श्री सी. पी. जोशी, स्थानीय विधायक श्री आयाजी आदि सम्मिलित हुए। बाहर से बड़ी संख्या में श्रावक संघों का पदार्पण हुआ।

 
ता. ८ को नाकोडा पार्श्वनाथजी मुनिसुव्रतस्वामीजी, केशरियानाथजी, गौतमस्वामी, दादा जिनदत्तसूरि, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि, अकबर प्रतिबोधक जिनचन्द्रसूरि, गणनायक सुखसागरजी, आचार्य जिनकान्तिसागरसूरि, अंबिका देवी, पद्मावती देवी सरस्वती देवी आदि प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा संपन्न हुई। 
ध्वजा, मूलनायक परमात्मा की रत्नमयी प्रतिमा भराने व विराजमान केशरियानाथ प्रभु को विराजमान आदि लाभ मूल नांदसी निवासी श्री जीवराजजी सौ. सुमित्रादेवी खटोड परिवार ने लिया। 
श्री मुनिसुव्रतस्वामीजी को विराजमान का लाभ श्री शांतिलालजी कांतिलालजी राठौड सादडी वालों ने लिया। कलश का लाभ श्री कन्हैयालालजी महात्मा परिवार ने लिया। दादावाडी में मूलनायक मणिधारी जिनचन्द्रसूरि को विराजमान का लाभ संघवी श्री दलीचंदजी मिश्रीमलजी मावाजी मरडिया परिवार चितलवाना वालों ने लिया। प्रतिष्ठा के समय का हर्षोल्लास अद्भुत था। विधिविधान अरविन्द चौरडिया इन्दौर वालों ने करवाया। इस प्रतिष्ठा महोत्सव में श्री हरिभद्रसूरि स्मृति ट्रस्ट के समस्त ट्रस्ट मंडल का, विशेष रूप से श्री जीवराजी खटोड का पुरूषार्थ अत्यन्त अनुमोदनीय रहा।

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