Featured Post

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

Image
पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

KHETIYA . पूज्य गच्छाधिपतिजी का स्वागत मध्यप्रदेश प्रवेश पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राजकीय अतिथि का दर्जा

KHETIYA . पूज्य गच्छाधिपतिजी का स्वागत मध्यप्रदेश प्रवेश पर
          पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छ अधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनकांतिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य रत्न पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य देव श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मलयप्रभसागरजी म. तथा पू. महत्तरा पदविभूषिता खानदेश शिरोमणि दिव्यप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा 4 का दिनांक 1 जुलाई 2018 को मध्यप्रदेश सीमा में प्रवेश कर राजकीय सम्मान के साथ खेतिया नगर में प्रवेश हुआ। 
          खेतिया जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक खरतरगच्छ श्री संघ का उल्लास व आनंद अपूर्व था। पूज्यश्री के मध्यप्रदेश प्रवेश अवसर पर इंदौर, उज्जैन, देपालपुर, शहादा, अक्कलकुवा, खापर, वाण्याविहिर, नंदुरबार, धुलिया, पानसेमल, दोंदवाडा, जलगांव आदि अनेक नगरों से श्रद्धालुओं का बड़ी संख्या में आगमन हुआ। 
          जैन सोश्यल ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विजय मेहता ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की ओर से राज्य अतिथि बनाए जाने की घोषणा की, जिसे उपस्थित विशाल जनसमूह ने तुमुल करतल ध्वनि से बधाया।
          इस अवसर पर पूज्य आचार्यश्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज मध्यप्रदेश सीमा में प्रवेश किया है यह व्यवहारिक भाषा है। व्यवस्था की दृष्टि से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि प्रदेशों का नाम दिया है हकीकत में सारी पृथ्वी एक है। व्यवस्था के कारण यदि मर्यादा बनाते हैं, सीमा निर्धारित करते हैं तो यह उचित है परंतु कभी भी दीवार बनाकर बांटने का कार्य मत करना।
          इस अवसर पर पूज्यश्री ने आनंदघनजी के पद की व्याख्या की। उन्होंने जैन समाज की एकता का संदेश दिया। पूज्या साध्वी विश्वज्योतिश्रीजी ने पूज्यश्री के व्यक्तित्व का विवेचन किया। बालिका मंडल एवं महिला मंडल आदि द्वारा स्वागत गीत व स्वागत भाषण प्रस्तुत किये गये। संचालन महावीर भंसाली ने किया।

jahaj mandir, maniprabh, mehulprabh, kushalvatika, JAHAJMANDIR, MEHUL PRABH, kushal vatika, mayankprabh, Pratikaman, Aaradhna, Yachna, Upvaas, Samayik, Navkar, Jap, Paryushan, MahaParv, jahajmandir, mehulprabh, maniprabh, mayankprabh, kushalvatika, gajmandir, kantisagar, harisagar, khartargacchha, jain dharma, jain, hindu, temple, jain temple, jain site, jain guru, jain sadhu, sadhu, sadhvi, guruji, tapasvi, aadinath, palitana, sammetshikhar, pawapuri, girnar, swetamber, shwetamber, JAHAJMANDIR, www.jahajmandir.com, www.jahajmandir.blogspot.in,

Comments

Popular posts from this blog

AYRIYA LUNAVAT GOTRA HISTORY आयरिया/लूणावत गोत्र का इतिहास

RANKA VANKA SETH SETHIYA रांका/वांका/सेठ/सेठिया/काला/गोरा/दक गोत्र का इतिहास

RAKHECHA PUGLIYA GOTRA HISTORY राखेचा/पुगलिया गोत्र का इतिहास