Posts

Featured Post

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

Image
पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

पालीताणा

Image
पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. आदि ठाणा 8 आदि विशाल साधु साध्वी मंडल के परम सानिध्य में पूजनीया बहिन म. डा. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा. की पावन प्रेरणा से पालीताणा में 1200 आराधकों का विशाल चातुर्मास आयोजित हो रहा है। इसका लाभ अहमदाबाद धोरीमन्ना निवासी श्री भूरचंदजी लक्ष्मणदासजी लूणिया परिवार एवं अहमदाबाद कोठाला निवासी श्री जसराजजी प्रेमराजजी दायमा परिवार ने लिया है। चातुर्मास में तपस्या का अनूठा ठाट लगा है। पूजनीया बहिन म. डा. विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा. की शिष्या पूजनीया साध्वी श्री विभांजनाश्रीजी म.सा. के मासक्षमण की महान् तपस्या चल रही है। उनके मासक्षमण की तपस्या का पारणा 21 अगस्त 2013 को संपन्न होगा। इस तपस्या के निमित्त ता. 16 से 20 अगस्त तक पंचाह्निका महोत्सव का आयोजन किया गया है। ता. 16 से 18 तक तीन दिवसीय श्री अर्हद् महापूजन का भव्यातिभव्य आयोजन किया जायेगा। ता. 19 को सिद्धचक्र महापूजन एवं ता. 20 को दादा गुरुदेव की पूजा पढाई जायेगी। ता. 20 अगस्त को वरघोडे के भव्य आयोजन के साथ तपस्वी साध्वीजी महाराज का अभिनंदन किया जायेगा। इसके साथ ही कई मासक्षमण, स

-पूज्य उपाध्यायश्री का प्रवचन

Image
-पूज्य उपाध्यायश्री का प्रवचन पालीताना जैन श्वे. खरतरगच्छ संघ के उपाध्याय प्रवर पूज्य गुरूदेव मरूध्ार मणि श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने परमात्मा नेमिनाथ प्रभु के जन्म कल्याणक के पावन अवसर पर आज श्री जिन हरि विहार ध्ार्मशाला के अन्तर्गत चल रहे चातुर्मास के विशाल आराध्ाकों की ध्ार्मसभा को संबोध्ाित करते हुए कहा- चैबीस तीर्थंकरों का आन्तरिक जीवन एक जैसा है। बाह्य जीवन भले अलग अलग हों। उनके माता पिता के नाम, जन्मभूमि, जन्म तिथि यह सब अलग होंगे। परन्तु उनके अन्तर में बहता हुआ ज्ञान का झरणा एक है। उसमें कोई भेद नहीं है। सभी तीर्थंकर तीन ज्ञान के साथ ही जन्म लेते हैं। सभी तीर्थंकर दीक्षा लेते ही है। सभी तीर्थंकरों को दीक्षा लेते ही चैथा ज्ञान हो जाता है। सभी तीर्थंकरों को घाती कर्म के बाद केवल ज्ञान प्राप्त होता है। सभी तीर्थंकर मोक्ष पधारते हैं। उन्होंने कहा- चैबीस तीर्थंकरों का जीवन अपने आप में आदरणीय और अनुकरणीय है। पुरूषार्थ का परिणाम देखना हो तो हमें परमात्मा महावीर स्वामी का जीवन पढना चाहिये। कितने कर्मों का बंधन किया किन्तु उन्हें तोडने के लिये कितनी अनूठी साधना की। द्वेष की परम्परा

पूज्य उपाध्यायश्री का प्रवचन

Image
पूज्य उपाध्यायश्री का प्रवचन ता. 10 जुलाई 2013, पालीताना जैन श्वे. खरतरगच्छ संघ के उपाध्याय प्रवर पूज्य गुरूदेव मरूध्ार मणि श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने आज श्री जिन हरि विहार ध्ार्मशाला के अन्तर्गत चल रहे चातुर्मास के विशाल आराध्ाकों की ध्ार्मसभा को संबोध्ाित करते हुए कहा- मैं कौन हूॅं, इस प्रश्न से ही धर्म का प्रारंभ होता है। जब तक व्यक्ति अपने आपको नहीं जानता, उसका शेष जानना व्यर्थ है। उन्होंने कहा- आचारांग सूत्र का प्रारंभ इसी प्रश्न से होता है। परमात्मा महावीर ने जो देशना दी थी, उसे सुधर्मा स्वामी ने आगमों के माध्यम से जंबू स्वामी से कहा। परमात्मा फरमाते हैं कि इस दुनिया में अनंत जीव ऐसे हैं जो यह नहीं जानते कि मैं कौन हूॅं? कहाॅं से आया हूॅ? किस दिशा से आया हूॅ? और कहाॅं जाना है? उन्होंने कहा- आज आदमी सारी दुनिया को जानता है, अपने पराये को जानता है, रिश्तेदारों और मित्रों को पहचानता है परन्तु यह उसकी सबसे बडी गरीबी है कि वह जानने वाले को नहीं जानता। यह शरीर मेरा स्वरूप नहीं है, क्योंकि शरीर आज है, कल नहीं था, कल नहीं रहेगा! जबकि मैं कल भी था, आज भी हूॅं और कल भी रहूॅंगा! तो वह कौ

पूज्य उपाध्याय गुरुदेवजी श्री का प्रवचन

Image
  पूज्य उ   पाध्याय श्री का प्रवचन     जैन श्वे. खरतरगच्छ संघ के उपाध्याय   प्रवर पूज्य गुरूदेव मरूध्ार मणि श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने आज श्री जिन हरि विहार ध्ार्मशाला के अन्तर्गत चल रहे चातुर्मास के विशाल आराध्ाकों की ध्र्मसभा को संबोधित करते हुए कहा- परमात्मा के पास हमें याचक बन कर नहीं, अपितु प्रेमी बन कर जाना होता है। जो याचक बन कर जाता है, वह कुछ प्राप्त करता है और जो प्रेमी बन कर जाता है, वह सब कुछ प्राप्त कर लेता है। बाबुलाल लूणिया एवं रायचंद दायमा परिवार की ओर से आयोजित चातुर्मास आयोजन के अन्तर्गत उन्होंने कहा- हम सभी बीमार है। हमारी बीमारी कोई एक दिन की नहीं है, अपितु जन्मों जन्मों की है। जन्मों जन्मों से हमारी यात्रा का प्रवाह जारी है। यही सबसे बडी बीमारी है। इस जगत में चार प्रकार के व्यक्ति है। एक वे जो बीमार तो हैं, पर अपनी बीमारी का बोध्ा नहीं है। दूसरे वे जिन्हें अपनी बीमारी के बारे सिर्फ पता है। उसके आगे कुछ नहीं। तीसरे वे जिनके मन में अपनी बीमारी को दूर करने का भाव है। चैथे वे जो अपनी बीमारी को दूर करने के लिये पुरूषार्थ कर रहे हैं। हमें अपने बारे म

Palitana Tirth Darshan

Image
http://jahajmandir.blogspot.in/ Palitana  is the greatest and biggest  pilgrimage center  and sacred place of Jains. The  Shwetambar Jain  community believes that the hill of Palitana  (Siddhachal)  is eternal.  Rshabhadev (Adinath) , the first  Jain Tirthankara , came here several times and preached. Billions of monks and nuns have attained Nirvana (Salvation) from this hill from times immemorial. It is also believed that hundred millions monks leaded by  Dravida  and Varikhilla  attained here  Nirvana  on the auspicious day of  Kartika Purnima (Full moon day in the month of Kartika according to Indian lunar calendar) and fifty millions leaded by  Nami  and  Vinami  on  Chaitri Purnima  (Full moon day in the month of Chaitra according to Indian lunar calendar). Palitana  is a city in Bhavnagar district, Gujarat, India. It is located 50 km southwest of Bhavnagar city . The Palitana temples are considered the most sacred pilgrimage place ( tirtha ) by

PALITANA CHATURMAS NEWS

Image
पूज्य उपाध्यायश्री का प्रवचन ता. 30 जुलाई 2013, पालीताना जीवन को उँचाईयों की ओर ले जाना है, तो हमें अनुशासन अपनाना होगा। अनुशासन की परिभाषा है- मर्यादा! हर व्यक्ति को अपनी मर्यादा में जीना होता है। मर्यादा का जो भी उल्लंघन करता है, वह घोर अशांति का कारण बन जाता है। ये उद्गार जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ श्री संघ के उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने आज पालीताणा श्री जिन हरि विहार धर्मशाला के सुखसागर प्रवचन मंडप में उत्तराध्ययन सूत्र पर प्रवचन देते हुए कहे। विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- दूसरों की जिन्दगी में झांकने की हमारी आदत है। अपनी जिन्दगी को देखने की हमें फुरसद नहीें है, जबकि दूसरों के जीवन की बारीकियों के प्रति हम बहुत उत्सुक होते हैं। उन्होंने कहा- सामान्य-सी लगने वाली बात पर भी हम अपना ज्ञान भरा चिंतन प्रारंभ कर देते हैं। ... इसने स्कूटर इस कंपनी का क्यों लिया! उस कंपनी का लेता तो अच्छा होता! ... हमेशा 9 बजे की बस पकड कर आँफिस की ओर प्रस्थान करने वाला 'यह' आज दस बजे क्यों जा रहा है? घर पर कुछ झघडा तो नहीं हुआ! यह पीले रंग का शर्ट इसे

Tirth Contact nomber

Contact Numbers of Some Tirth :- AAGLOD TIRTH - 0091-02763-283615 283734 --------------------------------------------- ------------------------------------- AAKOLA TIRTH - 0091-0724-2433059 --------------------------------------------- -------------------------------------- AGASHI TIRTH - 0091-0250-2587183 --------------------------------------------- -------------------------------------- AGRA TIRTH - 0091-0562-254559 --------------------------------------------- -------------------------------------- AJIMGUNJ TIRTH - 0091-03483-253312 --------------------------------------------- -------------------------------------- ALAUKIK PARSHVANATH TIRTH - 0091-0734-2610205 2610246 --------------------------------------------- -------------------------------------- ALIPOR TIRTH - 0091-02634-232973 --------------------------------------------- -------------------------------------- ALIRAJPUR TIRTH - 0091-07394-233261 ---------------------------

पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. सा. का पालीताना में भव्य नगर प्रवेश संपन्न

Image
palitana palitana palitana Palitana news पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. सा. का पालीताना में भव्य नगर प्रवेश संपन्न पूज्य गुरुदेव उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी महाराज साहब का 54 साधु साध्वियों के साथ पालीताणा की पावन तीर्थ भूमि पर आज नगर प्रवेश अत्यन्त आनन्द उल्लास व उत्साह के साथ संपन्न हुआ। प्रात: 9 बजे प्रारंभ हुई शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई तलेटी दर्शन करने पहुँची। शोभायात्रा में पूज्य आचार्य श्री राजयशसूरिजी म. आदि साधु साध्वी भगवंत पधारे थे। प्राणीमित्र कुमारपाल भाई वि. शाह विशेष रूप से उपस्थित थे। लगभग 11.30 बजे शोभायात्रा प्रवचन मंडप में पहुँची, जहाँ अभिनंदन समारोह प्रारंभ हुआ। समारोह साढे तीन बजे तक चला। हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति इतनी देर होने पर भी बराबर रही। चातुर्मास का आयोजन पूजनीया बहिन म0 डाँ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. सा. की पावन प्रेरणा से धोरीमन्ना निवासी श्री बाबुलालजी भूरचंदजी लूणिया एवं कोठाला निवासी श्री रायचंदजी प्रेमराजजी दायमा परिवार की ओर से किया गया है। साथ ही उपधान का आयोजन भी होगा। सम

Jaap kaksha

Image
Jin hari vihar... Palitana

NAMO JINANAM

Image
JAI GURUDEV

GURUDEV SHREE

Image
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी महाराज मेहुलप्रभसागरजी म. राजस्थान से विहार कर आज 13 जून को अहमदाबाद पधार रहे हैं। वे कोबा से विहार कर सुबह 8 बजे शाहीबाग स्थित जयप्रेम सोसायटी के उपाश्रय में पधारेंगे। यहाँ वे एक दिन बिराज कर नवरंगपुरा स्थित दादा साहेब ना पगला पधारेंगे। जहाँ सप्ताह भर की स्थिरता रहेगी। चातुर्मास लाभार्थी बाबुलाल लूणिया ने बताया कि उनके शिष्य पूज्य मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. मनीषप्रभसागरजी म. मयंकप्रभसागरजी म. मनितप्रभसागरजी म. एवं पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. बहिन म. डाँ. विद्युत्प्रभाश्रीजी म. आदि साधु साध्वी मंडल अहमदाबाद में नवरंगपुरा स्थित दादा साहेब ना पगलां बिराज रहे हैं। पूज्य उपाध्यायश्री का ता. 14 जून को नवरंगपुरा दादावाडी में प्रात: 9.30 बजे प्रवचन का आयोजन किया गया है। jahaj mandir, maniprabh, mehulprabh, kushalvatika, JAHAJMANDIR, MEHUL PRABH, kushal vatika, mayankprabh,