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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

Rakhi आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म.सा. का राखडी पूनम विषय पर दिया गया अनमोल प्रवचन

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Raksha Bandhan आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म.सा. का राखडी पूनम विषय पर दिया गया अनमोल प्रवचन

पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री जिनकांतिसागरसूरिजी म. सा. का राखडी पूनम विषय पर दिया गया अनमोल प्रवचन   बहुत से जैनी यह समझते हैं कि जैन धर्म की दृष्टि से रक्षाबंधन का कोई महत्व नहीं है किन्तु वे भूल जाते हैं कि स्नात्रा पूजा में हम प्रतिदिन क्या बोलते हैं? ‘वर राखड़ी जिन पाणि बांधी दिये इम आशीष। युग कोड़ा-कोड़ी चिरंजीवो धर्मदायक ईश।।’ भगवान के भी राखड़ी बांधी जाती है- राखड़ी का अर्थ होता है- रक्षा करना। इस रक्षा-पर्व का महत्व क्या है? यह पर्व राखी के धागों का बंधन नहीं है, यह तो हृदय का बंधन है, आत्मा का बंधन है, प्राणों का बंधन है। धागा तो धागा ही है, धागे के रूप में उसका कोई मूल्य नहीं है परन्तु राखी के रूप में बंधवाने के बाद वह धागा, धागा नहीं रहा। एक स्नेहसूत्र बन गया। अर्थात् आप धागे से नहीं, स्नेह के तार से बंध गये। राखी बांधने वाले के जीवन से बंध गये। उसके जीवन का दायित्व आप पर आ जाए। राखी कौन बांधती है? बहिन! इसका अर्थ हुआ राखी बंधाने के बाद उस बहिन की जीवन रक्षा का नैतिक दायित्व भाई पर आ जाता है। दायित्व निभाने का अर्थ है आप बहिन के प्रति अपनी सद्भावना रखें। उसके दु:ख-दर्द में

Raipur (C.G.) सूचना ~ श्री जिनकुशल सूरि जैन दादावाडी, एम.जी. रोड, रायपुर (छ.ग.) के प्रांगण में खरतरगच्छाधिपति पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. की निश्रा में - उपधान तप की भव्य आराधना 9 अक्टूबर से उपधान प्रारम्भ होकर माला महोत्सव 29 नवम्बर 2015

सूचना ~~~~~~~~~ श्री जिनकुशल सूरि जैन दादावाडी एम.जी. रोड रायपुर (छ.ग.) के प्रांगण में --------------------------- खरतरगच्छाधिपति पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागर जी म . सा . की निश्रा में ----- उपधान तप की भव्य आराधना 9 अक्टूबर से उपधान प्रारम्भ होकर माला महोत्सव 29 नवम्बर 2015 ------------------------- 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Tirthankar or Lanchhan

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1. श्री ऋषभनाथ- बैल, वृषभ 2. श्री अजितनाथ- हाथी,गज 3. श्री संभवनाथ- अश्व (घोड़ा), 4. श्री अभिनंदननाथ- बंदर,कपि 5. श्री सुमतिनाथ- क्रोंच, 6. श्री पद्मप्रभ- कमल, 7. श्री सुपार्श्वनाथ-साथिया (स्वस्तिक), 8. श्री चन्द्रप्रभ- चन्द्रमा, 9. श्री सुविधिनाथ- मकर, 10. श्री शीतलनाथ- श्रीवत्स, 11. श्री श्रेयांसनाथ-खड्ग, 12. श्री वासुपूज्य- भैंसा,महिष 13. श्री विमलनाथ- वराह, 14. श्री अनंतनाथ- स्येन, 15. श्री धर्मनाथ- वज्र, 16. श्री शांतिनाथ- मृग(हिरण), 17. श्री कुंथुनाथ- बकरा, 18. श्री अरहनाथ- नंद्यावर्त, 19. श्री मल्लिनाथ- कलश,घट 20. श्री मुनिस्रुव्रतनाथ- कच्छप (कछुआ) ,कूर्म 21. श्री नमिनाथ- नीलकमल, 22. श्री नेमिनाथ- शंख, 23. श्री पार्श्वनाथ- सर्प 24. श्री महावीर- सिंह

श्री खरतरगच्छ चातुर्मास सूची 2015

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Raipur (C.G.) छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर नगर में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. का चातुर्मास हेतु नगर प्रवेश ता. 25 जुलाई को अत्यन्त आनंद व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।

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GURU MANIPRABH  छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर नगर में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि समयप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि विरक्तप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्रेयांसप्रभसागरजी म. पूज्य बालमुनि मलयप्रभसागरजी म. ठाणा 6 एवं पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. पूजनीया बहिन म. डाँ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. पू. प्रज्ञांजनाश्रीजी म. पू. विज्ञांजनाश्रीजी म. पू. निष्ठांजनाश्रीजी म. पू. आज्ञांजनाश्रीजी म. ठाणा 6 का चातुर्मास हेतु नगर प्रवेश ता. 25 जुलाई को अत्यन्त आनंद व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।  

Malpura खरतरगच्छ सहस्राब्दी समारोह तीन साल बाद मालपुरा में

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malpura पूज्य गच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने रायपुर चातुर्मास प्रवेश के अवसर पर घोषणा करते हुए कहा- आगामी तीन साल बाद वि. संवत् 2075-76 में खरतरगच्छ के उद्भव को एक हजार साल पूरे हो रहे हैं। वि. 1075-76 में आचार्य श्री जिनेश्वरसूरि महाराज को पाटण नरेश दुर्लभ राजा ने खरतर बिरूद प्रदान किया था , तब से चन्द्र गच्छ का नाम खरतरगच्छ हुआ। उस परम्परा को निर्बाध रूप से चलते एक हजार वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस उपलक्ष्य में सहस्राब्दी का आयोजन करना है। यह आयोजन दादा गुरुदेव श्री जिनकुशलसूरि की प्रत्यक्ष दर्शन स्थली मालपुरा में किया जायेगा। इस आयोजन की रूपरेखा सम्मेलन में निश्चित की जायेगी।

पूज्य गच्छाधिपतिजी ने की घोषणा... खरतरगच्छ महासम्मेलन पालीताना में 1 मार्च से 12 मार्च 2016 तक... लम्बे समय के बाद खरतरगच्छ श्रमण महासम्मेलन पालीताना में होने जा रहा है। यह सम्मेलन 1 मार्च से प्रारंभ होगा, जो 12 मार्च तक चलेगा।....

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sammelam palitana me इस प्रकार की घोषणा पूज्य गणनायक श्री सुखसागरजी म.सा. के समुदाय के खरतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने रायपुर प्रवेश के दिन ता. 25 जुलाई को की। पूज्यश्री द्वारा सम्मेलन के स्थान व तिथियों की की गई घोषणा पर उपस्थित विशाल जनसमूह ने जय जयकार के नादों से बधाया। पूज्यश्री ने कहा- समस्त साधु साध्वियों से विचार विमर्श कर इस क्षेत्र का चुनाव किया गया है। हाँलाकि सम्मेलन आयोजित करने के लिये जयपुर , मालपुरा , रायपुर , भद्रावती , जालना , नगपुरा आदि स्थानों की विनंतियाँ चल रही थी। पर अधिकतर साधु साध्वियों की सुविधा , विहार , व्यवस्थाऐं आदि के आधार पर पालीताना का चुनाव किया गया है। इस सम्मेलन में 1 मार्च से 9 मार्च तक केवल साधु साध्वियों का सम्मेलन होगा , जिसमें गच्छ विकास , व्यवस्थाऐं , समाचारी आदि विविध विषयों पर विचार विमर्श कर निर्णय किया जायेगा। ता. 10 से 12 मार्च तक श्रावक सम्मेलन का आयोजन होगा।

PHALODI RAJ. मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. व मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का फलोदी में चातुर्मास प्रवेश उल्लास के साथ हुआ

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परम पूज्य गणाधीश उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी के आज्ञानुवर्ती सरल स्वभावी मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. व प्रवचनकार मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. का फलोदी में चातुर्मास हेतु 22 जुलाई 2015 को भव्य प्रवेश हुआ। प्रवेश जुलुस स्थानीय हायर सैकण्डरी स्कूल के पास से बैंड बाजों के साथ धूम धाम से पाश्र्वनाथ जिनालय मार्ग होते हुए कन्हैयालालजी भंसाली (मुनि मनीषप्रभसागरजी म. के सांसारिक पिताजी) के निवास के आगे से निकला। वहां पर भंसाली परिवार ने संघ का स्वागत कर संघ पूजन किया। त्रिपोलिया बाजार से होते हुए जुलूस चुडीगरों के मोहल्ले स्थित बड़ी धर्मशाला में पहुँचा।

DURG C.G. दुर्ग में खरतगच्छाधिपतिजी का पदार्पण हुआ

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खरतरगच्छाधिपति उपाध्याय गुरुदेव श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. आदि ठाणा एवं पूजनीया साध्वी विद्युतप्रभाश्रीजी म.सा. अपनी शिष्या मंडली के साथ दुर्ग (छ.ग) स्थित रिषभदेव परिसर में 21 जुलाई को पदार्पण हुआ। प.पू. गुरुदेव श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. ने अपने हृदय स्पर्शी प्रवचन में धर्मसभा के समक्ष खरतरगच्छ को चार साधु भगवंत देने वाले दुर्ग श्रीसंघ एवं परिवार के प्रति मंगल भावना व्यक्त करते हुए छ.ग. में दुर्ग श्रीसंघ का प्रथम अधिकार निरूपित किया।  

JAY GURUDEV... GURU PRARTHNA

Raipur CG में चतुर्मास प्रवेश समारोह

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पूज्य गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. आदि ठाणा का Raipur CG में चतुर्मास प्रवेश समारोह का विवरण

Bikaner Chaturmas गुरुदेव श्री मनोज्ञसागरजी म. सा. व बाल मुनि नयज्ञसागरजी म. सा. ठाणा 2 का धर्म नगरी बीकानेर नगर में 25/07/15 को ऐतिहासिक भव्य चातुर्मास प्रवेश हुवा।

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खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत मज्जिन श्री कांतिसागरसूरीश्वरजी म.सा.के शिष्य एवं  वर्तमान गणाधीश उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. सा. के आज्ञानुवर्ती ब्रह्मसर तीर्थोद्धारक, वशीमालानी रत्न शिरोमणि,प्राचीन तीर्थ बकेला पार्श्वनाथ जिर्णोद्वारक मुनि श्री मनोज्ञसागरजी म. सा. व बाल मुनि नयज्ञसागरजी म. सा. ठाणा 2 का धर्म नगरी बीकानेर नगर में 25/07/15 को ऐतिहासिक भव्य चातुर्मास प्रवेश हुवा। गुरुदेव का बीकानेर में तीसरा चातुर्मास है। आप श्री की प्रवेश यात्रा प्रातः 8 बजे खजांची मार्केट से शरू हुई जो कोटगेट, मरोठी सेठिया, मुकीम बोथरा, श्री चिंतामणि जैन मंदिर, श्री आदिनाथ जी का मंदिर,नाहटा मोहल्ला, खजांची रामपुरिया मोहल्ला,राखेचा मोहल्ला, आसानी चोक, बांठिया मोहल्ला, बेदौ का चोक, श्री महावीरजी मंदिर, सुराणा मोहल्ला, बड़ा बाजार, ढ़ढ़ो का चोक, बेगानी मोहल्ला, कोचर चोक, सेठिया डागा पारख मोहल्ला, कोठारी मोहल्ला होते हुवे रांगड़ी चोक स्थित सुगनजी का उपाश्रय में पहच कर धर्म सभा में परिवतर्न हो गई। यह प्रवेश यात्रा लगभग 5 किलोमीटर के क्षेत्रो से गुजरी। विभिन रंगः बिरंगी वेषभूषाओ से सुसज्जित महिलाओ ने कलश के साथ

Welcome Chaturmas

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आराधना का महापर्व तपस्या का स्वर्णिम पर्व प्राणी मात्र के प्रति करुणा भाव जगाने वाले अनुपम पर्व को भव्य नमन... 🙏🙏🙏🙏 अभिनन्दन पावन पर्व का उल्लास मन का आराधन आत्मा का

Raipur C.G. pravesh 25 July 2015... All R WC

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Raipur C.G. pravesh 25 July 2015... All R WC

PHALODI CHATURMAS PRAVESH 22 JULY 2015

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PHALODI CHATURMAS PRAVESH 22 JULY 2015

GURU VANI गुरु वाणी

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DIKSHA DAY पूज्य गुरुदेव गणाधीश महोदय उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. को 43वें संयमवर्ष प्रवेश पर हार्दिक वंदन.... अभिनंदन...

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पूज्य गुरुदेव गणाधीश महोदय उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म. को  43वें संयमवर्ष प्रवेश पर हार्दिक वंदन.... अभिनंदन... 9 जून 2015 आपके कुशल नेतृत्व में खरतरगच्छ संघ प्रगति करता रहें... आपकी कृपादृष्टि हम पर बनी रहें... जहाज मंदिर परिवार गुरुभक्त परिवार

khartar gachchh खरतरगच्छ के 82वें गणाधीश पद का चादर समारोह संपन्न पूज्यश्री द्वारा साधु सम्मेलन की घोषणा

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पूज्य प्रज्ञापुरूष आचार्य देव श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के प्रधान शिष्य रत्न पूज्य गुरुदेव मरूधर मणि उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. को सिंधनूर नगर की पावन धरा पर वीर संवत् 2541 ज्येष्ठ शुक्ल 11 शुक्रवार 29 मई 2015 को खरतरगच्छ के 82वें गणाधीश के रूप में प्रतिष्ठित किया गया। इस समारोह में सम्मिलित होने के लिये विशेष रूप से उग्र विहार कर श्रमण संघीय उपप्रवर्तक श्री नरेशमुनिजी म.सा. श्री शालिभद्रमुनिजी म. पधारे।   इस अवसर पर पूज्यश्री ने गणाधीश के रूप में अपने प्रथम संबोधन में गच्छ के इतिहास की चर्चा करते हुए इसके सुनहरे अतीत का वर्णन किया। तथा बताया कि हमें बहुत जल्दी तैयारियां करनी है कि हम गच्छ का सहस्राब्दी समारोह रचनात्मक कार्यों के साथ मना सके। इसके लिये हमें पारस्परिक मतभेदों को भुलाना होगा। मेरा सभी साधु साध्वीजी म. एवं श्रावक श्राविकाओं से नम्र अनुरोध है कि हम सभी संपूर्ण रूप से एक होकर गच्छ व समुदाय को प्रगति के मार्ग पर ले जाने का पुरूषार्थ करें। इसके लिये मैं चाहता हूँ कि हमारे सुखसागरजी महाराज के समुदाय के समस्त साधु साध्वीजी म. का सम्मेलन शीघ्र आय

Nakoda पूज्य आचार्यश्री का नाकोडाजी में स्वर्गवास

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पूज्य खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनकैलाशसागरसूरिजी म. का 82 वर्ष की उम्र में श्री नाकोडाजी तीर्थ पर ता. 23 मई 2015 ज्येष्ठ सुदि दूसरी पंचमी को स्वर्गवास हो गया। पूज्यश्री का जन्म नागोर जिले के रूण गांव में वि. सं. 1990 वैशाख सुदि 3 को श्री चतुर्भुजजी - सौ. श्रीमती दाखीबाई कटारिया के घर हुआ था। आपके पिताश्री चतुर्भुजजी ने पूज्य आचार्य श्री जिनहरिसागरसूरिजी म. के पास संयम ग्रहण कर तीर्थसागरजी म. नाम प्राप्त किया था। पिताजी के ही पदचिह्नों पर चलते हुए 25 वर्ष की युवा उम्र में वि. 2015 आषाढ सुदि 2 को संयम ग्रहण कर पूज्य आचार्य श्री जिनकवीन्द्रसागरसूरिजी म. का शिष्यत्व प्राप्त किया। मुख्यत: राजस्थान में आपका विचरण रहा। नागोर दादावाडी के निर्माण में आपकी प्रेरणा रही।