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Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

Udaipur उदयपुर में खरतर दिवस मनाया

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Udaipur उदयपुर में खरतर दिवस मनाया            दिनांक 14 अगस्त 2016 को खरतर दिवस के उपलक्ष में उदयपुर में  विराजित आयड तीर्थ में आचार्य श्री विजयअभयसेनसूरिजी म., थोब की वाड़ी संघ से उपाध्याय श्री नरेन्द्रविजयजी म.सा., अंचलगच्छ संघ से मुनिराज श्री तीर्थरत्नसागरजी म., हिरणमगरी संघ से साध्वी श्री संजयशीलाजी म., सूरजपोल दादावाडी संघ से मुुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. एवं मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म. आदि विशाल संख्या में साधु-साध्वी भगवन्तों का गुरुवन्दना व महापुरुषों की जीवनी पर प्रवचन का आयोजन उदयपुर के सुरजपोल स्थित श्री जिनदत्तसुरि दादावाडी के जिनकुशलसूरि मणि आराधना भवन में हुआ।

Durg दुर्ग में चातुर्मास का उल्लासपूर्ण माहौल

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Durg दुर्ग में चातुर्मास का उल्लासपूर्ण माहौल  पूज्य गुरुदेव आचार्य भगवंत प्रज्ञापुरूष श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री समयप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म. पूज्य मुनि श्री श्रेयांसप्रभसागरजी म. ठाणा 6 एवं पूजनीया आगम ज्योति प्रवर्तिनी श्री प्रमोदश्रीजी म.सा. की शिष्या पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. पूजनीया बहिन म. डाँ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म. पूजनीया साध्वी श्री प्रज्ञांजनाश्रीजी म. पूजनीया साध्वी श्री नीतिप्रज्ञाश्रीजी म. पूजनीया साध्वी श्री निष्ठांजनाश्रीजी म. ठाणा 5 की पावन निश्रा में छत्तीसगढ के दुर्ग नगर में चातुर्मास महोत्सव का जबरदस्त ठाट लगा है।

Michchhami Dukkadam

पर्वाधिराज पर्युषण की समाप्ति के परम पावन अवसर पर गत वर्ष जाने-अनजाने मन-वचन, काया के द्वारा आपको किसी भी प्रकार का आघात पहुँचा हो तो अपनी समस्त भूलों हेतु विनम्रतापूर्वक क्षमायाचना करते हुए आप सबको मिच्छा मि दुक्कडं. हम संकल्प लेते हैं कि आगामी वर्ष में हमारे वाणी-व्यवहार शुद्ध निष्पक्ष और आत्मीयपूर्ण रहे... जहाज मंदिर परिवार, राजस्थान

Paryushan at Palitana

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Paryushan at Palitana  Paryushan at Palitana  पालीताणा स्थित जिन हरि विहार संस्था में पर्युषण महापर्व के चतुर्थ दिन खरतर गच्छ के आचार्य जिनमणिप्रभसागरसूरिजी महाराज के शिष्य मुनि मयंकप्रभसागरजी महाराज के निर्देशन में हस्तिमलजी बोथरा परिवार बाडमेर वालों ने कल्पसूत्र को अर्पण कर सकल श्रीसंघ को शास्त्र श्रवण करवाने का लाभ लिया।

Paryushan Mahaparv @Durg

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दुर्ग ! पर्यूषण पर्व श्रावकों के लिए मोक्ष मार्ग पर जाने के पुरूषार्थ की आंतरिक तैयारी का समय है। जिस हृदय में दूसरों के प्रति क्षमा की नदी, सभी जीवों के प्रति समता का झरना और श्रद्धा की गंगा बहती हो उसकी आत्मा शुद्धत्व पाकर प्रतिक्रमण कर जीवन लक्ष्य मोक्ष की ओर अग्रसित होती है। धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी ने कहा कि मृत्यु के भय में मनुष्य कुछ भूल जाता है। मृत्यु का भय हमें पापकर्म से भी बचाता है। ऋषभ नगर, दुर्ग में श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ और संघशास्ता चातुर्मास समिति द्वारा आयोजित चातुर्मास प्रवचन श्रृंखला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी ने कहा कि जीवन लक्ष्य, मोक्ष को पाने के लिए आत्मशुद्धि एवं प्रतिक्रमण के लिए पर्यूषण पर्व के शेष दिनों में भौतिक सुविधाओं को त्यागकर अनावश्यक भ्रमण, अनावश्यक वार्तालाप आदि से बचकर समय का सदुपयोग साधना में करें। 

Pravachan Acharya Jinmaniprabhsuri ji @Durg Chaturmas 29 August 2016

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 Acharya Jinmaniprabhsuri ji अहिंसा परमोधर्म: का संदेश देने वाला पर्व पर्वाधिराज पर्यूषण एवं प्रतिवर्ष जीवन को धन्य बनाने का अवसर प्रदान करने वाला पर्व है। यह पर्व ऐसे आठ दिनों का समूह है जो श्रावकों को समस्त हिंसा वाला क्रियाओं को त्यागने तथा अहिंसा को अपने जीवन में सभी कर्म-विधानों, मन-वचन और काया से निर्वहन की शिक्षा देता है। वर्ष भर में जाने-अनजाने की गई हिंसा और जीव-जंतुओं को पहुंचायी गई पीड़ा के लिए क्षमा प्रार्थना का अवसर है, पर्यूषण पर्व। दुर्ग में चल रही प्रवचन श्रृंखला में आज दिए गए विशेष प्रवचन में आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी ने उक्त विचार व्यक्त किए।

Palitana - JinaHari Vihar श्री पालीताना स्थित जिनहरि विहार धर्मशाला में मुनि मयंकप्रभसागर महाराज के निर्देशन में चल रहे पर्यूषण प्रवचन में जिनवाणी श्रवण करते हुये श्रोता गण

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Add caption Palitana - JinaHari Vihar Palitana - JinaHari Vihar

Paryushan pajushan जैन धर्म में पर्युषण पर्व का विशेष महत्व है। यह सर्वश्रेष्ठ पर्व माना जाता है। पर्युषण आत्मशुद्धि का पर्व है, कोई लौकिक त्यौहार नहीं।

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इस पर्व में सम्यग दर्शन ज्ञान चारित्र की आराधना कर आत्मा को मिथ्यात्व, विषय व कषाय से मुक्त कराने का प्रयत्न पुरुषार्थ किया जाता है। जैन आगमों में वर्णित ६ अ ठा ई में से ये एक है। इसके अलावा ३ चातुर्मास व दो ओली की अ ठा इयाँ होती है। इनमें देवता-गण भी नन्दीश्वर द्वीप में जा कर आठ दिन तक भगवान की भक्ति करते हैं। देवगण परमात्मा की भक्ति के अलावा जप-तप अदि कोई धर्म  कृ त्य नहीं कर सकते, परंतु मनुष्य हर प्रकार की धर्मक्रिया कर सकता है। अत: पर्युषण में विशेष रूप से धर्म की आराधना करना कर्तव्य है।

Kharatar Diwas ... पालीताणा में खरतर दिवस मनाया

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Kharatar Diwas पालीताणा स्थित जिन हरि विहार धर्मशाला में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभसूरि महाराज के शिष्य मुनिराज मयंकप्रभसागर महाराज के निर्देशन में चातुर्मास आराधना-साधना-ज्ञानाराधना पूर्वक चल रहा है। इसी क्रम में दिनांक 8 अगस्त 2016 को प्रात: साढे नौ बजे आराधना भवन में खरतर दिवस मनाया गया। द्विशताधिक आराधक भाई-बहिनों की विशाल उपस्थिति मेंं यह दिवस भव्य रूप से मनाया गया। धर्मसभा में सर्वप्रथम नवकार मंत्र का सामुहिक गान कर विश्व शांति की मंगल कामना की गयी। फिर गणनायक सुखसागर गुरु की प्रार्थना से धर्मसभा की शुरुआत हुई। मुनि मेहुलप्रभसागर महाराज एवं मुनि कल्पज्ञसागर महाराज ने अपने उद्बोधन में खरतर गच्छ के परंपरा, इतिहास की विस्तृत जानकारी दी।  उन्होंने कहा कि भगवान महावीर की परंपरा में गुरु भगवंतों ने त्याग का मार्ग अपनाया। शिथिलाचार का त्याग कर आचार धर्म की प्रतिष्ठा की। जीवन उसी का अनुकरणीय है जिनका जीवन परमार्थ के लिये के लिये हो। Kharatar Diwas महत्तरा साध्वी दिव्यप्रभा ने कहा कि श्रीसंघ को आध्यात्मिक प्रेरणा देने का कार्य आचार्यों का है। जिनमें

khartargachchh ki Bhartiy sanskruti ko den. खरतरगच्छ की भारतीय संस्कृति को देन

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khartargachchh ki Bhartiy sanskruti ko den. खरतरगच्छ  की  भारतीय संस्कृति को देन khartargachchh ki Bhartiy sanskruti ko den. खरतरगच्छ कि भारतीय संस्कृति को देन 1

JinManiPrabhSuri Gurudev... दुर्ग नगर में चातुर्मास का लगा ठाट

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JinManiPrabhSuri           पूज्य गुरुदेव प्रज्ञापुरूष आचार्य भगवंत श्री जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा 6 एवं आगम ज्योति प्रवर्तिनी श्री प्रमोदश्रीजी म. की शिष्या पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म., बहिन म. डाँ. विद्युत्प्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा 5 का दुर्ग नगर में ऐतिहासिक चातुर्मास संपन्न हो रहा है। श्री संघ की भक्ति, सेवा अनुमोदनीय है। उनका पुरूषार्थ अनुकरणीय है। पूज्यश्री के प्रवचनों में सभी पंथों के लोग सम्मिलित हो रहे हैं। 15 हजार वर्गफीट के विशाल पाण्डाल में रविवार को जरा भी जगह नहीं रहती।

Palitana JinHari vihar जिनहरि विहार में आराधना का ठाठ

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muni Mayankprabh ms            पालीताणा स्थित जिन हरि विहार धर्म शा ला में पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरिजी महाराज के शिष्य मुनिराज श्री मयंकप्रभसागरजी महाराज के निर्दे श न में चातुर्मास आराधना-साधना-ज्ञानाराधना पूर्वक चल रहा है।                 प्रतिदिन प्रात: प्रवचन में गणनायक श्री सुखसागरजी महाराज की प्रार्थना का सामुहिक संगान किया जाता है। मुनि मेहुलप्रभसागरजी म. एवं मुनि कल्पज्ञसागरजी म. प्रवचन में आराधना के सार तत्व का विश्लेषण करते है। जिसमें काफी अच्छी संख्या में श्रोता भाग ले रहे है।                  दोपहर में मुनि मेहुलप्रभसागरजी म. समाचारी शतक ग्रंथ की वाचना देते है। साथ ही पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मनोज्ञसागरजी महाराज के शिष्य पूज्य मुनि श्री कल्पज्ञसागरजी महाराज श्रावक श्राविकाओं को चातुर्मास में स्वाध्याय के माध्यम से आत्मा , कर्म सिद्धान्त , नौ तत्व आदि की शिक्षा देकर अनुमोदनीय कार्य करते है।                 ज्ञातव्य है कि जिन हरि विहार धर्म शा ला में पूज्या महत्तरा श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा , साध्वी हेमरत्नाश्रीजी म. आदि

Khartargacch pratinidhi sabha श्री अ. भा. जैन श्वे. खरतरगच्छ प्रतिनिधि महासभा की बैठक संपन्न

दुर्ग नगर में ता. 31 जुलाई 2016 को पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में महासभा की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता महासभा के संयोजक श्री मोहनचंदजी ढड्ढा ने की।                 बैठक में सर्वसम्मति से महासभा का विधान पारित किया गया। इसे अहमदाबाद में पंजीकरण का निर्णय किया गया। सर्वसम्मति से आगामी तीन वर्ष के कार्यकाल के लिये रायपुर निवासी श्री मोतीचंदजी झाबक को अध्यक्ष चुना गया।

Khartargacch pedhi श्री जिनदत्त-कुशलसूरि खरतरगच्छ पेढी के चुनाव संपन्न

श्री सिद्धाचल महातीर्थ पर पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की पावन प्रेरणा से संस्थापित श्री जिनदत्त-कुशलसूरि खरतरगच्छ पेढी के चुनाव दुर्ग नगर में पूज्यश्री की पावन निश्रा में संपन्न हुए। पेढी की साधारण सभा हुई , जिसकी अध्यक्षता पेढी के अध्यक्ष श्री मोहनचंदजी ढड्ढा ने की। कार्यकाल पूरा होने पर पेढी के विधान के अनुसार चुनाव हुआ , जिसमें संघवी श्री तेजराजजी गुलेच्छा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। श्री भंवरलालजी छाजेड मुंबई वरिष्ठ उपाध्यक्ष बने। श्री पदमचंदजी टाटिया , चेन्नई महामंत्री एवं श्री दीपचंदजी बाफना अहमदाबाद कोषाध्यक्ष चुने गये। निवर्तमान अध्यक्ष श्री मोहनचंदजी ढड्ढा को संरक्षक बनाया गया।

Khartargaccha Chaturmas List 2016: खरतरगच्छ साधु साध्वी चातुर्मास - 2016

Click here for Download   खरतरगच्छ साधु साध्वी चातुर्मास - 2016   Khartargaccha Chaturmas List 2016

Khartargachchh Yuva Parishad अ. भा. खरतर गच्छ युवा परिषद् की सभा संपन्न

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Khartargachchh Yuva Parishad  गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर दुर्ग (छत्तीसगढ़ ) में पूज्य खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीजी म.सा. की निश्रा में दि. 19 जुलाई को अ.भा.खरतरगच्छ युवा परिषद् की केंद्रीय और समस्त शाखाओं के अध्यक्षों और सचिवों की सभा सम्पन्न हुई । गुरु वन्दन और मंगलाचरण के बाद के यूप की पूर्व की मीटिंग की जानकारी के बाद आगे की कार्यवाही पर चर्चा हुई I जिसमें अहमादाबद में परिषद का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कराना निश्चित किया ।   सभी शाखा के सदस्यों को संस्था और गच्छ के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से सभी शाखाओं का राज्यस्तरीय अधिवेशन का आयोजन करने का निर्णय लिया गया I   जिसके लिए कुशलजी गुलेच्छा को संयोजक बनाया गया I दि.  24 और 25 सितम्बर को दुर्ग नगर में के यूप का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करने का निर्णय लिया गया   ।   जिसमें पदमजी बरडिया (दुर्ग) को संयोजक एवं    सुरेश जी भंसाली (रायपुर) और ललित भंसाली (राजनांदगांव) को सह संयोजक बनाया गया I   यह अधिवेशन सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य रहेगा I इस अधिवेशन में सभी शाखा के   लगभग 3000 युवाओं के सहभागी होने क

Udaipur Chaturmas... उदयपुर दादावाडी में चातुर्मास प्रवेश संपन्न

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             श्री जैन श्वे. वासुपूज्य महाराज का मन्दिर एवं श्री जिनदत्तसूरिजी दादावाडी ट्रस्ट, उदयपुर के तत्वावधान में प.पू. आचार्य भगवंत श्री जिनकांतिसागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य-प्रशिष्य एवं खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीजी म.सा. के निश्रावर्ती मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म.सा. एवं प्रवचनकार मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म.सा. का चातुर्मास उदयपुर स्थित जिनदत्तसूरि दादावाडी में है, जिसका नगर प्रवेश दि. 2 जुलाई 2016 को स्थानीय ज्योति होटल से सूरजपोल दादावाडी पर सम्पन्न होकर आराधना भवन में धर्मसभा में परिवर्तित हुआ।         पूज्य मुनि श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. के मंगलाचरण से धर्मसभा प्रारम्भ हुई, पूज्य मुनि श्री मनीषप्रभसागर जी म.सा. ने चातुर्मास की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये चातुर्मास को तपस्या व आराधना से परिपूर्ण बनाने का संदेश दिया। ट्रस्ट के सचिव राजभाई लोढ़ा ने अपने वक्तव्य में खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के शुभकामना संदेश का वांचन करते हुये मुनिश्री का चातुर्मास हेतु हुये उग्र विहार ही सुखपृच्छा की। मुख्य चातुर्मास संयोजक श्री किरणमलजी

Happy Diksha Day.. Sree JinManiprabhSuriji ms... खरतरगच्छाधिपति पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म. को दीक्षा दिवस पर तहेदिल से हार्दिक वंदना... सदैव कृपादृष्टि की कामना... परमात्मा एवं दादा गुरुदेव से प्रार्थना करता हूँ कि आप शासन प्रभावना करते रहे...

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Happy Diksha Day.. Sree JinManiprabhSuriji ms...

Muni Manishprabh sagarji ko DIKSHA DIVAS ki Badhai

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पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीजी म.सा. के शिष्य  पूज्य प्रवचनकार मुनिराज श्री मनीषप्रभसागरजी म.सा. को दीक्षा दिवस पर वंदनाएं एवं बधाई।  मुनिश्री का चातुर्मास प्रवेश उदयपुर सूरजपोल दादावाड़ी में 2 जुलाई को होगा। सकल श्रीसंघ को पधारने का हार्दिक निवेदन

Shivir in Palitana पालीताना में शानदार रहा कन्या शिविर

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अंतराष्ट्रीय जैन तीर्थ पालीताणा में आनंद, आरोग्य, उत्साह, आत्मविश्वास एवं प्राण ऊर्जा के जागरण के लिए 11 मई से 18 मई 2016 तक आठदिवसीय ‘जीवन जीने की कला’ शिविर का आयोजन हुआ। साध्वी डाँ. प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. की प्रेरणा से अखिल भारतीय सदा कुशल सेवा समिति द्वारा इस शिविर का आयोजन किया गया। पूज्य गुरुदेव खरतरगच्छाधिपति आचार्य देव श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी महाराज के आशीर्वाद से मुनिराज श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. की निश्रा में एवं गच्छगणिनी साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म. की शिष्या साध्वी प्रियरंजनाश्रीजी म. व साध्वी डाँ. प्रियश्रद्धांजनाश्रीजी म. के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में यह कन्या शिविर संपन्न हुआ। इस शिविर में 14 से 28 वर्षीया बालिकाओं ने भाग लिया। जिसमें अहमदाबाद, सुरत, बडौदा, मुंबई, पुना, हैद्राबाद, बाडमेर, जोधपुर, बेंगलोर, मैसुर, सिंधनूर, रायचूर, होस्पेट, बल्लारी, गदग, हुबली, तिरुपात्तुर, चैन्नई, बालोतरा, रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव आदि विविध स्थानों से तीन सौ से अधिक बालिकाएं शामिल हुई। शिविर में बालिकाओं को जीवन जीने की कला, माता पिता के उपकार, मानवता के कार्य, परिवार में