धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि मनोज्ञसागरजी ने कहा कि दादा गुरुदेव यहां प्रत्यक्ष है। कुशलगुरुदेव के गुणों का स्मरण करते हुए कहा कि यहां का कण कण गुरुदेव की महिमा गा रहा है। यहां पर की गई भक्ति का फल अवष्य मिलता है।
मुनि नयज्ञसागरजी म. ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि संकल्प, श्रद्धा व स्वहित के साथ परहित की दृष्टि होनी चाहिए।
कार्यक्रम में संगीतकार अस्मिता पटेल, सुनील पारख, प्राची जैन व कुषल भक्ति मण्डल के कलाकारों भक्ति संगीत की स्वर लहरियाँ बिखेर कर वातावरण को भक्तिमय बनाया।
दोपहर में दादाकुशल गुरू की बडी पूजा पढाई गई।
मेले के अवसर पर बाहर से पधारे कई गणमान्य सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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