Featured Post

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

Image
पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823

कोयम्बतूर में ता. 2 फरवरी को मंगल मुहूत्र्त में परमात्मा स्तंभन पाश्र्वनाथ, दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरि, नाकोडा भैरव, घंटाकर्ण महावीर, श्री अंबिका देवी, श्री सरस्वती देवी, श्री काला गोरा भैरव, श्री पाश्र्व यक्ष एवं श्री पद्मावती देवी की प्रतिष्ठा की गई। मंदिर दादावाडी की प्रतिष्ठा संपन्न

तमिलनाडु के कोयम्बतूर नगर में श्री झाबक परिवार द्वारा स्वद्रव्य से निर्मित श्री स्तंभन पाश्र्वनाथ जिन मंदिर एवं श्री जिनदत्तसूरि दादावाडी की अंजनशलाका प्रतिष्ठा पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी .सा. पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी .सा. एवं पूजनीया महत्तरा साध्वी श्री मनोहरश्रीजी .सा. की शिष्या पूजनीया साध्वी श्री तरूणप्रभाश्रीजी .  एवं पूजनीया महत्तरा श्री चंपाश्रीजी . जितेन्द्रश्रीजी . की शिष्या पूजनीया साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी . आदि के पावन सानिध्य में परम भक्ति भावना के वातावरण में संपन्न हुई।  ता 2 फरवरी को मंगल मुहूत्र्त में परमात्मा स्तंभन पाश्र्वनाथ, दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरि, नाकोडा भैरव, घंटाकर्ण महावीर, श्री अंबिका देवी, श्री सरस्वती देवी, श्री काला गोरा भैरव, श्री पाश्र्व यक्ष एवं श्री पद्मावती देवी की प्रतिष्ठा की गई।



प्रतिष्ठा महोत्सव का प्रारंभ ता. 29 जनवरी को कुंभ स्थापना से हुआ। ता. 30 को पूज्यश्री मंगल प्रवेश हुआ। च्यवन कल्याणक आदि विध्ाान संपन्न किये गये।
शास्त्रीय आध्ाार पर समस्त कल्याणकों के विध्ाान मंदिरजी में ही किये गये। ता. 1 फरवरी को भव्य वरघोडा संपन्न हुआ। ता. 2 फरवरी को मंगल मुहूत्र्त में परमात्मा स्तंभन पाश्र्वनाथ, दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरि, नाकोडा भैरव, घंटाकर्ण महावीर, श्री अंबिका देवी, श्री सरस्वती देवी, श्री काला गोरा भैरव, श्री पाश्र्व यक्ष एवं श्री पद्मावती देवी की प्रतिष्ठा की गई।
जैसलमेर के पीत पाषाण में उत्तम कोरणी युक्त इस जिन मंदिर में केवल पाश्र्वनाथ परमात्मा की एक ही खडी विशाल प्रतिमा बिराजमान की गई। दादावाडी में ध्यान-मुद्रा में दादा जिनदत्तसूरि की मनोहारी प्रतिमा बिराजमान की गई। परमात्मा गुरुदेव की केवल एक एक प्रतिमा ही बिराजमान की गई।
जिन मंदिर दादावाडी अलग अलग पास पास बनाये गये। इस मंदिर दादावाडी में 10 हजार से अिध्ाक घन फीट पाषाण लगा। इसका निर्माण मात्र चार महिने में किया गया। श्री विजयराजजी सौ. पारसमणि देवी, पुत्र कुशलराज, जामाता संजयजी गुलेच्छा ने इस मंदिर दादावाडी के निर्माण में रात दिन एक किया। पूज्यश्री ने स्फटिक रत्न मय दादा गुरुदेव की दिव्य प्रतिमा श्री झाबकजी को दी।

ता. 3 फरवरी को द्वारोद्घाटन के साथ समारोह संपन्न हुआ।

jahaj mandir, maniprabh, mehulprabh, kushalvatika, JAHAJMANDIR, MEHUL PRABH, kushal vatika, mayankprabh, Pratikaman, Aaradhna, Yachna, Upvaas, Samayik, Navkar, Jap, Paryushan, MahaParv, jahajmandir, mehulprabh, maniprabh, mayankprabh, kushalvatika, gajmandir, kantisagar, harisagar, khartargacchha, jain dharma, jain, hindu, temple, jain temple, jain site, jain guru, jain sadhu, sadhu, sadhvi, guruji, tapasvi, aadinath, palitana, sammetshikhar, pawapuri, girnar, swetamber, shwetamber, JAHAJMANDIR, www.jahajmandir.com, www.jahajmandir.blogspot.in,

Comments

Popular posts from this blog

AYRIYA LUNAVAT GOTRA HISTORY आयरिया/लूणावत गोत्र का इतिहास

RANKA VANKA SETH SETHIYA रांका/वांका/सेठ/सेठिया/काला/गोरा/दक गोत्र का इतिहास

RAKHECHA PUGLIYA GOTRA HISTORY राखेचा/पुगलिया गोत्र का इतिहास