Featured Post

Shri JINManiprabhSURIji ms. खरतरगच्छाधिपतिश्री जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है।

Image
पूज्य गुरुदेव गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. एवं पूज्य आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीजी महाराज आदि ठाणा जहाज मंदिर मांडवला में विराज रहे है। आराधना साधना एवं स्वाध्याय सुंदर रूप से गतिमान है। दोपहर में तत्त्वार्थसूत्र की वाचना चल रही है। जिसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण एवं यूट्यूब (जहाज मंदिर चेनल) पे वीडियो दी जा रही है । प्रेषक मुकेश प्रजापत फोन- 9825105823


एक
 मिनिट जटाशंकर

 -उपाध्याय मणिप्रभसागरजी म. सा.
जटाशंकर कोई व्यक्ति नहीं है। यह वह पात्र है जो हर व्यक्ति के भीतर छिपा बैठा है। यह हमारे अपने अन्तर का ही प्रतिबिम्ब है।
जीवन में व्यक्ति विविध घटनाओं से गुजरता है! अच्छी भी, बुरी भी! उन क्षणों में मानसिकता भी उसी प्रकार की हो जाती है। तब एक सच्चे सलाहकार की आवश्यकता होती है, जिससे जान सकें कि उन क्षणों में उचित उपाय क्या है?
ऐसे समय में जटाशंकर सच्चा मित्र बनता है। वह अपने आपको उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करके समझाने का प्रयास करता है कि उन अवसरों पर क्या और कैसे कार्य करना चाहिये?
यह गहरी से गहरी बात हँसी द्वारा हमें समझा देता है। यही इसकी विशिष्टता है।
सीधे सीधे किसी का नाम लेने पर द्वन्द्व खडा हो सकता है। तब जटाशंकर हमारे सामने काल्पनिक पात्र के रूप में प्रकट होता है। उसके नाम से कडवी बात भी आनन्द के साथ कही@सुनी जा सकती है। हास्य कथाओं के रूप में जीवन के सत्य को उजागर करने वाली... सही दिशा देने वाली यह पुस्तक हमारे जीवन को उर्जा दें.. निश्छल और मधुर हास्य से परिपूर्ण हमारा जीवन बनें।


-----------------------------------
------------------------------------------

Comments

Popular posts from this blog

RANKA VANKA SETH SETHIYA रांका/वांका/सेठ/सेठिया/काला/गोरा/दक गोत्र का इतिहास

GADVANI BHADGATIYA BADGATYA GOTRA HISTORY गडवाणी व भडगतिया गोत्र का इतिहास

GANG PALAVAT DUDHERIYA GIDIYA MOHIVAL VIRAVAT GOTRA HISTORY गांग, पालावत, दुधेरिया, गिडिया, मोहिवाल, टोडरवाल, वीरावत आदि गोत्रें का इतिहास